Last Updated:May 10, 2025, 08:58 IST
India pakistan war sindoor, Pakistan , SAMAR Missile, Indian Air Force: भारतीय वायुसेना ने SAMAR मिसाइल से पाकिस्तानी ड्रोन को मार गिराया. SAMAR, पुरानी रूसी मिसाइलों को मॉडिफाई करके बनाई गई है. यह स...और पढ़ें

Operation Sindoor, India Attacks Pakistan, India Pakistan Conflict: पाकिस्तानी ड्रोन्स को कर दिया ढेर.
हाइलाइट्स
भारतीय वायुसेना ने SAMAR मिसाइल से पाकिस्तानी ड्रोन गिराए.SAMAR मिसाइल पुरानी रूसी मिसाइलों को मॉडिफाई करके बनाई गई है.SAMAR मिसाइल सस्ती, तेज और देसी हथियार है.India Pakistan war Sindoor, India Pakistan News, SAMAR Missile, Indian Air Force: भारत ने पाकिस्तान के कई हवाई हमलों को नाकाम किया. उसकी कई मिसाइलों और ड्रोन को मार गिराए. इसके लिए वायुसेना ने अपने एयर डिफेंस सिस्टम की कई मिसाइलों का उपयोग किया, इसमें आकाश, S-400 के अलावा एक और जिस मिसाइल का उपयोग किया गया, उसका नाम SAMAR मिसाइल है. SAMAR मिसाइल, भारत का छोटा लेकिन धाकड़ हथियार है, जो ड्रोनों और हेलिकॉप्टरों, फाइटर जेट को आसमान में ही ढेर कर देता है. खास बात यह है कि भारतीय वायुसेना ने पुरानी रूसी मिसाइलों को रीसाइकिल करके इसे बनाया है.सबसे अहम बात यह है कि भारतीय वायुसेना का यह सिस्टम सस्ता, तेज,और देसी है.पाकिस्तान के ड्रोन के लिए यह मिसाइल काल बन गया है.आइए आपको बताते हैं SAMAR की खास बातें…
SAMAR का फुलफॉर्म है Surface to Air Missile for Assured Retaliation.यह भारत का एक खास हथियार है,जो आसमान से आने वाले खतरों को ढेर करने के लिए बनाया गया है. यह एक छोटी दूरी की मिसाइल है,जो ड्रोन,हेलिकॉप्टर या दुश्मन के फाइटर जेट्स को पलक झपकते उड़ा देती है. इसे भारतीय वायुसेना ने खुद बनाया है. इसे पुरानी रूसी मिसाइलों को मॉडिफाई करके बनाया गया है.इसे भारतीय वायुसेना का सुपर स्टार भी कहा जाता है.
SAMAR कैसे काम करता है?
SAMAR का काम है आसमान में दुश्मन के हवाई हमलों को रोकना. मान लीजिए कोई ड्रोन या जेट भारत की सीमा में घुसने की कोशिश करे, SAMAR उसे ट्रैक करके तुरंत नष्ट कर देता है.सबसे अहम यह है कि इसे ट्रक पर लादकर कहीं भी ले जाया जा सकता है.SAMAR लद्दाख की ऊंची पहाड़ियों से लेकर पाकिस्तान के सीमावर्ती इलाकों में तक तैनात किया जा सकता है.अभी समर ने पाकिस्तान के कई ड्रोन्स को मार गिराया है.जिसके बाद यह सुर्खियों में है.ये मिसाइल दो तरह की होती है-
SAMAR-1: इसका वजन लगभग 105 किलो होता है.इसकी लंबाई करीब 10 फीट होती है.यह 12-40 किमी तक मार सकती है. यह ड्रोन,हेलिकॉप्टर,या अन्य हवाई खतरों को टॉरगेट कर सकता है.
SAMAR-2:इसका वजन लगभग 253 किलो तक होता है.यह समर 1 से थोड़ा भारी होता है.इसकी लंबाई 13.4 फीट होती है.इसकी मारक क्षतमा 12-40 किमी तक है.यह भी फाइटर जेट्स और बड़े खतरों को टारगेट कर सकता है.
क्या होती है SAMAR की स्पीड?
भारतीय वायुसेना के SAMAR मिसाइल की स्पीड लगभग 3000 किमी/घंटा होती है.इसकी स्पीड के आगे दुश्मन को भागने का मौका ही नहीं मिलता.इसमें दो मिसाइलें एक साथ दागने वाला सिस्टम है. चाहे एक-एक करके दागे जा सकते हैं या दोनों साथ में.ये खासतौर पर कम ऊंचाई पर उड़ने वाले खतरों को निशाना बनाती है.
भारतीय वायुसेना में SAMAR का काम
SAMAR भारतीय वायुसेना का एक छोटा लेकिन जरूरी हथियार है. इसका काम है सीमाओं की निगरानी और उनकी रक्षा करना.इस मिसाइल को लद्दाख,जम्मू,पंजाब जैसे इलाकों में तैनात किया गया है.जहां ड्रोन या हेलिकॉप्टर से हमले का खतरा रहता है. 2024 में करगिल विजय दिवस पर इसे लद्दाख में देखा गया था. SAMAR को ट्रक पर लेकर कहीं भी तैनात किया जा सकता है.SAMAR बाकी हथियारों जैसे आकाश मिसाइल और S-400 के साथ मिलकर भारत के आसमान को सुरक्षित रखता है.इसे वायुसेना की 7 Base Repair Depot(BRD)यूनिट चलाती है,जो पुराने हथियारों को नया करने में माहिर है.
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दिलचस्प है SAMAR की कहानी
SAMAR की कहानी काफी दिलचस्प है.असल में भारत के पास रूस की R-73E और R-27 मिसाइलें थीं,जो हवा से हवा में मार करने वाली थीं, लेकिन इनकी मियाद खत्म होने वाली थी. वायुसेना ने सोचा,इन्हें फेंकने की बजाय नया हथियार बनाया जाए.जिसके बाद भारतीय वायुसेना की मेंटिनेंस कमांड की 7 BRD यूनिट ने इन्हें मॉडिफाई करके SAMAR बनाया. ये यूनिट फाइटर जेट्स और हथियारों को अपग्रेड करने में उस्ताद है.इसका पहला टेस्ट 17 दिसंबर 2023 को अस्त्रशक्ति-2023 युद्धाभ्यास में किया गया.जिसमें SAMAR ने पहली बार टारगेट्स को उड़ाया.यह टेस्ट आंध्र प्रदेश में हुआ.फरवरी 2024 में वायुशक्ति-2024 (पोखरण, राजस्थान) में SAMAR ने सबको दिखाया कि ये कितना सटीक और ताकतवर है.
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Dhiraj Raiअसिस्टेंट एडिटर
न्यूज़18 हिंदी (Network 18) डिजिटल में असिस्टेंट एडिटर के तौर पर कार्यरत. करीब 13 वर्ष से अधिक समय से मीडिया में सक्रिय. हिन्दुस्तान, दैनिक भास्कर के प्रिंट व डिजिटल संस्करण के अलावा कई अन्य संस्थानों में कार्य...और पढ़ें
न्यूज़18 हिंदी (Network 18) डिजिटल में असिस्टेंट एडिटर के तौर पर कार्यरत. करीब 13 वर्ष से अधिक समय से मीडिया में सक्रिय. हिन्दुस्तान, दैनिक भास्कर के प्रिंट व डिजिटल संस्करण के अलावा कई अन्य संस्थानों में कार्य...
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