Last Updated:June 14, 2025, 22:28 IST
Shubhanshu Shukla News: भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी इसरो ने स्पेसएक्स के फाल्कन-9 रॉकेट में दरार पकड़कर ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला समेत चार अंतरिक्ष यात्रियों की जान बचा ली. मिशन अब 19 जून को लॉन्च होगा.

अमेरिका में भी ISRO की इस टेक्निकल दखल की तारीफ हो रही है. (फोटो NASA)
हाइलाइट्स
ISRO ने SpaceX के फाल्कन-9 रॉकेट में दरार पकड़ी.इसरो की सख्ती से शुभांशु शुक्ला समेत चार अंतरिक्ष यात्रियों की जान बची.मिशन का लॉन्च अब 19 जून को होगा.Shubhanshu Shukla News: भारती स्पेस एजेंसी इसरो (ISRO) ने एक बार फिर दुनिया को दिखा दिया कि जब बात तकनीक और सुरक्षा की हो तो वह किसी से कम नहीं. अमेरिका की मशहूर कंपनी SpaceX के फाल्कन-9 रॉकेट में लिक्विड ऑक्सीजन लाइन में खतरनाक दरार पकड़कर इसरो ने चार अंतरिक्ष यात्रियों की जान बचा ली. इनमें भारत के पायलट ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला भी शामिल हैं. शुभांशु शुक्ला 550 करोड़ रुपए की लागत से इस मिशन का हिस्सा हैं.
दरअसल फाल्कन-9 रॉकेट Axiom-4 मिशन के तहत 19 जून को अंतरिक्ष में उड़ान भरने वाला है. लॉन्च से पहले ISRO की 13 सदस्यीय टीम ने अमेरिका के फ्लोरिडा स्थित केनेडी स्पेस सेंटर पर कड़ी जांच की. इसी दौरान रॉकेट के पहले स्टेज में ऑक्सीडाइजर लाइन में क्रैक मिला. SpaceX ने पहले इसे मामूली लीकेज मानकर सिर्फ ‘पर्ज’ तकनीक से ही काम चलाने की कोशिश की, लेकिन ISRO प्रमुख डॉ वी. नारायणन ने इसे सीधे खारिज कर दिया.
ISRO अपनी बात पर रहा अडिग
डॉ नारायणन ने जोर देकर कहा कि जब तक दरार पूरी तरह बदली नहीं जाती और लो-टेम्परेचर लीकेज टेस्ट सफल नहीं होता, तब तक लॉन्च की इजाजत नहीं मिलेगी. SpaceX को आखिरकार ISRO की शर्तें माननी पड़ीं और दरार वाला हिस्सा बदलना पड़ा.
शुभांशु शुक्ला समेत चार अंतरिक्ष यात्रियों की जान बची
इस मिशन में भारत के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला के अलावा अमेरिका की पेगी व्हिटसन, पोलैंड के स्लावोस उज़ानांस्की और हंगरी के टिबोर कपू शामिल हैं. अगर यह दरार लॉन्च के समय फट जाती तो रॉकेट में धमाका हो सकता था. एक्सपर्ट्स का कहना है कि लिक्विड ऑक्सीजन काफी ज्वलनशील होता है और लॉन्च के वक्त रॉकेट में जबरदस्त कंपन होते हैं, जिससे दरार बढ़ सकती थी.
5 बार टला लॉन्च, अब 19 जून को नई तारीख
ISRO की सख्ती की वजह से लॉन्च को पांच बार टालना पड़ा. अब सभी टेस्ट के बाद नया लॉन्च डेट 19 जून रखा गया है. अगर किसी वजह से यह डेट चूक गई तो 30 जून तक का विंडो खुला रहेगा.
ISRO ने फिर दिखाया अपना क्लास
ISRO चीफ डॉ नारायणन खुद क्रायोजेनिक इंजन के एक्सपर्ट हैं और जानते हैं कि लिक्विड ऑक्सीजन लीक कितना बड़ा खतरा बन सकता है. यही वजह रही कि उन्होंने दुनिया की सबसे बड़ी प्राइवेट स्पेस कंपनी SpaceX के सामने भी कड़ा रुख अपनाया. अमेरिका में भी ISRO की इस टेक्निकल दखल की तारीफ हो रही है.
भारत के विज्ञान मंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने भी कहा कि सुरक्षा और मिशन की शुद्धता सबसे ऊपर है. इसी बीच इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन के ज़्वेज़्दा मॉड्यूल में प्रेशर की दिक्कत सामने आई है. Axiom Space और NASA मिलकर इसका समाधान खोज रहे हैं. लेकिन भारतीय टीम ने साफ कर दिया है कि पहले सभी सेफ्टी चेक पूरे होंगे फिर ही मिशन आगे बढ़ेगा.
Sumit Kumar is working as Senior Sub Editor in News18 Hindi. He has been associated with the Central Desk team here for the last 3 years. He has a Master's degree in Journalism. Before working in News18 Hindi, ...और पढ़ें
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