DNA: इराक, सीरिया और अब ईरान... 44 साल में तीन देशों को इजरायल सिखाया सबक, बन गया न्यूक्लियर बम किलर

12 hours ago

DNA: ऐसा कहा जाता है कि दुनिया परमाणु बम से डरती है लेकिन परमाणु बम को इजरायल से डर लगता है. ऐसा कहने की ठोस वजह और उसके सबूत भी मौजूद हैं. आज की तारीख में इजरायल दुनिया का एकमात्र ऐसा देश है जिसने पिछले 44 वर्षों में तीन देशों के परमाणु बम तैयार करने के सपने को बर्बाद कर दिया है. इस लिस्ट में पहला नंबर है ईरान का जिसके परमाणु प्लांट्स पर इजरायल के फाइटर जेट मिसाइल और ड्रोन हमले कर रहे हैं. इससे पहले इजरायल यही काम 2007 में सीरिया और वर्ष 1981 में इराक के खिलाफ कर चुका है.

अब हम आपको एक-एक करके बताएंगे कि इजरायल कैसे परमाणु बमों का काल बन गया है. पिछले 40 घंटों से इजरायल ने ईरान के परमाणु संयंत्रों पर सबसे घातक हमला किया है. अब तक ईरान के 4 बड़े न्यूक्लियर प्लांट्स को इजरायल निशाना बना चुका है. जिसमें सबसे प्रमुख है नतांज, जहां पर जमीन के अंदर ईरान की न्यूक्लियर फैसिलिटी मौजूद है. इस लोकेशन पर यूरेनियम को प्रोसेस करके उसको हथियार बनाने में इस्तेमाल करने लायक बनाया जाता है और इस प्लांट की सुरक्षा के लिये ईरान ने इसे पाताल-लोक में पहुंचा दिया था.

#DNAWithRahulSinha | दूसरों का 'परमाणु' फोड़ता है..इजरायल! दुनिया का 'न्यूक्लियर किलर' है इजरायल?

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— Zee News (@ZeeNews) June 14, 2025

कई सौ फीट गहराई में जाकर बनाया प्लांट

दावा किया गया कि ईरान ने किसी भी तरह के हमले से बचाने के लिये जमीन के नीचे 260 फीट से लेकर 328 फीट की गहराई पर इसका निर्माण किया. एक उदाहरण से इसे समझिये. दिल्ली में कुतुब-मीनार की ऊंचाई करीब 240 फीट है और ईरान ने अपना प्लांट एक कुतुब मीनार से भी ज्यादा की गहराई में जाकर तैयार किया था.हालांकि इसके बारे में कोई आधिकारिक जानकारी मौजूद नहीं है. संभव है कि ये प्लांट्स और भी ज्यादा गहराई में बनाये गये हों.

कई वर्ष पीछे पहुंच गया ईरान

ईरान के अंडरग्राउंड बंकरों को खास तरह के कंक्रीट और स्टील से बनाया गया था. पहाड़ों को खोखला करके सख्त कवच के साथ इन्हें डिजाइन किया गया, लेकिन अब अमेरिकी मीडिया का दावा है कि कई मंजिल नीचे की गहराई पर बना नतांज का प्लांट बर्बाद हो चुका है. इजरायली हमले के बाद अंडरग्राउंड कॉम्प्लेक्स का बड़ा हिस्सा जमीन में ही दफ्न हो गया. अब ये माना जा रहा है कि अगर ये युद्ध अभी थम जाये तो भी ईरान अगले कई दशकों तक परमाणु बम बनाने के करीब भी नहीं पहुंच पाएगा. यूएन की एक एजेंसी का दावा है कि ईरान की किसी भी न्यूक्लियर फैसिलिटी से रेडियेशन लीक नहीं हुआ है यानी इसे एक सफल हमला माना जाएगा.

18 साल पहले सीरिया पर हमला

ईरान के परमाणु ठिकानों के जैसा एक हमला आज से 18 वर्ष पहले सीरिया में हुआ था. दावा है कि इजरायल और अमेरिका ने मिलकर सीरिया के एक इलाके में उत्तर कोरिया की मदद से बनाये जा रहे न्यूक्लियर रिएक्टर को तबाह किया था. बताया गया कि पहले इजरायल के कमांडोज उस लोकेशन पर पहुंचे. उन्होंने अंडर कंस्ट्रक्शन रिएक्टर पर लेजर की मदद से निशाना साधा और उसी समय आसमान में मौजूद फाइटर जेट्स ने बमों और मिसाइलों से अटैक किया. जो उसी जगह पर टकराया जहां लेजर ने निशाना लगाया. इसके बाद करीब 11 वर्षों तक ये एक सीक्रेट रहा और 2018 में इजरायल ने इस हमले को कबूल किया.

44 साल पहले इराक पर किया हमला

इजरायल ने सबसे खतरनाक हमला इराक के खिलाफ किया था. इराक पर करीब 44 वर्ष पहले सर्जिकल स्ट्राइक की थी. इराक के जिस परमाणु रिएक्टर पर हुए हमले को आपने देखा. तैयारी इराक ने 70 के दशक में शुरू की थी. उस समय इराक मिडिल ईस्ट की पहली न्यूक्लियर ताकत बनना चाहता था. हालांकि जून 1981 में इजरायल के 14 लड़ाकू विमान बिना खबर दिये 1100 किलोमीटर की दूरी तय करके इराक की राजधानी बगदाद पहुंचे और सिर्फ 60 सेकेंड में हमला करके इराक के इकलौते परमाणु रिएक्टर को नष्ट कर दिया. रिएक्टर के शुरू होने से पहले ही ये हमला हुआ इसलिये रेडियेशन लीक नहीं हुआ और इसे आज भी दुनिया के सबसे सफल मिलिट्री ऑपरेशन्स में एक माना जाता है.

इन तीन देशों पर हुए हमले ने इजरायल को न्यूक्लियर बम किलर का मेडल दे दिया है. कई मिलिट्री एक्सपर्ट्स मानते हैं कि इजरायल ने इन देशों को न्यूक्लियर बम से दूर रखकर दुनिया का बहुत भला किया है.

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