Last Updated:June 25, 2025, 14:58 IST
Shubhanshu Shukla ISS Mission: भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन यानी ISS के सफर पर रवाना हो गए हैं. वे ISS पर कदम रखने वाले पहले भारतीय हैं. वह वहां कितने दिन तक रहेंगे, क्या-क्य...और पढ़ें

शुभांशु शुक्ला इंटरनेशनल स्पेश सेंटर यानी ISS की ओर रवाना हो गए हैं.
हाइलाइट्स
शुभांशु शुक्ला ISS के सफर पर रवाना हुए.शुभांशु इस Axiom-4 मिशन के पायलट हैं.वह ISS पर कदम रखने वाले पहले भारतीय होंगे.भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला अंतरिक्ष की दुनिया में अपनी धाक जमाने के लिए निकल चुके हैं. शुभांशु Axiom Mission 4 के तहत अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन यानी ISS के सफर पर रवाना हो गए. उन्होंने स्पेसएक्स के फाल्कन-9 रॉकेट से भारतीय समयानुसार दोपहर 12:01 बजे फ्लोरिडा के केनेडी स्पेस सेंटर से उड़ान भरी. अंतरिक्ष से शुभांशु शुक्ला ने अपने पहला संदेश भी भेजा है. इसमें उन्होंने कहा, ‘नमस्कार, मेरे प्यारे देशवासियों, हम 41 साल बाद अंतरिक्ष में पहुंचे हैं. यह बहुत शानदार सफर है.’ वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनकी अंतरिक्ष यात्रा के लिए बधाई दी है. उन्होंने कहा कि वह अपने साथ 1.4 अरब भारतीयों की इच्छाएं, उम्मीदें और आकांक्षाएं लेकर जा रहे हैं.
अमेरिकी अंतरिक्ष स्टेशन (NASA) के अनुसार, Axiom-4 मिशन का लक्ष्य 26 जून को भारतीय समयानुसार शाम 4:30 बजे अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर डॉक करना है. इसका मतलब है कि लॉन्च के लगभग 28 घंटे बाद शुभांशु और उनकी टीम ISS पर कदम रखेंगे.
कितने दिन रहेंगे अंतरिक्ष में?
शुभांशु शुक्ला समेत मिशन के चारों अंतरिक्ष यात्री दो सप्ताह यानी 14 दिनों तक अंतरिक्ष स्टेशन पर रहेंगे. इस दौरान वे विज्ञान, तकनीक, शिक्षा और व्यावसायिक गतिविधियों से जुड़े प्रयोग और मिशन में हिस्सा लेंगे.
इस मिशन में कौन-कौन?
इस मिशन की कमान नासा की अनुभवी अंतरिक्ष यात्री और Axiom Space की मानव अंतरिक्ष उड़ान निदेशक पैगी व्हिटसन संभाल रही हैं. शुभांशु शुक्ला इस मिशन के पायलट की भूमिका में हैं. वहीं दो अन्य मिशन स्पेशलिस्ट यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ESA) के स्लावोश उजनांस्की और हंगरी के तिबोर कापू भी उनके साथ इस मिशन में शामिल हैं.
ISS पर क्या करेंगे शुभांशु शुक्ला?
ISRO के अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला इस मिशन के दौरान पांच वैज्ञानिक प्रयोग और दो STEM (Science, Technology, Engineering, Mathematics) डेमो कराएंगे. इनमें से कई प्रयोग भारत और अमेरिका के साझा प्रयास हैं, जिन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की संयुक्त घोषणा के तहत शुरू किया गया था.
कई बार टली लॉन्चिंग
Axiom-4 मिशन को लेकर लॉन्चिंग पहले कई बार टल चुकी थी. खराब मौसम, फाल्कन-9 रॉकेट में तकनीकी दिक्कत और ISS के रूसी मॉड्यूल में लीक की वजह से देरी हुई. लेकिन आखिरकार बाद आज शुभ मुहूर्त मिल गया. नासा की कार्यकारी प्रशासक जेनेट पेत्रो ने कहा, ‘नासा और Roscosmos के बीच लंबे समय से चला आ रहा सहयोग एक बार फिर इस मिशन को सफल बनाने में मददगार साबित हुआ है.’
कब और क्यों टला मिशन?
29 मई 2025: क्रू ड्रैगन मॉड्यूल में खराबी
08 जून 2025: फाल्कन-9 रॉकेट तैयार ना होना
09 जून 2025: रॉकेट के इंजन में ऑक्सीजन लीक
10 जून 2025: खराब मौसम
11 जून 2025: फाल्कन-9 रॉकेट में ऑक्सीजन लीक
19 जून 2025: ISS में प्रेशर लीक की जांच
22 जून 2025: नासा की जांच पूरी नहीं हुई
क्यों खास है ये मिशन?
शुभांशु शुक्ला अंतरिक्ष में उड़ान भरने वाले दूसरे, जबकि ISS पर कदम रखने वाले पहले पहले भारतीय हैं. वे भारत की उस महत्वाकांक्षा का भी प्रतीक हैं, जो अंतरिक्ष में वैश्विक साझेदारी को मजबूत करने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रही है.
Axiom-4 मिशन विज्ञान, शिक्षा और अंतरिक्ष उद्योग के व्यावसायिक भविष्य को लेकर एक नया अध्याय खोल रहा है और उसमें भारत के शुभांशु शुक्ला की भूमिका ऐतिहासिक कही जा सकती है.
An accomplished digital Journalist with more than 13 years of experience in Journalism. Done Post Graduate in Journalism from Indian Institute of Mass Comunication, Delhi. After Working with PTI, NDTV and Aaj T...और पढ़ें
An accomplished digital Journalist with more than 13 years of experience in Journalism. Done Post Graduate in Journalism from Indian Institute of Mass Comunication, Delhi. After Working with PTI, NDTV and Aaj T...
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Location :
New Delhi,Delhi