Last Updated:June 25, 2025, 13:05 IST
Israel-Iran War & Indian Airspace: इजराइल और ईरान वॉर की वजह से भारतीय एयर स्पेस में फ्लाइट्स की बाढ़ आ गई है, जिसकी वजह से एविएशन नेविगेशन सर्विसेस को प्रति फ्लाइट 100 से 300 डॉलर की कमाई हो रही है.

हाइलाइट्स
ईरान और इराक का एयर स्पेस बंद होने के बाद फ्लाइट्स ने बदला रास्ता.भारतीय एयर स्पेस में विदेशी एयरलाइंस के फ्लाइट की आई बाढ़.हर फ्लाइट से ली जाती है 100 से 300 यूएस डॉलर के बीच नेविगेशन फीस.Israel-Iran War & Indian Airspace: उधर इजराइल और ईरान एक दूसरे पर मिसाइल दागते रहे, इधर भारत पर डॉलर्स की बरसात शुरू हो गई. दरअसल, मिडिल-ईस्ट में बढ़ते तनाव के कारण ईरान और इराक ने अपने हवाई क्षेत्र को पूरी तरह से बंद कर दिया था. इस फैसले ने दुनिया भर की उड़ानों का रास्ता बदल दिया है और भारत का आसमान इंटरनेशनल फ्लाइट्स का नया गलियारा बन गया है. यह बदलाव भारत के लिए काफी फायदेमंद साबित हुआ.
उल्लेखनीय है कि इजराइल और ईरान के बीच युद्ध शुरू होने से पहले यूरोप से एशिया-प्रशांत क्षेत्र जाने वाली फ्लाइट ईरान और इराक का एयर स्पेस इस्तेमाल करती थीं. लेकिन, युद्ध के चलते इन दोनों देशों के एयर स्पेस को बंद कर दिया. जिससे लंदन से बैंकॉक या फ्रैंकफर्ट से सिंगापुर जाने वाली फ्लाइट को अपना रूट बदलने के लिए मजबूर होना पड़ा. एयर स्पेस क्लोजर की वजह से ये प्लेन अरब सागर, पाकिस्तान, भारत और बंगाल की खाड़ी के रास्ते उड़ान भरते नजर आए.
भारत के आसमान में फ्लाइट्स की बाढ़
सूत्रों के अनुसार, पहले भारत के एयर स्पेस से हर दिन करीब 1200 से 1300 फ्लाइट्स गुजरती थीं. ये फ्लाइट्स दक्षिण-पूर्व एशिया, मध्य पूर्व से सुदूर पूर्व और यूरोप-एशिया के बीच की थीं. लेकिन ईरान और इराक का एयर स्पेस बंद होने के बाद भारत के आसमान में हर दिन 1600 से 1800 फ्लाइट्स गुजर रही हैं. यानी, इन फ्लाइट्स में 25 से 40 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. अब लुफ्थांसा, क्वांटास, सिंगापुर एयरलाइंस, एमिरेट्स और तुर्किश एयरलाइंस जैसी एयरलाइंस के प्लेन मुंबई, अहमदाबाद, दिल्ली, नागपुर और कोलकाता जैसे शहरों के ऊपर से गुजर रहे हैं.
एयर स्पेस क्लोजर से भारत को फायदा?
सूत्रों के अनुसार, भारत के आसमान से गुजरने वाली फ्लाइट्स नेविगेशन फीस का भुगतान करती है. आपको बता दें कि भारत एविएशन नेविगेशन फीस के तौर पर प्रति फ्लाइट औसतन $100 से $300 तक वसूलता है, जो फ्लाइट की दूरी, एयरक्राफ्ट टाइप और भारतीय एयर स्पेस में बिताए समय पर निर्भर करता है. अंदाजा है कि युद्ध से पहले भारत को एविएशन नेविगेशन फीस के तौर पर सालाना 100-120 मिलियन डॉलर की कमाई करता था, लेकिन अब इसमें 20-30 फीसदी की बढ़ोतरी देखी जा रही है.
Anoop Kumar MishraAssistant Editor
Anoop Kumar Mishra is associated with News18 Digital for the last 3 years and is working on the post of Assistant Editor. He writes on Health, aviation and Defence sector. He also covers development related to ...और पढ़ें
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