Israel-Iran War: इजरायल और ईरान के बीच पिछले कई दिनों संघर्ष चल रहा है, जिसमें दोनों तरफ से ड्रोनों और मिसाइलों से हमला किया जा रहा है. बता दें कि इजरायल की ओर से केवल आसमानी हमला ही नहीं किया जा रहा है बल्कि इसके लिए जमीनी मोर्चा भी चलाया जा रहा है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इजरायल काफी समय से ईरान में घुसपैठ की तैयारी कर रहा था.
ईरान में एक्टिव है मोसाद?
'BBC' की रिपोर्ट के मुताबिक इजरायल की खुफिया एजेंसी मोसाद ईरान में पहले से एक्टिव है और जमीनी कार्रवाई कर रही है. रिपोर्ट के मुताबिक कई इजरायली अधिकारियों की टिप्पणी से साफ अंदाजा लगाया जा सकता है कि ईरान के अंदर मिसाइल गोदाम, एंटी सबमरीन सिस्टम और कमांड सेटर्स समेत कई चुनिंदा लोगों को टारगेट कर एकसाथ और बिल्कुल सटीक हमले किए गए हैं. ये हमले केवल उन्हीं खुफिया गतिविधियों के कारण मुमकिन हो पाए जो लंबे समय से ईरान के अंदर एक्टिव थीं.
ईरान में मिसाइलों की तैनाती
ईरानी अंग्रेजी न्यूज चैनल 'प्रेस टीवी' ने अपने टेलीग्राम चैनल पर बताया कि ईरानी खुफिया एजेंसियों की ओर से कुछ ऐसे स्पाइक मिसाइल लॉन्चर बरामद किए गए हैं, जिन्हें खासतौर पर ईरानी एयर डिफेंस सिस्टम को टारगेट करने के लिए बनाया गया था. ये सिस्टम रिमोट कंट्रोल और इंटरनेट ऑटोमेशन से लैस थे. 'प्रेस टीवी के मुताबिक मोसाद की ओर से इस सिस्टम को कंट्रोल किया जा रहा था. साल 2020 में भी ईरान के परमाणु कार्यक्रम से जुड़े एक वैज्ञानिक की भी ऐसे ही रिमोट कंट्रोल हथियार से हत्या कर दी गई थी.
खुफिया जानकारी से तोड़ी ईरान की कमर
रिपोर्ट्स के मुताबक मोसाद समेत उसकी सहयोगी टीमों ने स्मार्ट हथियारों और जमीन से जुड़ी खुफिया जानकारी की मदद से इजरायल के प्लान के मुताबिक कमांड सिस्टम को तोड़ने, ईरान की सैन्य तैयारी को कमजोर और धीमा करने समेत आदेशों की कड़ी में रुकावट डालने की कोशिश की. 'BBC' के मुताबिक इजरायल की ओर से ये खुफिया तैयारी केवल हमले से पहले तक ही सीमित नहीं थी बल्कि हमलों के दौरान भी मोहम्मद काजमी जैसे कई बड़े सैन्य अधिकारियों को टारगेट किया गया.