Last Updated:December 17, 2025, 08:54 IST
Himachal Viral News: हिमाचल प्रदेश के चंबा जिले के चार बच्चों की तस्वीर सोशल मीडिया पर काफी वायरल हुई. इन अनाथ बच्चों का जीवन मुश्किल हालात में गुजर रहा था और यह एक जर्जर मकान में रह रहे थे. अब बच्चों की मदद के लिए आवाज उठने लगी है. सरकार तक बात पहुंची है और बच्चों का जीवन अब बदल जाएगा.
Chamba: ग्रामीणों के अनुसार माँ ने दूसरी शादी कर ली है और पंचायत रिकॉर्ड में इन बच्चों के साथ माँ का नाम भी कट चुका है.चम्बा. हिमाचल प्रदेश के चम्बा जिला की ग्राम पंचायत भजोत्रा के गाँव मटवाड़ से एक ऐसी तस्वीर सामने आई है, जो इंसानियत को झकझोर कर रख देती है. यहाँ 4 नाबालिग बच्चे हैं, जिनका बचपन परिस्थितियों की भेंट चढ़ चुका है. बचपन में ही पिता का साया उठ गया और कुछ समय बाद बीमारी से जूझ रही माँ भी उन्हें छोड़कर चली गई.
ग्रामीणों के अनुसार माँ ने दूसरी शादी कर ली है और पंचायत रिकॉर्ड में इन बच्चों के साथ माँ का नाम भी कट चुका है.आज इन मासूमों के पास न माता-पिता का सहारा है, न सिर पर पक्की छत और न ही भविष्य की कोई ठोस सुरक्षा. 17 साल की सबसे बड़ी बहन आठवीं कक्षा में पढ़ाई के साथ साथ अपने छोटे भाई-बहनों के पालन-पोषण के लिए पढ़ाई छोड़ने को मजबूर हो गई. हालांकि, वह आगे पढ़ना चाहती थी. बिना संरक्षण, बिना सहारे और बिना किसी स्थायी मदद के ये चारों बच्चे रोज़ ज़िंदगी की कठिन लड़ाई लड़ रहे हैं. जब सोशल मीडिया पर यह खबर सामने आई, तो न्यूज़ 18 की टीम ने ग्राउंड ज़ीरो पर जाकर हकीकत जानने का फैसला किया.
कठिन पैदल सफर तय कर जब टीम मटवाड़ गांव पहुँची, तो हालात दिल दहला देने वाले थे. घर के बाहर तीन मासूम बच्चे अपने भाई का इंतज़ार कर रहे थे. बड़ी बहन कभी-कभार मजदूरी कर थोड़े-बहुत पैसे कमा लेती है और बच्चों के साथ घर में बैठी थी. 14 साल का भाई रोज़ी-रोटी की तलाश में बाहर गया हुआ था. जिस कच्चे मकान में ये बच्चे रह रहे हैं, उसकी हालत इतनी जर्जर है कि कभी भी ज़मीन धंस सकती है. आने वाली बर्फबारी में इस घर के गिरने का खतरा मंडरा रहा है.घर के भीतर का मंजर और भी दर्दनाक था. एक तरफ मवेशी बंधे थे और दूसरी तरफ बच्चे अपने बिस्तरों पर बैठे आंसू बहा रहे थे. सामने छोटी-सी रसोई थी, जहाँ भाई के लौटने के बाद ही चूल्हा जलने की उम्मीद थी. हालात ऐसे कि किसी का भी कलेजा पसीज जाए.सरकार के पास गरीब और असहायों के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना, मुख्यमंत्री आवास योजना सहित दर्जनों योजनाएँ मौजूद हैं, लेकिन इन बच्चों तक कोई भी योजना नहीं पहुँच पाई.
हालांकि जब इन बच्चों से उनके हालात के बारे में पूछना चाहा तो उन्होंने पहले तो सब कुछ कहने से इनकार कर दिया, लेकिन जो थोड़ा बहुत कहा, वह उनकी हकीकत बयां करने के लिए काफी था. जब बड़ी बहन से पूछा गया, तो उसने बताया कि वे कई सालों से इसी कच्चे मकान में रह रहे हैं. चार साल पहले पिता की मौत हो गई थी, माँ बीमार थी और बाद में उन्हें छोड़कर चली गई. आज वे अपना गुजर-बसर खुद ही कर रहे हैं.
चाचा वार्ड मैंबर, लेकिन नहीं सुधरी हालात
हालाँकि चाचा का घर पास में है और वे वार्ड मेंबर भी हैं, लेकिन बच्चों की स्थिति में कोई खास सुधार नहीं हो पाया. चाचा का कहना है कि बच्चे अभी 18 साल के नहीं हुए हैं, इसलिए सरकारी मदद नहीं मिल पा रही है. वहीं छोटे बच्चे स्कूल जाना चाहते हैं, लेकिन संसाधनों और सहारे के अभाव में पढ़ाई भी मुश्किल बन चुकी है. छोटी बच्ची से बात करने की कोशिश की गई, तो वह खामोश रही—शायद हालात ने उससे बोलने की ताकत भी छीन ली है. अब उम्मीद की जा रही है कि सरकार और प्रशासन की नजर इन अनाथ बच्चों पर पड़ेगी और उन्हें आवास, शिक्षा व संरक्षण जैसी बुनियादी सुविधाएँ मुहैया कराई जाएँगी, ताकि इन मासूमों का बचपन और भविष्य दोनों सुरक्षित हो सकें. उधर, सोशल मीडिया पर यह खबर वायरल होने के बाद स्थानीय प्रशासन ने इन बच्चों के संरक्षण की बात तो शुरू कर दी है और प्रशासन का कहना है कि बच्चों को सुखाश्रय योजना में शामिल किया जाएगा.
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Vinod Kumar Katwal, a Season journalist with 14 years of experience across print and digital media. I have worked with some of India’s most respected news organizations, including Dainik Bhaskar, IANS, Punjab K...और पढ़ें
Location :
Chamba,Chamba,Himachal Pradesh
First Published :
December 17, 2025, 08:52 IST

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