Bangladesh News: बांग्लादेश की अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना के खिलाफ ‘मानवता के विरुद्ध अपराध’ के आरोपों की जांच रिपोर्ट लगभग तैयार है और जल्द ही इसे अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण के समक्ष दायर किया जाएगा. अभियोजन पक्ष के वकीलों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी. न्यायाधिकरण के मुख्य अभियोजक मोहम्मद ताजुल इस्लाम ने अपने कार्यालय में मीडिया कर्मियों से कहा, ‘‘अब तक चार मामलों की जांच अपने अंतिम चरण में पहुंच चुकी है. उनमें से एक मामला उनके (हसीना) खिलाफ दायर किया गया है.
गिर गई थी सरकार
हसीना की लगभग 16 साल की अवामी लीग सरकार पिछले साल पांच अगस्त को छात्रों के नेतृत्व वाले विद्रोह के चलते गिर गई थी जिसके कारण उन्हें (हसीना) देश छोड़कर भारत जाना पड़ा था. न्यायाधिकरण में हसीना पर पहले विद्रोह के दौरान सामूहिक हत्याएं कराने और लोगों को जबरन गायब कराने का आरोप लगाया गया था.
प्रत्यर्पण की मांग की थी
बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मुहम्मद यूनुस ने पहले एक राजनयिक नोट भेजकर उनके प्रत्यर्पण की मांग की थी, जिस पर नई दिल्ली ने कोई टिप्पणी नहीं की है. इस्लाम ने कहा कि पिछली सरकार के मंत्रियों सहित 141 लोगों पर अब तक जुलाई-अगस्त 2024 के विद्रोह के दौरान मानवता के खिलाफ कथित अपराधों का आरोप लगाया गया है और उन पर न्यायाधिकरण में मुकदमा चलाया जाना तय है.
हिरासत में हैं इतने लोग
न्यायाधिकरण के अभियोजन प्रमुख ने बताया कि उनमें से 54 हिरासत में हैं जबकि बाकी देश-विदेश में फरार हैं. उन्होंने बताया कि न्यायाधिकरण में 339 शिकायतें दर्ज की गई हैं. इस बीच, उन्होंने कहा कि न्यायाधिकरण ने गृह मंत्रालय को एक आदेश जारी कर हसीना सरकार के 10 पूर्व मंत्रियों और अन्य दिग्गज लोगों के खिलाफ इंटरपोल से रेड नोटिस जारी करने का अनुरोध करने का निर्देश दिया है, जो वर्तमान में विदेश में छिपे हुए हैं.
संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार कार्यालय की रिपोर्ट के अनुसार, पिछले वर्ष 15 जुलाई से 15 अगस्त के बीच पुलिस और अवामी लीग समर्थक राजनीतिक तत्वों की कार्रवाई तथा पिछली सरकार के पतन के बाद भी जारी जवाबी हिंसा में लगभग 1,400 लोग मारे गए. (भाषा)