Last Updated:June 05, 2025, 20:34 IST
INDIAN AEROSPACE INDUSTRY: भारत कुल 80 देशों को आज सैन्य उपकरण और बाकी साजो सामान बेच रहा है. दुनिया के तमाम हथियार निर्माता देश भारत के साथ जुड़ने की कोशिशों में जुटे हैं. अमेरिका, फ्रांस जैसे दुनिया के बड़े र...और पढ़ें

रक्षा उत्पाद का भारत होगा ग्लोबल लीडर
INDIAN AEROSPACE INDUSTRY: साल 2023-2024 में अमेरिका, फ्रांस और अर्मेनिया भारत से सबसे ज्यादा रक्षा उपकरण खरीदने वाले देश थे. हर देश भारत के साथ अपने डिफेंस रिश्तों को मजबूत करना चाहता है. इसी कड़ी में फ्रांस ने एक ऐसा फैसला लिया है जिसने दुनिया का ध्यान अपनी ओर खींच लिया है. फ्रांस अब अपने राफेल फाइटर जेट के ढांचे के निर्माण के लिए भारत को चुना है. यह पहली बार है जब फ्रांस ने अपने इस प्रोजेक्ट के लिए किसी दूसरे देश की कंपनी के साथ हाथ मिलाया है. राफेल बनाने वाली फ्रांस की डसॉल्ट एविएशन और टाटा एडवांस्ड सिस्टम लिमिटेड के बीच यह करार हुआ है. कुल 4 प्रोडक्शन ट्रांसफर एग्रीमेंट पर हस्ताक्षर हुए हैं. इसकी फैसिलिटी हैदराबाद में स्थापित की जाएगी. साल 2028 तक असेंबली लाइन शुरू होने की उम्मीद है. हर महीने दो ढांचे इस फैसिलिटी में तैयार किए जाएंगे. खास बात यह है कि इसमें न सिर्फ भारतीय राफेल बल्कि अन्य देशों के लिए भी तैयार होंगे. डसॉल्ट एविएशन ने अब तक 10,000 मिलिट्री और सिविल एयरक्राफ्ट का निर्माण किया है और तकरीबन 90 देशों को सप्लाई कर चुकी है.
अमेरिकी अपाचे के लिए भी फ्रेम भारत में ही बनते हैं
दुनिया के सबसे घातक अटैक हेलिकॉप्टर अपाचे बेचता तो अमेरिका है, लेकिन उसका ढांचा कहां बनता है यह शायद कम लोगों को ही पता है.आपको बता दें कि यह ढांचा भारत में बनता है. भारतीय कंपनी टाटा एडवांस्ड सिस्टम लिमिटेड बोइंग एरोस्पेस के साथ मिलकर इसका निर्माण करती है. यह फैसिलिटी भी हैदराबाद में स्थापित है. इस फैसिलिटी ने अब तक 250 से ज्यादा ढांचे डिलीवर किए हैं. साल 2024 की जनवरी में ही टाटा एडवांस्ड सिस्टम लिमिटेड और बोइंग के ज्वाइंट वेंचर टाटा बोइंग एरोस्पेस लिमिटेड ने सेना के पहले अपाचे का ढांचा सेना को हैंडओवर किया था. इसके बाद इसे अमेरिका के एरिजोना में बोइंग की फैसिलिटी में भेजा गया जहां दुनिया की तमाम आधुनिक तकनीक और वेपन सिस्टम से लैस कर के थलसेना को सौंपा जाता है.
देश में बन रहे हैं मिलिट्री ट्रांसपोर्ट विमान
वायुसेना अपने 60 के दशक में शामिल एवरो को C-295MW मीडियम लिफ्ट टैक्टिकल एयरक्राफ्ट से बदल रही है. भारत सरकार ने स्पेन से 56 नए C-295MW विमानों की खरीद का करार साल 2021 में किया था. खास बात यह है कि इसका निर्माण गुजरात के वडोदरा में किया जा रहा है. पहली बार कोई भारतीय प्राइवेट कंपनी मिलिट्री एयरक्राफ्ट भारत में बना रही है. स्पेन की कंपनी एयरबस टाटा कंसॉर्टियम के साथ इसका निर्माण कर रही है. डील के मुताबिक स्पेन से कुल 56 विमान भारतीय वायुसेना के लिए लेने हैं, जिसमें से 16 विमान स्पेन से पूरी तरह से तैयार होकर फ्लाई वे कंडीशन में यानी स्पेन से सीधे उड़ान भरकर भारत आ रहे हैं. इसके अलावा बाकी 40 को लाइसेंस के तहत भारत में बनाया जा रहा है.
तेजस बनाकर भारत ने बनाया कीर्तिमान
एयरक्राफ्ट बनाने की तकनीक बहुत पेचीदा है. लंबे शोध के बाद भारत ने स्वदेशी तौर पर इसे तैयार किया. अब तेजस भारतीय वायुसेना का हिस्सा है. फिलहाल 40 के करीब एयरक्राफ्ट भारतीय वायुसेना के बेड़े में शामिल हो गए हैं. HAL इसका निर्माण कर रही है. इसके एडवांस वर्जन तेजस Mk-1A के 83 फाइटर के लिए HAL से करार हो चुका है. खास बात यह है कि तेजस के निर्माण में निजी कंपनियां भी शामिल हैं। इसी साल रियर और मिडिल ढांचे HAL को सौंप दिए गए. इंजन की उपलब्धता ना होने के चलते अभी 83 विमानों में से एक भी डिलीवरी शुरू नहीं हुई है, लेकिन अब इंजन की डिलीवरी शुरू हो चुकी है. माना जा रहा है कि इस साल से तेजस मार्क 1A वायुसेना को मिलना शुरू हो जाएगा. इसके अलावा 97 अतिरिक्त तेजस Mk-1A की खरीद को रक्षा खरीद परिषद की तरफ से पहले ही मंजूरी मिल चुकी है. तेजस Mk-2 पर काम तेजी से जारी है. तकरीबन 120 एयरक्राफ्ट लिए जाने हैं. देश में पांचवीं पीढ़ी के फाइटर AMCA प्रोजेक्ट बड़ी तेजी से आगे बढ़ रहा है.
हेलिकॉप्टर निर्माण का ग्लोबल लीडर
एक दशक पहले तक भारत लगभग सभी तरह के हेलिकॉप्टर विदेशों से खरीदता था, लेकिन अब भारत ने खुद को इतना सक्षम बना लिया है कि अब हेलिकॉप्टर स्वदेशी ही बनाने लगा है. इस वक्त भारत में स्वदेशी तौर पर अटैक हेलिकॉप्टर, एडवांस लाइट हेलिकॉप्टर और लाइट यूटिलिटी हेलिकॉप्टर निर्माण में माहिर हो गया है. भारत ने तो मीडियम लिफ्ट हेलिकॉप्टर भी तैयार कर लिया है. इसका फिलहाल नाम दिया गया है IMRH यानी इंडियन मल्टी रोल हेलिकॉप्टर. सूत्रों के मुताबिक भारतीय सेना के लिए कुल 400 से ज्यादा हेलिकॉप्टर की खरीद की तैयारी है. इनमें नौसेना के लिए डेक बेस्ड मल्टी रोल हेलिकॉप्टर (DBMRH) भी होंगे.