Last Updated:July 31, 2025, 20:55 IST
Crypto Currency Cyber Fraud : हरिद्वार का रहने वाला राहुल अग्रवाल बेंगलुरु में एक क्रिप्टो ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म CoinDCX में काम करता था. सुबह-सुबह ऑफिस जाने की तैयारी कर रहा था, इसी बीच उसके पास जर्मनी से एक व्ह...और पढ़ें

बेंगलुरु. हरिद्वार का रहने वाला राहुल अग्रवाल पेशे से सॉफ्टवेयर इंजीनियर था. बेंगलुरु में एक क्रिप्टो ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म CoinDCX में काम करता था. कंपनी ने उसे काम करने के लिए लैपटॉप और अन्य सुविधाएं दे रखी थीं. बेंगलुरु के कार्मेलाराम इलाके में रहने वाले राहुल के मोबाइल पर जापान से एक कॉल आई. थोड़ी बातचीत हुई. मिनटों में 379 करोड़ रुपये इधर-उधर हो गए. राहुल के एक बैंक खाते में भी थोड़ी देर में 15 लाख रुपये आए. मामला पुलिस तक पहुंचा तो अफसर हैरान रह गए. पूरा मामला हैरान कर देने वाला है. यह क्रिप्टोकरेंसी की यह अनोखी ठगी क्रिप्टो ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म CoinDCX के सर्वर में सेंध लगाकर की गई. चोरी करोड़ों रुपये की थी, इसलिए कंपनी में हड़कंप मच गया.
टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक, पूरा मामला कंपनी नेब्लियो टेक्नोलॉजीज (Neblio Technologies) से जुड़ा है. 379 करोड़ रुपये की चोरी के मामले में कंपनी ने इंटरनल जांच बैठाई. जांच में राहुल अग्रवाल नाम के कर्मचारी का नाम सामने आया. राहुल कंपनी का स्थायी कर्मचारी थी. उसे ऑफिस का काम करने के लिए लैपटॉप दिया गया था. राहुल के लॉगिन क्रेडेंशियल से ही कंपनी का सिस्टम हैक किया गया था और अकाउंट से 379 करोड़ रुपये निकाल लिए. कंपनी के उपाध्यक्ष हरदीप सिंह ने पुलिस के पास शिकायत दर्ज कराई.
जांच में सामने आया कि राहुल कंपनी के स्थायी कर्मचारी था. 19 जुलाई को रात 2.37 बजे किसी अज्ञात शख्स ने सिस्टम को हैक कर लिया. पहले एक USDT को एक वॉलेट में ट्रांसफर किया. फिर सुबह 09:40 बजे हैकर ने 44 मिलियन डॉलर (379 करोड़ रुपये) निकाल लिए. इतनी भारी रकम छह अलग-अलग वॉलेट में ट्रांसफर की गई. कंपनी ने अंदरूनी जांच की तो पता चला कि राहुल अग्रवाल के लैपटॉप में सिक्योरिटी क्रेडेंशियल से छेड़छाड़ की गई है. इसी वजह से हैकर कंपनी के सर्वर तक पहुंच गए. कंपनी ने राहुल का लैपटॉप तुरंत जब्त कर पुलिस को सूचना दी. पुलिस ने राहुल को गिरफ्तार कर लिया है.
राहुल के बैंक खाते में आए 15 लाख रुपये
राहुल इस हैकिंग में शामिल होने से इनकार करता रहा. उसका कहना था कि उसे नहीं पता कि उसके लॉगिन क्रेडिंशियल कैसे चुराए गए. बाद में पुलिस ने जब सघन जांच की तो चौंकाने वाले खुलासे हुए. पता चला कि राहुल के एक बैंक खाते में अज्ञात सोर्स से 15 लाख रुपये जमा किए गए हैं. फिर तो पुलिस के सामने राहुल टूट गया. उसने पुलिस को बताया कि वह कई प्राइवेंट क्लाइंट के लिए काम करता है. उसके पास जर्मनी से एक व्हॉट्सऐप कॉल आई थी. उसमें कुछ फाइलों को पूरा करने के लिए कहा गया था. उनमें से एक फाइल से कंपनी का सिस्टम हैक किया गया है.
An accomplished digital content creator and Planner. Creating enhanced news content for online and social media. Having more than 10 years experience in the field of Journalism. Done Master of Journalism from M...और पढ़ें
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Bengaluru,Bengaluru,Karnataka