डेड इकॉनमी: ट्रंप की चाल और राहुल का ताल, लेकिन देश की बात पर तो अड़ना जरूरी

21 hours ago

Last Updated:July 31, 2025, 22:39 IST

डोनाल्ड ट्रंप ने भारत की अर्थव्यवस्था को 'डेड इकॉनमी' कहा, राहुल गांधी ने इसे पीएम मोदी पर हमला करने का मौका समझा. आईएमएफ और वर्ल्ड बैंक के अनुसार, भारत की विकास दर 6.4% है, जो 'डेड इकॉनमी' नहीं है.

 ट्रंप की चाल और राहुल का ताल, लेकिन देश की बात पर तो अड़ना जरूरीराहुल गांधी ने ट्रंप की बात का समर्थन क‍िया था.

हाइलाइट्स

भारत की विकास दर 6.4% है, जो 'डेड इकॉनमी' नहीं है.भारत आज दुन‍िया में चौथे नंबर की इकॉनमी है.आईएमएफ और वर्ल्‍ड बैंक भारत की विकास दर के अनुमानों को ऊपर कर रहे हैं.

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत की अर्थव्यवस्था को ‘डेड इकॉनमी’ कहा तो कांग्रेस नेता राहुल गांधी को इसमें पीएम मोदी को खलनायक साबित करने का मौका दिख गया. उन्‍हें तुरंत इसे लपक लिया और कह बैठे- ‘ट्रंप सच बोल रहे हैं.” सवाल ये नहीं है कि ट्रंप ने क्या कहा, बल्कि ये है कि क्या विपक्ष के नेता ये भूल गए हैं क‍ि बात जब देश पर हो तो अड़ जाना जरूरी है. कभी जवाहर लाल नेहरू ने कहा था क‍ि ‘नागरिक होना केवल अधिकारों का दावा नहीं, बल्कि देश की सेवा में समर्पण का सबूत भी है, यही वह मनोवृत्ति है जो समझाती है कि क्यों देश के हित पर अड़ना न सिर्फ जरूरी, बल्कि नैतिक आवश्यकता भी है.’ ये बात समझनी चाह‍िए.

इंड‍ियन इकॉनमी के ज‍िंदा होने का सबूत

कोविड के बाद जब दुनिया की ज्यादातर अर्थव्यवस्थाएं धीमी पड़ी हैं. इसी ट्रंप का अमेर‍िका बेहाल है. अमीर देशों में महंगाई चरम पर है. तब भारत न सिर्फ संभला हुआ है, बल्कि तेजी से उभरा भी है. आईएमएफ और वर्ल्‍ड बैंक भारत की विकास दर के अनुमानों को बार-बार ऊपर कर रहे हैं, तो आख‍िर ट्रंप वाली सच्चाई कहां है? आईएमएफ ने दो द‍िन पहले ही भारत की विकास दर को 6.2 फीसदी से बढ़ाकर 6.4 फीसदी कर दिया है. रिजर्व बैंक ने भी इसे 6.4 फीसदी माना है. ये किसी ‘डेड इकॉनमी’ की तस्वीर नहीं है. जबक‍ि ओईसीडी के अनुसार, अमेरिका की आर्थिक वृद्धि दर इस साल घटकर 1.6 फीसदी रह जाएगी, जो पिछले साल 2.8 फीसदी थी. भारत आज दुन‍िया में चौथे नंबर की इकॉनमी है. उसने जर्मनी को पीछे छोड़ द‍िया है. रिकॉर्ड टैक्स कलेक्शन कर रहा है जून 2025 में 1.88 लाख करोड़ का जीएसटी कलेक्‍ट हुआ. मैन्युफैक्चरिंग और एक्‍सपोर्ट में नई ऊंचाइयों को छू रहा है. चीन से इन्‍वेस्‍टमेंट निकलकर भारत आ रहा है. एप्‍पल-टेस्‍ला जैसी अमेर‍िकी कंपन‍ियां भारत में भारी इन्‍वेस्‍टमेंट कर रही हैं. ट्रंप की धमक‍ियों के बावजूद वे भारत में मोटा पैसा लगाने के ल‍िए तैयार हैं. और राहुल गांधी भी ये जानते होंगे क‍ि व्‍यापारी वहीं जाता है, जहां उसे संभावनाएं नजर आती हैं. कारोबार नजर आता है. यह इंडियन इकोनॉमी के ज‍िंदा होने का सबूत है.

राजनीति करिए पर भारत को ‘डेड’ मत कहिए

ट्रंप की बयानबाजी को हम उनकी ज‍ियोपॉल‍िट‍िक स्‍ट्रैटजी का हिस्सा मान सकते हैं पर राहुल गांधी जैसे जिम्मेदार नेता जब विदेशी आलोचनाओं पर ताली बजाते हैं, तो सवाल उठता है कि क्या उनका झुकाव सत्ता की राजनीति से ऊपर देश की प्रतिष्ठा को बचाने का है? सबूत गवाह हैं क‍ि इंडियन इकॉनमी न सिर्फ जिंदा है, बल्कि दौड़ रही है और अगर यही रफ्तार रही, तो अगला दशक ‘इंडिया का दशक’ बन सकता है. दुनिया जानती है, आंकड़े गवाही देते हैं, बस कुछ लोगों को दिखना बंद हो गया है.

Gyanendra Mishra

Mr. Gyanendra Kumar Mishra is associated with hindi.news18.com. working on home page. He has 20 yrs of rich experience in journalism. He Started his career with Amar Ujala then worked for 'Hindustan Times Group...और पढ़ें

Mr. Gyanendra Kumar Mishra is associated with hindi.news18.com. working on home page. He has 20 yrs of rich experience in journalism. He Started his career with Amar Ujala then worked for 'Hindustan Times Group...

और पढ़ें

Location :

New Delhi,New Delhi,Delhi

homenation

डेड इकॉनमी: ट्रंप की चाल और राहुल का ताल, लेकिन देश की बात पर तो अड़ना जरूरी

Read Full Article at Source