कहां है ब्रेजा कार जिसमें लदा मौत का सामान? दिल्ली धमाके का तुर्की कनेक्शन

1 hour ago

Delhi Car Blast: दिल्ली के लाल किला विस्फोट की जांच में नया खुलासा हुआ है. दिल्ली ब्लास्ट का तुर्की कनेक्शन सामने आया है. पकड़े गए आतंकी डॉक्टर उमर और मुजम्मिल तुर्की गए थे. वहां उनकी मुलाकात हैंडलर्स से हुई थी. जी हां, दिल्ली कार ब्लास्ट में अब तक एक कट्टरपंथी नेटवर्क की भयावह तस्वीर सामने आई है. इसे लेकर कहा जा रहा है कि इसने कथित तौर पर पूरे भारत में बड़े पैमाने पर हमलों की योजना बनाई थी.

जांचकर्ताओं ने सीएनएन-न्यूज18 को बताया कि श्रीनगर और अनंतनाग की दो महिला डॉक्टरों सहित मुख्य आतंकी डॉक्टरों को मौलवी इरफान के प्रभाव में प्रशिक्षित किया गया था. ऐसा माना जाता है कि मौलवी ने कश्मीर में अपने अस्पताल के कार्यकाल के दौरान उन डॉक्टरों को कट्टरपंथी बनाया था.

टॉप सूत्रों की मानें तो मौलवी इरफान ने आतंकियों के ग्रुप को गजवा ए-हिंद’ की अवधारणा सहित चरमपंथी विचारधाराओं से परिचित कराया और हिंदू-विरोधी भावनाएं फैलाईं. इसके बाद कट्टरपंथी सदस्यों को पूरे भारत में ओपन स्लीपर सेल बनाने, और अधिक सहयोगियों की भर्ती करने और अपने कार्यक्षेत्र का विस्तार करने के लिए प्रेरित किया गया.

अधिकारियों ने पुष्टि की है कि अब तक गिरफ्तार किए गए लोग उस कोर ग्रुप यानी मुख्य समूह का हिस्सा हैं. इन्होंने भारत में संभावित हमलों की सिस्टमेटिक योजना बनाने का काम शुरू कर दिया था. एक सूत्र ने कहा, ‘उन्हें साफ पता था कि बेतरतीब ढंग से हमला करने से उनका मकसद पूरा नहीं होगा. वे समझते थे कि दिल्ली सत्ता का केंद्र है, और उनका दीर्घकालिक लक्ष्य रणनीतिक ठिकानों को निशाना बनाना था.

ब्रेजा कार से बढ़ी टेंशन

दिल्ली ब्लास्ट मामले में जांच का मुख्य केंद्र गिरफ्तार महिला डॉक्टरों में से एक से जुड़ी ब्रेजा कार है. जांचकर्ताओं को संदेह है कि उस ब्रेजा कार में विस्फोटक सामग्री हो सकती है. और इसका पता लगाने के लिए कई टीमें तैनात की गई हैं. हालांकि, अब तक उस ब्रेजा कार का पता नहीं चल पाया है. मंगलवार को गिरफ्तार की गई डॉक्टर डॉक्टर शाहीना के पास कथित तौर पर एक दूसरी ब्रेजा कार थी, जो अभी तक बरामद नहीं हुई है.

दिल्ली ब्लास्ट का तुर्की कनेक्शन

इस बीच खुफिया एजेंसियों ने पुष्टि की है कि दो प्रमुख आरोपी आतंकी डॉक्टर उमर, आदिल और मुजम्मिल इस साल की शुरुआत में तुर्की गए थे. वहां वे कथित तौर पर जैश-ए-मोहम्मद के हैंडलर से मिले थे. एजेंसियों को पता चला है कि हैंडलर ने तुर्की में उनके ठहरने और आने-जाने की व्यवस्था की थी. यह एक संगठित अंतरराष्ट्रीय समर्थन संरचना का संकेत देता है.

दोनों महिला डॉक्टरों के पास से क्या मिला?

डिजिटल फोरेंसिक एनालिसिस ने संदेह को और पुख्ता कर दिया है. जांचकर्ताओं ने दोनों महिला डॉक्टरों के बीच 400 से अधिक एन्क्रिप्टेड चैट एक्सचेंज बरामद किए हैं, जिनमें उन्होंने फंड ट्रांसफर, लॉजिस्टिक्स और संभावित सुरक्षित ठिकानों पर चर्चा की थी. डॉक्टरों में से एक को कथित तौर पर 2023 और 2024 के बीच इस्तांबुल और दोहा से डिजिटल वॉलेट के माध्यम से कई विदेशी धन प्राप्त हुए. माना जाता है कि यह उनकी आतंकी गतिविधियों के लिए धन था.

कैसे मौलवी इरफान के संपर्क में आईं?

दोनों महिलाओं ने बांग्लादेश के ढाका मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस की डिग्री हासिल की थी और श्रीनगर में अपनी इंटर्नशिप के दौरान मौलवी इरफान के संपर्क में आईं. यह वह दौर था जिसे अब जांचकर्ता उनके कट्टरपंथ में ‘टर्निंग पॉइंट’ बता रहे हैं.

सूत्रों का कहना है कि यह नेटवर्क बेहद संगठित, डिजिटल रूप से कुशल और विदेशों से वित्तीय रूप से समर्थित था, जो एक व्यापक साजिश की ओर इशारा करता है. इसकी अभी भी जांच चल रही है. भारत की खुफिया एजेंसियां अब तुर्की और कतर के संबंधों के साथ-साथ आतंकी ग्रुप के भारत संचालन के लिए धन के स्रोत की भी जांच कर रही हैं.

ब्रेजा में मौत का सामान?

जैसे-जैसे विस्फोटकों से लदी ब्रेजा की तलाश तेज होती जा रही है, अधिकारी डिजिटल ट्रेल्स, धन उगाही का रिकॉर्ड और एन्क्रिप्टेड संचार चैनलों की भी मैपिंग कर रहे हैं ताकि इस नए लेकिन खतरनाक स्लीपर सेल नेटवर्क में और अधिक सक्रिय लोगों की पहचान की जा सके.

दिल्ली ब्लास्ट में 12 लोगों की मौत

हरियाणा के फरीदाबाद स्थित अल फलाह यूनिवर्सिटी से 2,900 किलोग्राम से अधिक विस्फोटक और गोला-बारूद बरामद होने के कुछ ही घंटों बाद सोमवार शाम लाल किला मेट्रो स्टेशन के पास कार में विस्फोट होने से बारह लोग मारे गए और कई घायल हो गए. इस बरामदगी से डॉक्टरों से जुड़े एक आतंकवादी नेटवर्क का पर्दाफाश हो गया, जो कथित तौर पर अखिल भारतीय हमलों की योजना बना रहे थे.

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