नई दिल्ली. उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले के सिकन्दराराऊ क्षेत्र में आयोजित एक सत्संग में मंगलवार को भगदड़ मच गई जिसमें 100 से अधिक लोगों की मौत हो गई. पुलिस ने यह जानकारी दी. सिकन्दराराऊ के थानाध्यक्ष आशीष कुमार ने बताया कि इस थाना क्षेत्र के फुलराई गांव में भोलेबाबा के सत्संग के दौरान यह भगदड़ मच गयी जिसमें 116 लोगों की मौत हो गई है तथा अनेक अन्य घायल हो गए हैं.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जनपद हाथरस में हुए हादसे का संज्ञान लिया. उन्होंने मृतकों के शोक संतप्त परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त की है. राज्य सरकार के एक प्रवक्ता ने बताया कि मुख्यमंत्री ने घायलों को तत्काल अस्पताल पहुंचाकर जिला प्रशासन के अधिकारियों को उनके समुचित उपचार के निर्देश दिए हैं.
यह पहली बार नहीं है कि देश में ऐसा हादसा हुआ है. मंदिरों में भीड़ या अन्य वजहों से पहले भी कई घटनाएं हुई हैं, जिनमें कईयों को अपनी जान गंवानी पड़ी है. एक नजर ऐसे ही 6 दर्दनाक हादसों पर जिसने देश को झकझोर कर रख दिया.
* 3 फरवरी 1954 को जब पहली बार आजाद भारत में कुंभ मेले का आयोजन किया गया, तो यह एक दर्दनाक हादसा में बदल गया था. मौनी अमावस्या के दिन हुई घटना में 800 से ज्यादा लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी, जबकि 2000 से अधिक घायल हुए थे. कुछ रिपोर्ट्स की मानें, तो इस हादसे में 300 से अधिक मौतें कुचले जाने से हुई, जबकि 200 से अधिक लापता हो गए थे.
* महाराष्ट्र के सतारा जिले में स्थित मंधारदेवी मंदिर में मची भगदड़ को भी नहीं भुलाया जा सकता है. 25 जनवरी 2005 को मंदिर में हुए हादसे में करीब 350 लोगों की मौत हो गई थी. मंदिर में भगदड़ उस वक्त मची, जबकि श्रद्धालु नारियल तोड़ने के लिए सीढ़ियों पर चढ़ रहे थे और उसी दौरान फिसलन की वजह से कुछ लोग सीढ़ियों से गिर गए, जिसके बाद वहां अचानक से हालात खराब हो गए.
* हिमाचल प्रदेश का नैना देवी मंदिर भी एक हादसे का शिकार बना था. यहां माता के दर्शन के लिए भारी संख्या में भीड़ जुटती है. 3 अगस्त 2008 को माता के दर्शन की लालसा में हजारों की तादाद में लोग नैना देवी मंदिर पहुंचे. इसी दौरान बारिश की वजह से मंदिर में लैंडस्लाइड हुआ और भगदड़ मचने से करीब 150 भक्तों की मौत हो गई
* ऐसा ही एक हादसा 30 सितंबर 2008 को राजस्थान के जोधपुर के चामुंडा देवी मंदिर में हुआ था, जहां शारदीय नवरात्र के दौरान बम विस्फोट की अफवाह फैली और इसके तुरंत बाद वहां अफरातफरी मच गई. नतीजा यह हुआ कि भगदड़ में करीब 250 श्रद्धालुओं की मौत हो गई, जबकि 50 से ज्यादा जख्मी हो गए थे.
* मार्च, 2010: उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ में कृपालुजी महाराज के आश्रम का गेट गिरने से मची भगदड़ में 63 लोगों की मौत हो गई और 100 से अधिक लोग घायल हो गए. मरने वालों में 37 बच्चे और 26 महिलाएं थे. उत्तर प्रदेश के तत्कालीन अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक बृजलाल ने बताया था कि मौतें आश्रम का गेट गिरने से मची भगदड़ से हुईं थीं.
* 7 मार्च 2023: मध्य प्रदेश के इंदौर स्थित बेलेश्वर महादेव झूलेलाल मंदिर का स्लैब टूट गया था… स्लैब टूटने से मंदिर में मौजूद श्रद्धालुओं में भगदड़ मच गई और 36 लोगों की मौत हो गई. बताया गया कि हादसे के समय बावड़ी पर जो स्लैब डाला गया था, उस पर करीब 60 श्रद्धालु मौजूद थे.
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FIRST PUBLISHED :
July 2, 2024, 21:42 IST