'कुप्रबंधन नहीं, घोर लापरवाही', गवर्नर और सीएम ममता के बीच फिर तकरार

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Last Updated:December 17, 2025, 10:14 IST

Today LIVE: चुनाव आयोग ने गोवा, पश्चिम बंगाल, राजस्थान, लक्ष्यद्वीप में मतदाता सूचियों के विशेष गहन संशोधन (एसआईआर) के गणना चरण की शुरुआत की है. इस अभियान में घर-घर जाकर व्यापक सत्यापन किया जा रहा...और पढ़ें

'कुप्रबंधन नहीं, घोर लापरवाही', गवर्नर और सीएम ममता के बीच फिर तकरार

Today LIVE: पश्चिम बंगाल के गवर्नर आनंद बोस ने प्रदेश की ममता बनर्जी सरकार पर करारा प्रहार किया है. (फाइल फोटो/PTI)

Today LIVE: कोलकाता के साल्ट लेक स्टेडियम में अर्जेंटीना के दिग्गज फुटबॉलर लियोनल मेसी से जुड़े एक कार्यक्रम के दौरान मची अव्यवस्था को लेकर पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने तीखी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने इस पूरे घटनाक्रम को बेहद दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि यह सिर्फ कुप्रबंधन नहीं, बल्कि अधिकारियों की घोर लापरवाही का नतीजा है. राज्यपाल ने कहा कि इस कार्यक्रम में जिस तरह का हंगामा और अव्यवस्था देखने को मिली, वह खेल प्रेमियों के साथ अन्याय है. उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि कुप्रबंधन शब्द भी इस स्थिति को बयान करने के लिए कम है. इसमें अधिकारियों की लापरवाही साफ नजर आती है. उन्होंने आरोप लगाया कि जब खेल को केवल एक व्यावसायिक वस्तु की तरह देखा जाता है और निजी लोगों को खेल प्रेमियों की भावनाओं की कीमत पर पैसा कमाने की छूट दी जाती है, तो इसके ऐसे ही गंभीर परिणाम सामने आते हैं. राज्यपाल ने बताया कि मेसी की एक झलक पाने के लिए देश के अलग-अलग हिस्सों से हजारों लोग कोलकाता पहुंचे थे. इतनी बड़ी संख्या में लोगों के जुटने के बावजूद सुरक्षा और व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम नहीं किए गए, जो बेहद चिंताजनक है.

केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता वाली उच्च-स्तरीय समिति (एचएलसी) ने पंचायती राज संस्थानों में समुदाय-आधारित आपदा जोखिम न्यूनीकरण (डिजास्टर रिस्क रिडक्शन) पहल को मजबूत करने की राष्ट्रीय परियोजना के लिए 20 राज्यों के लिए 507.37 करोड़ रुपए को मंजूरी दी है. मोदी सरकार ने 2021 में राष्ट्रीय आपदा शमन निधि की शुरुआत की थी ताकि समाज को किसी भी आपदा का सामना करने के लिए मजबूत बनाया जा सके और आज इस पहल का विस्तार पंचायत स्तर तक किया गया है। मोदी सरकार राज्यों/ केन्द्रशासित प्रदेशों को किसी भी आपदा का आत्मविश्वास के साथ मुकाबला करने के लिए सशक्त बनाने के प्रति दृढ़ संकल्पित है. यह पहल पंचायती राज मंत्रालय तथा राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) के सहयोग से की जा रही है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आपदा-प्रतिरोधी भारत के विजन को साकार करने के लिए गृह मंत्रालय राज्यों और केन्द्रशासित प्रदेशों को सभी आवश्यक सहायता प्रदान कर रहा है.

‘जी राम जी बिल 2025 गांवों के समग्र और टिकाऊ विकास पर केंद्रित’

संसद में केंद्र सरकार ने मनरेगा की जगह विकसित भारत गारंटी फॉर रोजगार एंड आजीविका मिशन (ग्रामीण), यानी ‘जी राम जी बिल 2025’, लोकसभा में पेश किया. प्रधान (प्रोफेशनल असिस्टेंस फॉर डेवलपमेंट एक्शन) की कार्यकारी निदेशक डॉ. सरोज महापात्रा ने बताया कि यह योजना गांवों के समग्र और टिकाऊ विकास पर केंद्रित है. ‘जी राम जी बिल 2025’ महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) को खत्म कर एक नया ढांचा स्थापित करेगा, जो विकसित भारत 2047 के विजन से जुड़ा है. इस बिल में ग्रामीण परिवारों को 100 की जगह 125 दिन रोजगार की गारंटी दी गई है. यह बिल ग्रामीण भारत को सशक्त बनाने पर जोर देता है. मुख्य फोकस जल सुरक्षा, ग्रामीण अवसंरचना, आजीविका से जुड़े एसेट्स और जलवायु परिवर्तन से निपटने के कामों पर है. ग्राम पंचायतों से शुरू होकर विकसित भारत नेशनल रूरल इंफ्रास्ट्रक्चर स्टैक तक सभी काम एकीकृत होंगे। टेक्नोलॉजी का बड़ा उपयोग होगा, जिसके तहत एआई, जीआईएस मैपिंग और डेटा आधारित प्लानिंग से पारदर्शिता बढ़ेगी.

Location :

New Delhi,Delhi

First Published :

December 17, 2025, 10:14 IST

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