Last Updated:April 09, 2025, 18:59 IST
रेल और सूचना प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बुधवार को कैबिनेट के बाद ब्रीफिंग में ‘बाईपास सर्जरी’ की बात कही. इसके होने के बाद रेल नेटवर्क सही हो जाएगा. क्या है यह बाईपास सर्जरी? आइए जानें –

तिरुपति जाने वाले श्रद्धालुओं को मिलेगी राहत.
नई दिल्ली. रेल और सूचना प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बुधवार को कैबिनेट फैसले के बाद ब्रीफिंग में ‘बाई पास सर्जरी’ की बात कही. उन्होंने कहा कि जिस तरह बाईपास सर्जरी के बाद शरीर पूरी तरह ठीक हो जाता है. उसी तरह नई रेल लाइन से नेटवर्क ठीक हो जाएगा. दरअसल तिरुपति-वेल्लोर – कटापट्टी इस रूट पर बढ़ते रेल ट्रैफिक को देखते हुए कैबिनेट ने नई रेल लाइन बनाने को मंजूरी दी है. रेल मंत्री का मानना है कि इसके बनने के बाद रेल यात्रियों को सुविधा होगी.
रेल मंत्री ने बताया कि केरल की ओर से पूर्वोत्तर की ओर जाने के लिए मौजूदा रेल लाइन में ट्रैफिक काफी ज्यादा है. यहां पर तिरुपति मंदिर के अलावा श्री कलाहस्ती शिव मंदिर और चंदागिरी फोर्स है. इसके साथ ही तिरुपति और वेल्लोर शिक्षा और मेडिकल के हब हैं. इस वजह से ट्रेनों का आना जाना काफी होता है.
नई रेल लाइन बनाने को मंजूरी
उन्होंने बताया कि आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु के बीच बेहतर कनेक्टीविटी को ध्यान में रखते हुए 104 किमी. नई रेल लाइन बनाई जाएगी. इसमें 1332 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है. इस नई रेल लाइन में 15 स्टेशन, 17 बड़े ब्रिज, 327 छोटे ब्रिज, 7 आरओबी और 30 आरयूपी बनाए जाएंगे.
ये होगा फायदा
नई लाइन बनने के बाद कारगो, मेल, एक्सप्रेस और पैसेंजर ट्रेनों की संख्या बढ़ेगी. 20 करोड़ किग्रा, सीओ2 का उत्सर्जन कम होगा, यह एक करोड़ पेड़ लगाने जैसा ही है. इतना ही नहीं चार करोड़ लीटर डीजल की भी बचत हर साल हो सकेगी. 449 करोड़ रुपये की लाजिस्टिक खर्च की बचत होगी.
इसलिए बाईपास से की तुलना
रेल मंत्री ने कहा कि अभी रेल लाइन कटापट्टी से तिरुपति काफी घूमते हुए जाती है, लेकिन 104 लंबी रेल लाइन बनने के बाद सीधा तिरुपति पहुंचा जा सकेगा. यह उसी तरह है जैसे किसी की बाईपास सर्जरी कर दो. उसके बाद शरीर पूरी तरह से स्वस्थ्य हो जाता है.
Location :
New Delhi,Delhi
First Published :
April 09, 2025, 18:59 IST