कौन है गोवा नाइट क्लब का मालिक सौरभ लूथरा, कैसे बना दी रेस्तरां की चेन

2 hours ago

Saurabh Luthra: गोवा के एक नाइट क्लब में रविवार की आधी रात को लगी भीषण आग के बाद उसके मालिक सौरभ लूथरा सुर्खियों में आ गए हैं. शुरुआती जांच में बर्च बाय रोमियो लेन नाइट क्लब के सुरक्षा प्रोटोकॉल में खामियां सामने आयी हैं. अरपोरा नदी के बैकवाटर में क्लब के निर्माण को लेकर भी सवाल उठ रहे हैं, जो कथित तौर पर बिना अनुमति के किया गया है. गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने नाइट क्लब में लगी आग की मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए, जिसमें 25 लोगों की जान चली गई. सौरभ और उनके बड़े भाई गौरव लूथरा के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है.

सौरभ लूथरा नाम के एक लिंक्डइन अकाउंट में भी बायो में उन्हें ‘रोमियो लेन, बिर्च, मामाज़ बुओई चेयरमैन’ का बताया गया है. रोमियो लेन लोकप्रिय उच्चस्तरीय रेस्तरां और बार की एक चेन है जो दिल्ली सहित भारत के कई शहरों और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी स्थित है. दिल्ली में जन्मे सौरभ ने कंप्यूटर साइंस में बी. टेक की डिग्री हासिल की है और बिजनेस में आने से पहले उन्होंने कॉर्पोरेट जगत में बिजनेस डेवलपमेंट मैनेजर के तौर पर लगभग एक दशक तक काम किया. उनके शुरुआती एंटरप्राइज (उद्यम) उत्तर-पूर्वी दिल्ली के हडसन लेन में मामाज़ बुओई नामक एक कैफे-लाउंज और ड्रामेबाज नामक एक बार थे.

गोल्ड मेडलिस्ट से रेस्तरां व्यवसायी
रोमियो लेन वेबसाइट के अनुसार सौरभ लूथरा की सफलता की कहानी स्वर्ण पदक विजेता इंजीनियर से एक होनहार और सबसे तेजी से बढ़ते रेस्तरां मालिक के रूप में तब्दील होने की है. उन्हें एफ एंड बी इंडस्ट्री में अपने शानदार काम के लिए जाना जाता  हैं. उन्हें फोर्ब्स इंडिया में शामिल किया गया. सौरभ लूथरा ने रोमियो लेन, बर्च और मामाज़ बुओई के साथ मिलकर एक तेजी से बढ़ता हुआ हॉस्पिटैलिटी एंपायर खड़ा किया. लेकिन इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार वो रोमियो लेन ही थी जिसने लूथरा बंधुओं को असल में सुर्खियों में ला दिया. इस ब्रांड का तेजी से विस्तार हुआ और दिल्ली, नोएडा, गुड़गांव, गोवा, भोपाल, इंदौर, देहरादून, लखनऊ और यहां तक कि दुबई जैसे 30 से ज्यादा शहरों में रेस्टोरेंट और रूफटॉप रेस्टोरेंट खुल गए.

गौरव और सौरभ लूथरा इस समय फुकेत (थाईलैंड) में हैं.

सौरभ का दुबई में है एक घर
एक समय इसे एक युवा उद्योग की सफलता की कहानी माना जाता था, लेकिन उनके तेजी से विस्तार और हाई-प्रोफाइल ब्रांडिंग ने उन्हें गोवा और उसके बाहर नाइटलाइफ के क्षेत्र में एक उभरती हुई ताकत के रूप में स्थापित कर दिया. गौरव लूथरा सौरभ के भाई हैं और उनका बिजनेस संभालने में मदद करते हैं. सौरभ और गौरव की उम्र में चार साल का अंतर है. सौरभ 40 साल के हैं तो गौरव 44 साल के. दोनों उत्तरी दिल्ली के आउट्राम लेन में, जीटीबी नगर मेट्रो स्टेशन के पास रहते हैं. गोवा पुलिस ने दोनों भाइयों की तलाश में सोमवार को इसी इलाके में छापा मारा था. इन दोनों भारतीय महानगरों में कई क्लब खोले, हालांकि पिछले कुछ वर्षों में उनके कई आउटलेट बंद भी हो गए हैं. सौरभ के पास दुबई में एक आवासीय संपत्ति भी है.

22 शहरों के साथ 4 देशों में मौजूदगी
वेबसाइट के अनुसार रोमियो लेन वर्तमान में 22 शहरों के साथ-साथ चार देशों में मौजूद है. लूथरा अपने आउटलेट्स पर परोसे जाने वाले ऑर्गेनिक कॉकटेल के लिए जाने जाते हैं. वेबसाइट के अनुसार लूथरा ने कई पुरस्कार जीते हैं और 2016 से लेकर अब तक उनके रेस्तरां/बार को कई सम्मान प्राप्त हुए हैं. बड़े क्लबों का संचालन करने के बावजूद लूथरा को दूर-दूर रहने वाला और लोगों से संपर्क न करने वाला बताया गया. स्थानीय लोगों और उद्योग जगत के जानकारों का कहना है कि वह अपने आप में ही रहते थे और अपने सेक्टर के साथ कम ही जुड़ते थे. कई लोगों का कहना है कि इस अलगाव के कारण निगरानी में खामियां और जमीनी स्तर पर जवाबदेही कमजोर हुई.

महीने में सिर्फ एक बार आते थे लूथरा
टीओआई के मुताबिक रोमियो लेन स्थित बर्च के कर्मचारियों ने बताया कि लूथरा महीने में सिर्फ एक बार ही आते थे और सिर्फ चुनिंदा लोगों से ही बातचीत करते थे. लोगों ने बताया कि उनकी सीमित भागीदारी का मतलब था कि कर्मचारियों की सुरक्षा के लिए जिम्मेदार व्यक्ति तक सीधी पहुंच बहुत कम थी. लूथरा का नाइटलाइफ का बड़ा कारोबार होने के बावजूद उन्हें कभी भी पर्यटन संघ में पंजीकृत नहीं कराया गया. उन्हें केवल पंचायत में सूचीबद्ध किया गया था, जो नियामक खामियों और उच्च जोखिम वाले प्रतिष्ठानों की ढीली निगरानी को उजागर करता है.

क्या था आग लगने का कारण?
जबकि राज्य पुलिस ने कहा कि आग रविवार आधी रात के बाद सिलेंडर विस्फोट के कारण लगी. कुछ प्रत्यक्षदर्शियों ने दावा किया कि आग नाइट क्लब की पहली मंजिल पर लगी, जहां डांस फ्लोर पर कम से कम 100 टूरिस्ट मौजूद थे. अरपोरा ग्राम पंचायत के सरपंच रोशन रेडकर ने बताया, “यह क्लब सौरभ लूथरा द्वारा चलाया जा रहा है. उनके और जमीन मालिकों के बीच, साथ ही उनके और उनके व्यापारिक साझेदारों के बीच भी विवाद था. जिसके कारण इस प्रतिष्ठान के खिलाफ शिकायतें दर्ज की गई थीं.” रेडकर ने कहा कि जिस इमारत से क्लब चल रहा था, वह बिना निर्माण लाइसेंस के बनी थी. उन्होंने बताया, “क्लब के खिलाफ शिकायतें मिली थीं और जब हमने जांच की तो पता चला कि उसके पास निर्माण लाइसेंस नहीं था. हमने उचित प्रक्रिया का पालन करते हुए तोड़फोड़ का नोटिस जारी किया था. हालांकि, अपील के बाद तोड़फोड़ के नोटिस पर रोक लगा दी गई थी.”

इस नाइट क्लब का निर्माण कभी नमक के पानी वाली एक खारी जगह पर हुआ था, जिसे पर्यावरण के प्रति संवेदनशील माना जाता था. रिपोर्ट में कहा गया है कि यह तटीय विनियमन क्षेत्र अधिसूचना के अंतर्गत भी आता है, जो अंतर-ज्वारीय क्षेत्र में निर्माण पर प्रतिबंध लगाता है. यह नाइट क्लब अरपोरा नदी के बैकवाटर में स्थित है, जहां प्रवेश और निकास द्वार संकरे हैं. पीटीआई के अनुसार, संकरी गलियों के कारण दमकल गाड़ियों के लिए क्लब तक पहुंच पाना संभव नहीं था और उनके टैंकरों को घटनास्थल से लगभग 400 मीटर दूर खड़ा करना पड़ा.

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