नई दिल्ली. त्योहारी सीजन आते ही बिल्डर और डेवलपर्स ऑफर की बारिश शुरू कर देते हैं. ग्राहकों को लुभाने के लिए कोई कार बांटता है तो कोई एसी-फ्रिज और टीवी. लेकिन, क्या इन ऑफर्स के चक्कर में आकर त्योहारों पर प्रॉपर्टी खरीदना सही होता है. क्या वास्तव में त्योहारों पर मिलने वाली प्रॉपर्टीज अन्य समय के मुकाबले सस्ती होती हैं. जाहिर है कि आप में से ज्यादातर का सवाल होगा नहीं, तो फिर क्यों त्योहारों पर ही प्रॉपर्टी या घर खरीदने जैसे बड़े फैसले किए जाएं. इस बारे में हम प्रॉपर्टी एक्सपर्ट से ही सही जवाब लेते हैं.
प्रॉपर्टी मामलों के जानकार प्रदीप मिश्रा कहते हैं कि बीते दो दशकों के अनुभव से यह कह सकता हूं कि हर कैलेंडर साल की चौथी तिमाही के दौरान संपत्तियों की बिक्री सबसे अधिक होती है. इसी समय नवरात्र का शुभ समय आता है फिर धनतेरस और दिवाली. इसके बाद नये साल के आगमन तक संपत्तियों में निवेश का सिलसिला जारी रहता है. इस दौरान बिल्डर्स से लेकर बैंक तक जमकर ऑफर देते हैं. ऐसे में अगर आप इस त्योहारी सीजन में घर खरीदने की योजना बना रहे हैं, तो इन बातों का ध्यान जरूर रखें.
ऊंची ब्याज दरें और ईएमआई का बोझ
घर खरीदने के लिए होम लोन लेना चलन हो गया है. बीते कुछ वर्षों के दौरान होम लोन की ब्याज दरों में कोई खास गिरावट नहीं दिखी और ईएमआई का बोझ बढ़ा हुआ है. यदि आप पहले से ही किसी लोन का भुगतान कर रहे हैं, तो नए लोन की ईएमआई आपकी बचत और खर्चों को प्रभावित कर सकती है. लिहाजा घर खरीदने से पहले ब्याज दरों की तुलना करें और लोन की शर्तों को ध्यान से पढ़ें.
संपत्ति की बढ़ती कीमतें
एनसीआर में संपत्तियों की कीमतें बढ़ रही हैं, जिससे त्योहारों के दौरान घर खरीदने की योजना कई लोगों के बजट से बाहर हो रही है. निर्माण सामग्री की बढ़ती लागत और श्रम लागत ने प्रॉपर्टी की कीमतों को ऊंचा कर दिया है, जिससे घर खरीदने वालों के सामने वित्तीय चुनौतियां आ रही हैं. यदि आप घर खरीदने की योजना बना रहे हैं, तो सुनिश्चित करें कि आप अपनी बजट योजना में आपातकालीन फंड और अन्य खर्चों को भी शामिल कर रहे हैं. केवल डाउन पेमेंट ही नहीं, बल्कि प्रॉपर्टी टैक्स, मेंटेनेंस और अन्य छिपे हुए खर्च भी आपके वित्तीय प्रबंधन पर असर डाल सकते हैं.
निवेश का नजरिया क्लीयर रखें
रियल एक सुरक्षित और दीर्घकालिक निवेश माना जाता है, लेकिन वर्तमान परिस्थिति में, बढ़ती कीमतें और ब्याज दरें निवेशकों को सोचने पर मजबूर कर रही हैं. अगर आप इस त्योहारी सीजन में घर खरीदने को एक निवेश विकल्प के रूप में देख रहे हैं, तो यह जरूरी है कि आप आरओआई यानी रिटर्न ऑन इन्वेस्टमेंट और संभावित जोखिमों का आकलन करें. महंगे बाजार में निवेश करने से आपका कैश फ्लो प्रभावित हो सकता है. इसलिए, अपनी वित्तीय योजना में लिक्विडिटी और संभावित किराये की आय को भी ध्यान में रखें, ताकि आप बाजार की अस्थिरता से बच सकें. ऐसे में यदि आपके पास निवेश की अतिरिक्त धनराशि है तो उस स्थिति में महानगरों के बजाय आप छोटे शहरों का रुख कर सकते हैं.
त्योहारों के ऑफर्स कितने लाभकारी
त्योहारी सीजन में डेवलपर्स अक्सर छूट और ऑफर्स की पेशकश करते हैं, लेकिन क्या ये आपके लिए सही हैं? कई बार छूट का लालच वित्तीय दबाव बढ़ा सकता है. लिहाजा ऑफर का लाभ उठाने से पहले यह सुनिश्चित करें कि यह आपकी वित्तीय स्थिति के अनुरूप है? आप स्वयं सोचकर देखिये कि संपत्ति की खरीद पर सोने का सिक्का, विदेशी यात्रा, घर के लिए मुफ्त इलेक्ट्रॉनिक सामान जैसे ऑफर आपके लिए कितने लाभकारी रहेंगे? जिस रकम को चुकाकर आप कोई संपत्ति खरीद रहे हैं, उसका कितना प्रतिशत आपको मुफ्त उपहार के रूप में वापस में मिल रहा है?
क्या यह सही समय है?
संपत्ति की खरीदारी में टाइमिंग बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है. ऐसे में अगर आप इस त्योहारी सीजन में घर खरीदने का विचार कर रहे हैं, तो सबसे पहले आपको अपनी वित्तीय स्थिति, बाजार की परिस्थितियों, और भविष्य की संभावनाओं पर ध्यान देना चाहिए. घर खरीदना एक बड़ा वित्तीय फैसला है, जो आपकी बचत और निवेश योजनाओं को प्रभावित कर सकता है. मौजूदा बाजार की चुनौतियों को देखते हुए, घर खरीदने से पहले वित्तीय परामर्श लेना फायदेमंद हो सकता है. यह सुनिश्चित करेगा कि आपका निर्णय सही हो और आपकी वित्तीय स्थिति पर नकारात्मक प्रभाव न पड़े.
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FIRST PUBLISHED :
November 1, 2024, 19:32 IST