Last Updated:October 25, 2025, 14:47 IST
Sainik School: देश में 30 से ज्यादा सैनिक स्कूल हैं. सरकार ने 100 नए सैनिक स्कूल खोलने का वादा किया है. निजी स्कूल भी कुछ शर्तें पूरी करके सैनिक स्कूल की मान्यता हासिल कर सकते हैं.
Sainik School: सैनिक स्कूल की मान्यता मिल पाना आसान नहीं हैनई दिल्ली (Sainik School). सैनिक स्कूल देश के टॉप सरकारी स्कूलों में शामिल हैं. भविष्य में सेना में नौकरी करने के इच्छुक बच्चों के लिए सैनिक स्कूल किसी ट्रेनिंग सेंटर से कम नहीं है. यहां कम फीस में बेहतरीन पढ़ाई और ट्रेनिंग मिलती है. भारत में किसी स्कूल को सैनिक स्कूल के रूप में मान्यता मिलना अब केवल रक्षा मंत्रालय के सीधे नियंत्रण वाले स्कूलों तक ही सीमित नहीं है. प्रधानमंत्री ने 100 नए सैनिक स्कूल स्थापित करने की घोषणा की है. इसलिए अब कुछ शर्तों पर प्राइवेट स्कूल भी सैनिक स्कूल की मान्यता हासिल कर सकेंगे.
सरकार ने पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप (PPP) के जरिए मौजूदा सरकारी, निजी या NGO-संचालित स्कूलों को सैनिक स्कूल पैटर्न में बदलने की पहल शुरू की है. इस योजना का मुख्य उद्देश्य देश के युवाओं के लिए क्वॉलिटी शिक्षा के साथ-साथ उन्हें सशस्त्र बलों में शामिल होने के लिए तैयार करना है. ये मान्यता प्राप्त स्कूल नियमित शिक्षा के साथ-साथ रक्षा-केंद्रित पाठ्यक्रम और सैन्य अनुशासन को भी अपनाते हैं. इससे वे सामान्य स्कूलों से अलग हो जाते हैं और उन्हें सैनिक स्कूल की मान्यता मिल जाती है.
सैनिक स्कूल की मान्यता कैसे मिलेगी?
सैनिक स्कूल की मान्यता हासिल करने के लिए स्कूलों को कई सख्त शर्तों और दिशानिर्देशों का पालन करना होता है, जो उनकी शैक्षणिक गुणवत्ता, बुनियादी ढांचे और स्टूडेंट वेलफेयर स्टैंडर्ड को सुनिश्चित करते हैं. यह प्रक्रिया आवेदकों के लिए समान अवसर प्रदान करती है. इससे केवल वही संस्थान सफल हो पाते हैं, जो छात्रों को शैक्षणिक उत्कृष्टता और सैन्य अनुशासन, दोनों में ढालने की क्षमता रखते हैं. यह पहल न केवल शिक्षा प्रणाली को मजबूत करती है, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा की दिशा में भी महत्वपूर्ण कदम है.
सैनिक स्कूल की मान्यता प्राप्त करने की प्रक्रिया
किसी मौजूदा स्कूल को सैनिक स्कूल (नया पैटर्न) की मान्यता प्राप्त करने के लिए निम्नलिखित प्रमुख शर्तें और गाइडलाइंस पूरी करनी होती हैं:
1. पात्रता
सरकारी/सरकारी सहायता प्राप्त स्कूल: केंद्र या राज्य सरकारों द्वारा वित्त पोषित स्कूल. निजी स्कूल/ट्रस्ट/NGO: निजी शिक्षण संस्थान, ट्रस्ट, सोसाइटी या गैर-सरकारी संगठन द्वारा संचालित स्कूल. स्कूल को किसी मान्यता प्राप्त बोर्ड (जैसे CBSE/State Board) से संबद्ध होना अनिवार्य है.2. बुनियादी ढांचा और क्षमता
पर्याप्त भूमि: स्कूल के पास छात्रों के लिए बड़ा खेल मैदान, शैक्षणिक भवन और आवासीय सुविधाएं (Hostel Facility) होनी चाहिए. सैनिक स्कूल पैटर्न में स्टूडेंट्स के लिए हॉस्टल अनिवार्य है. क्लासरूम और लैब्स: हाई क्वॉलिटी शिक्षा के लिए पर्याप्त संख्या में क्लासरूम, साइंस लैब्स और कंप्यूटर लैब उपलब्ध होने चाहिए. सुरक्षा मानक: स्कूल परिसर सुरक्षित और संरचित होना चाहिए, जिसमें बाहरी हस्तक्षेप को रोकने के लिए उचित व्यवस्था हो.3. शैक्षिक और पाठ्यक्रम संबंधी जरूरतें
कक्षा 6 से प्रवेश: नए सैनिक स्कूल पैटर्न में एडमिशन मुख्य रूप से कक्षा 6 स्तर पर शुरू होते हैं. रक्षा-केंद्रित पाठ्यक्रम: स्कूल को नियमित पाठ्यक्रम के साथ-साथ सैन्य प्रशिक्षण, अनुशासन और शारीरिक दक्षता से संबंधित विशेष ‘सैनिक स्कूल करिकुलम’ लागू करना होगा. अतिरिक्त गतिविधियां: परेड, पीटी (शारीरिक प्रशिक्षण), ड्रिल और विभिन्न खेल गतिविधियों को दैनिक दिनचर्या का हिस्सा बनाना जरूरी है.4. वित्तीय और प्रशासनिक मॉडल
स्कूल की फीस: फीस संरचना को सैनिक स्कूल सोसाइटी द्वारा निर्धारित दिशानिर्देशों के अनुरूप होना चाहिए. प्रशासन: स्कूल का प्रशासन और प्रबंधन सैनिक स्कूल सोसायटी और संबंधित राज्य सरकार के साथ मिलकर काम करेगा. सोसायटी समय-समय पर शैक्षणिक और सैन्य प्रशिक्षण की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए निरीक्षण करती है. रक्षा मंत्रालय से प्रोत्साहन: मान्यता प्राप्त स्कूलों को बुनियादी ढांचे के अपग्रेड और प्रशिक्षण उपकरण खरीदने के लिए रक्षा मंत्रालय की तरफ से वित्तीय सहायता/प्रोत्साहन भी मिलता है.5. चयन और मान्यता की प्रक्रिया
ऑनलाइन आवेदन: स्कूल को रक्षा मंत्रालय के पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन करना होता है. मूल्यांकन: आवेदन की जांच के बाद सैनिक स्कूल सोसाइटी की एक टीम स्कूल के बुनियादी ढांचे, सुरक्षा और शैक्षणिक रिकॉर्ड का फिजिकल वेरिफिकेशन करती है. MoU पर हस्ताक्षर: सभी शर्तें पूरी होने पर स्कूल और सैनिक स्कूल सोसाइटी के बीच एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए जाते हैं. इसके बाद स्कूल को औपचारिक रूप से सैनिक स्कूल के रूप में मान्यता मिल जाती है.With over more than 10 years of experience in journalism, I currently specialize in covering education and civil services. From interviewing IAS, IPS, IRS officers to exploring the evolving landscape of academi...और पढ़ें
With over more than 10 years of experience in journalism, I currently specialize in covering education and civil services. From interviewing IAS, IPS, IRS officers to exploring the evolving landscape of academi...
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First Published :
October 25, 2025, 14:47 IST

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