Last Updated:April 11, 2025, 15:30 IST
Waqf Amendment Act West Bengal: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने वक्फ संशोधन कानून को अपने राज्य में लागू न करने का ऐलान किया है. हालांकि ममता बनर्जी ने घोषणा तो कर दी है, लेकिन संविधान के अनुसार, राज...और पढ़ें

बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने वक्फ संशोधन कानून को अपने राज्य में लागू न करने का ऐलान किया है.
हाइलाइट्स
ममता बनर्जी ने वक्फ संशोधन कानून को बंगाल में लागू न करने का ऐलान कियाराज्य सरकारें केंद्रीय कानून को लागू करने से इनकार नहीं कर सकतींवक्फ कानून समवर्ती सूची में शामिल, केंद्र और राज्य दोनों कानून बना सकते हैंWaqf Amendment Act West Bengal: वक्फ संशोधन विधेयक पिछले गुरुवार को लोकसभा और शुक्रवार को राज्यसभा से पास हुआ था. शनिवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने विधेयक को अपनी मंजूरी दे दी. केंद्र सरकार ने इसको लेकर अधिसूचना भी जारी कर दी. जिसमें लिखा है कि वक्फ कानून को 8 अप्रैल से देश में प्रभावी रूप से लागू कर दिया गया. अभी वक्फ कानून लागू कुछ ही दिन गुजरे थे कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बड़ा ऐलान कर दिया.
ममता बनर्जी ने कहा कि केंद्र के वक्फ संशोधन कानून को पश्चिम बंगाल में लागू नहीं किया जाएगा. ममता बनर्जी ने बुधवार को कोलकाता में जैन समुदाय के एक कार्यक्रम में कहा कि मैं अल्पसंख्यक लोगों और उनकी संपत्ति की रक्षा करूंगी. उन्होंने कहा, “मैं जानती हूं कि वक्फ कानून बनने से आप निराश हैं. मगर भरोसा रखें बंगाल में ऐसा कुछ नहीं होगा जिससे कोई बांटकर राज कर सके. बांग्लादेश की स्थिति देखिए. वक्फ संशोधन विधेयक को अभी पास नहीं किया जाना चाहिए था.” इससे ये सवाल उठता है कि क्या ममता बनर्जी इस कानून को लागू करने से मना कर सकती हैं? क्या कोई राज्य सरकार ऐसा कर सकती है कि वो केंद्र के किसी कानून को अपने यहां लागू करने से मना कर दे?
ये भी पढ़ें- वो कौन सा विमान जिससे तहव्वुर राणा को दिल्ली लाया गया, यही प्लेन क्यों चुना गया?
इस बारे में क्या कहता है संविधान
आइए जानते हैं कि इस मामले में भारत का संविधान क्या कहता है? संविधान के अनुच्छेद 245 और 246 के तहत संसद को कानून बनाने का अधिकार है. अगर संसद द्वारा बनाया गया कानून संघ सूची (Union List) या समवर्ती सूची (Concurrent List) के विषयों से संबंधित है, तो राज्यों का इसे लागू न करने का अधिकार सीमित होता है.
वक्फ का नया कानून और राज्यों की भूमिका
वक्फ एक केंद्रीय विषय है. वक्फ को भारतीय संविधान की समवर्ती सूची (Entry 28, List III) में शामिल किया गया है. जिसका अर्थ है कि केंद्र और राज्य दोनों इस पर कानून बना सकते हैं. हालांकि, यदि केंद्र सरकार कोई कानून बनाती है, तो राज्यों के पास उसे चुनौती देने या उसका पालन न करने का अधिकार नहीं होता, जब तक कि संविधान में कोई विशेष प्रावधान न हो. यदि संसद ने वक्फ प्रबंधन या वक्फ संपत्तियों से संबंधित कोई नया कानून पारित किया है, तो राज्य सरकारें उसे लागू करने के लिए बाध्य हैं.
ये भी पढ़ें- तहव्वुर राणा का पाकिस्तान के कुलीन परिवार से है नाता, जानिए क्या करते हैं पत्नी-बच्चे
कानून का पालन करना राज्यों का दायित्व
क्योंकि अनुच्छेद 254 के अनुसार केंद्रीय कानून राज्य कानूनों पर प्राथमिकता रखते हैं. अनुच्छेद 256 के मुताबिक राज्य सरकारें केंद्र के बनाए कानून और उनके निर्देशों का पालन करने से मना नहीं सकती हैं. जानकारों का कहना है कि केंद्र के निर्देशों को पालन करना राज्यों का दायित्व है. केंद्र के किसी कानून को न मानना संविधान की असफलता मानी जाती है. ऐसा होने पर क्या कार्रवाही हो सकती है यह संविधान में स्पष्ट रूप से दिया गया है.
ये भी पढ़ें- Explainer: भारत और इजरायल में पैदा हुए दुनिया के सबसे ज्यादा धर्म, क्या है इसकी वजह
क्या हो सकती है राज्यों की भूमिका
राज्य सरकारें वक्फ बोर्डों के प्रशासनिक कार्यों में भूमिका निभा सकती हैं, लेकिन केंद्र के बनाए कानून को रद्द या अमान्य नहीं कर सकतीं. यदि राज्य का अपना कोई वक्फ कानून है, जो केंद्रीय कानून से टकराता है, तो केंद्रीय कानून प्रभावी होगा. जब तक कि राष्ट्रपति की अनुमति से राज्य कानून को प्राथमिकता न दी जाए. अगर कोई राज्य यह साबित कर सके कि केंद्रीय कानून संविधान के मूल ढांचे का उल्लंघन करता है, तो वो अदालत का दरवाजा खटखटा सकते हैं.
ये भी पढ़ें- कनाडा की राजनीति में पंजाबियों के बाद अब गुजराती बनेंगे किंगमेकर? 4 उम्मीदवार मैदान में
हालांकि ऐसा पहली बार देखने को नहीं मिल रहा है कि कोई राज्य सरकार संसद द्वारा पारित कानून को अपने यहां लागू करने से रोक रही हो. इसके पहले जब सिटिजनशिप अमेंडमेंट एक्ट (CAA) लाया गया था उस समय भी पश्चिम बंगाल और केरल ने इसे अपने राज्य में इसे लागू करने पर विरोध जताया था.
Location :
New Delhi,Delhi
First Published :
April 11, 2025, 15:30 IST