क्या हू-ब-हू वर्ष 1941 की ही तरह है 2025 का भी कैलेंडर,वैसे ही हादसे और घटनाएं

4 hours ago

सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है. इसमें ये बताया जा रहा है कि वर्ष 2025 का जो कैलेंडर है वो हूबहू 1941 की तरह है. बिल्कुल उसी तरह की तारीखें और वैसे ही एक जैसे दिन. गुजरे सालों के कैलेंडर की ऐसी समानता नई बात तो नहीं है लेकिन ये बात सही है कि ये दोनों साल हादसों और युद्ध के मामले में एक जैसे ही हैं.

जानते हैं ये कैसे है. और ये भी भी जानेंगे कि पिछले 100 सालों में कितने मौके आए जबकि गुजरे सालों के कैलेंडर बाद के बरसों जैसे बिल्कुल एक जैसे रहे. ऐसा क्यों होता है. इसकी वजह भी जानेंगे.

क्या 2025 और 1941 का कैलेंडर एक जैसा है?

हां, ये बात एकदम सच है. वर्ष 2025 के कैलेंडर को अगर देखेंगे तो ये हूबहू वैसा ही है, जैसा 1941 में था. नीचे हम इन दोनों सालों के कैलेंडर दे रहे हैं. उसको देखकर आप खुद हैरान रह जाएंगे. लेकिन अगर आप सोच रहे हों कि ऐसा पहली बार हुआ तो ये बिल्कुल नहीं है. हर कुछ दशकों में किसी साल का कैलेंडर किसी पुराने साल से मेल खा सकता है – यानी वही दिन और तारीख एक ही दिन पड़ सकते हैं.

इसकी वजह क्या होती है

1941 और 2025 दोनों गैर-लीप वर्ष हैं. दोनों में 1 जनवरी बुधवार के दिन पड़ी है. कैलेंडर का ऐसा चक्र आमतौर पर हर 28 साल में दोहराया जाता है, क्योंकि ग्रेगोरियन कैलेंडर में सप्ताह के दिन और तारीखें इस चक्र में दोहराती हैं.

इसलिए अगर आप 1941 का कैलेंडर देखें, तो 2025 का कैलेंडर हूबहू वैसा ही होगा. हर महीने की तारीखें और दिन समान होंगे. ये भी कहा जाता है कि ऐसा होने की वजह लीप ईयर के पैटर्न और 7 दिनों के हफ्ते के चक्र के कारण होता है.

क्या 1941 और 2025 ऐतिहासिक रूप से एक जैसे अशांत रहे हैं

आइए ये देखने के लिए दोनों सालों की घटनाओं पर निगाह दौड़ाते हैं. वैसे ये बात सही है कि 1941 का साल दूसरे विश्व युद्ध के दौरान पड़ा था. ये इस वजह से हादसों और त्रासदियों का साल भी कहा जाता है.

1941 का साल

– ये साल द्वितीय विश्व युद्ध का निर्णायक और भयानक साल था.
– जर्मनी ने सोवियत संघ पर हमला किया.
– जापान ने पर्ल हार्बर पर हमला किया और अमेरिका युद्ध में कूदा.
– यूरोप, अफ्रीका और एशिया में युद्ध की लपटें फैली थीं.
यानि दुनिया की दो बड़ी महाशक्तियां सोवियत संघ और अमेरिका इस युद्ध में सीधे सीधे इनवाल्व थे. दूसरे विश्वयुद्ध में एशिया और यूरोप पर बहुत ज्यादा असर पड़ा. कई देशों के नक्शे ही इसके बाद बदल गए. अर्थव्यवस्था में आमूलचूल बदलाव हो गया. इसे आर्थिक मंदी का साल माना गया.

2025 का साल अब तक

हां, इस साल भी दुनिया कई संकटों से जूझ रही है. खासकर युद्ध जैसे हालत से. पिछले कुछ दशकों में इस तरह के युद्ध के हालात कभी नहीं देखे गए.

– रूस-यूक्रेन युद्ध – इन दोनों देशों के बीच युद्ध तीन साल से चल रहा है. इस साल इसका संकट और गहराया हुआ लग रहा है.
– भारत – पाकिस्तान सैन्य संघर्ष – इस साल पहलगाम में आतंकी घटना के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच मई में सैन्य संघर्ष हुआ. हालांकि चार दिनों के बाद ही दोनों देशों ने संघर्ष विराम कर लिया.
– इजरायल-हमास-हिज़्बुल्लाह संघर्ष – साल की शुरुआत के साथ ही ये नजर आ रहा था कि इजरायल ने गाजा पट्टी से हमास और अपने देश की सीमा को छूते हुए लेबनान के हिस्से में हिज्बुल्ला का अंत कर दिया. जिससे कई सालों से अशांति फैल रही थी.
– ईरान-इजरायल टकराव – जून में इजरायल ने सीधे ईरान पर हवाई हमला कर दिया. ईरान इसका जवाब दिया. दोनों के बीच ये संघर्ष छठे दिन भी जारी है. अमेरिका भी इस टकराव में शामिल होता हुआ लग रहा है.

इस साल भी अभी तक युद्ध में दो महाशक्तियां रूस और अमेरिका कूदी हुई हैं. रूस प्रत्यक्ष तौर पर यूक्रेन से युद्ध लड़ रहा है तो इजरायल और ईरान के संघर्ष में अमेरिका पीछे से शामिल है और अब सामने आकर ईरान के खिलाफ कार्रवाई करने का मन बना चुका है. एशियाई देशों भारत, पाकिस्तान, ईरान और इजरायल इससे प्रभावित हैं. इस साल भी आर्थिक मंदी की आहट आने लगी है.

क्या दोनों साल के हालात एक जैसे हैं

बेशक दोनों सालों में वैश्विक अस्थिरता और युद्ध जैसी स्थितियां तो जरूर हैं लेकिन स्केल और घटनाओं का स्वरूप अलग है. इन्हें एक तरीके से मिलाकर नहीं देखा जा सकता है. ये भी पक्का है कि इतिहास का पूरा घटनाक्रम नहीं दोहराता, लेकिन कुछ पैटर्न और परिस्थितियां समय-समय पर मिलती-जुलती लगती हैं. अगर इस तरह का वीडियो वायरल हो रहा है और उसमें घटनाओं को एक जैसे मिलाकर देखा जा रहा हो, तो इसका ना तो कोई तर्क है और ना ही वैज्ञानिक आधार. ऐसा नहीं होता. ना ही कभी हुआ है.

पिछले 100 सालों में एक जैसे कैलेंडर वाले साल

गुजरे साल                              उनके जैसा कैलेंडर जो दोहराया
1928 (लीप ईयर)                    1956, 1984, 2012
1929                                     1974, 2001, 2029
1930                                     1941, 1969, 1996, 2025
1931                                     2002, 2030
1935                                     1946, 1974, 2002
1939                                     1950, 1978, 2006
1940 (लीप ईयर)                    1968, 1996, 2024
1941                                     1969, 1997, 2025
1953                                     1981, 2009, 2037
1957                                     1973, 2001, 2029
1961                                     1989, 2017, 2045
1965                                     1993, 2021, 2049
1970 (लीप ईयर)                    1998, 2026
1971                                      2001, 2029
1977                                      2005, 2033
1983                                      2011, 2039
1994                                      2022, 2050
1999                                      2027
2003                                      2014, 2025
2009                                      2037

कैसे होता है ये?

हर साल 1 जनवरी का दिन एक दिन आगे खिसकता है. लीप ईयर (हर 4 साल में एक बार) इस क्रम को थोड़ा और आगे कर देता है. इसलिए हर 5-11 साल में पुराने कैलेंडर का पैटर्न दोबारा आने लगता है. लीप ईयर का कैलेंडर हमेशा किसी लीप ईयर के कैलेंडर से ही मेल खाता है. नॉन-लीप ईयर का कैलेंडर भी उन्हीं सालों में दोहराया जाता है जो नॉन-लीप ईयर हैं.

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