Last Updated:June 26, 2025, 13:38 IST
Bihar Chunav 2025: चिराग पासवान की बढ़ती महत्वाकांक्षा क्या सीएम नीतीश कुमार के लिए चिंता का कारण बनेगा? क्यों बिहार चुनाव से पहले एक तरफ तबले पर धिन-धिन तो दूसरे तरफ 'भोंपू' बजने लगा है?

बिहार की सियासत में अगले कुछ दिनों में क्या बड़ा होने वाला है?
हाइलाइट्स
क्या नीतीश कुमार के सामने आने वाला है बड़ा संकट?क्या चिराग पासवान 2020 की तरह 2025 में नीतीश का खेल बिगाड़ेंगे?एनडीए में सीट शेयरिंग क्या बड़ा मुद्दा बनने वाला है?पटना: बिहार की राजनीति में इन दिनों ‘तबले की थाप’ कुछ ज़्यादा ही गूंज रही है और वो भी एनडीए खेमे से! जैसे-जैसे 2025 के विधानसभा चुनाव नजदीक आ रहे हैं, राजनीतिक पारा चढ़ता जा रहा है. महागठबंधन से कहीं ज्यादा खलबली इस बार एनडीए में मची हुई दिखाई दे रही है. खासकर लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के तेवर तीखे होते जा रहे हैं. पार्टी सुप्रीमो चिराग पासवान भले ही चुप हैं, लेकिन उनके बहनोई और जमुई के सांसद अरुण भारती ने मोर्चा खोल रखा है.
जहां एक ओर नीतीश कुमार फिलहाल शांत हैं, वहीं दूसरी ओर अरुण भारती लगातार सोशल मीडिया पर सीएम नीतीश पर हमलावर हैं. उन्होंने हाल ही में नीतीश सरकार द्वारा कराए गए जातिगत सर्वे को ‘बहुजनों के खिलाफ एक दिखावा और साजिश’ करार दिया है. उनका आरोप है कि इस सर्वे के ज़रिए दलितों और आदिवासियों को हाशिए पर डालने की साज़िश रची गई, जबकि आरजेडी ने इसे सिर्फ अपने MY (मुस्लिम-यादव) वोट बैंक को मजबूत करने के लिए इस्तेमाल किया.
चिराग की चाल और नीतीश की चिंता
खबरों की मानें तो चिराग पासवान की पार्टी अब बिहार की सभी 243 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी में है. चिराग ने यह भी संकेत दिया है कि वे इस बार सामान्य सीट से चुनाव लड़ सकते हैं, जिससे उनकी राजनीतिक छवि को और व्यापक आयाम मिल सके. चिराग की यह रणनीति उनकी ‘बिहार फर्स्ट, बिहारी फर्स्ट’ सोच के इर्द-गिर्द घूमती है, जिसका मकसद सिर्फ दलित ही नहीं, बल्कि गैर-यादव पिछड़े वर्गों और युवाओं को भी जोड़ना है.
नीतीश कुमार, जो एनडीए के तहत एक बार फिर मुख्यमंत्री चेहरे के रूप में प्रोजेक्ट किए जा रहे हैं.
नीतीश कुमार, जो एनडीए के तहत एक बार फिर मुख्यमंत्री चेहरे के रूप में प्रोजेक्ट किए जा रहे हैं, चिराग की इस महत्वाकांक्षा से शायद थोड़ा असहज महसूस कर रहे हैं. राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि 2020 की तरह एक बार फिर चिराग बीजेपी पर दबाव बनाकर नीतीश को साइडलाइन करने की तैयारी में हैं, कुछ वैसा ही जैसा महाराष्ट्र में देखा गया.
अरुण भारती का ‘भोंपू’, जेडीयू की चुप्पी
अरुण भारती की पोस्ट सिर्फ जातिगत सर्वे तक ही सीमित नहीं रही. उन्होंने राज्य की कानून-व्यवस्था पर भी सवाल उठाए और चिराग द्वारा नीतीश को लिखे गए पत्र का समर्थन करते हुए दुर्घटना पीड़ित परिवारों को मुआवजा देने की मौजूदा प्रक्रिया को ‘अमानवीय’ करार दिया.
क्या नीतीश कुमार की गाड़ी में चिराग लगाएंगे ब्रेक?
फिलहाल जेडीयू प्रवक्ता चुप हैं, लेकिन यह सन्नाटा कब तबले की ‘धिन-धिन’ में बदल जाए, कहा नहीं जा सकता. संकेत साफ हैं जैसे ही पार्टी आलाकमान इशारा देगा, जवाबी हमला शुरू हो जाएगा.
सीट बंटवारे को लेकर टकराव तय?
2024 के लोकसभा चुनाव में एलजेपी (रामविलास) ने बिहार की पांचों सीटों पर जीत दर्ज कर अपनी ताकत का लोहा मनवाया. अब चिराग उस प्रदर्शन को आधार बनाकर एनडीए में 40 विधानसभा सीटों की मांग कर सकते हैं. लेकिन बीजेपी और जेडीयू उन्हें 25-30 सीटों तक सीमित रखना चाहते हैं, जिससे टकराव तय लगता है.
याद दिला दें कि 2020 में चिराग ने एनडीए से अलग होकर जेडीयू के खिलाफ 137 उम्मीदवार उतारे थे, जिससे नीतीश की पार्टी सिर्फ 43 सीटों पर सिमट गई थी. भले ही एलजेपी सिर्फ एक सीट जीत पाई, लेकिन नीतीश की नींद ज़रूर उड़ा दी थी.
अब एक बार फिर इतिहास खुद को दोहराने की ओर बढ़ता दिखाई दे रहा है. चिराग की महत्वाकांक्षा और अरुण भारती की ‘भोंपू पॉलिटिक्स’ ने नीतीश की रणनीतिक टीम की मुश्किलें बढ़ा दी हैं.
रविशंकर सिंहचीफ रिपोर्टर
भारतीय विद्या भवन से पत्रकारिता की पढ़ाई करने वाले रविशंकर सिंह सहारा समय न्यूज चैनल, तहलका, पी-7 और लाइव इंडिया न्यूज चैनल के अलावा फर्स्टपोस्ट हिंदी डिजिटल साइट में भी काम कर चुके हैं. राजनीतिक खबरों के अलावा...और पढ़ें
भारतीय विद्या भवन से पत्रकारिता की पढ़ाई करने वाले रविशंकर सिंह सहारा समय न्यूज चैनल, तहलका, पी-7 और लाइव इंडिया न्यूज चैनल के अलावा फर्स्टपोस्ट हिंदी डिजिटल साइट में भी काम कर चुके हैं. राजनीतिक खबरों के अलावा...
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Patna,Patna,Bihar