Last Updated:December 17, 2025, 19:06 IST
Russia Crude : रूस की 2 बड़ी तेल कंपनियों पर अमेरिका के प्रतिबंध लगाने के बाद क्रूड की खरीद कम हो गई है. भारत को आने वाला रूसी क्रूड ऑयल अब चीन की तरफ जा रहा है. चीन के पूर्व तट पर 5 टैंकर रूसी तेल से लदे खड़े हैं.
प्रतिबंध के बाद भारत ने रूस से तेल की खरीद कम कर दी है. नई दिल्ली. इस समय दुनिया पर नजर डालेंगे तो 4 देशों की चर्चा हर जगह, हर मंच पर होती दिख रही है. पहला अमेरिका जो एक बार फिर अपनी बादशाहत कायम करने के लिए छटपटा रहा है. दूसरी ओर चीन, भारत और रूस जो साथ मिलकर अमेरिका की नीतियों का जवाब देने की कोशिश में जुटे हैं. अब खबर है कि भारत आने वाला रूसी क्रूड ऑयल बड़ी मात्रा में चीन के तट पर इकट्ठा हो रहा है. लाखों बैरल तेल लदे इन टैंकरों ने दुनियाभर का ध्यान खींचा है और कारोबारियों के मन में कई सवाल भी पैदा किए हैं.
ऊर्जा खरीद पर नजर रखने वाली एजेंसी केपलर के अनुसार, रूस के पश्चिमी तट से निकलने वाले यूरॉल्स ग्रेड वाले क्रूड आयॅल से भरे टैंकर चीन के पूर्वी तट की ओर बढ़ रहे हैं. केपलर ने बताया है कि बुधवार तक करीब 34 लाख बैरल क्रूड से लदे 5 जहाज यलो सी में खड़े थे, पिछले सप्ताह से इनकी संख्या दोगुनी हो चुकी है. इतना ही नहीं, इस क्षेत्र में तेल टैंकरों का जमा होना पिछले 5 साल में सबसे ज्यादा रहा है.
क्यों जमा हो रहे रूसी तेल के टैंकर
अमेरिका सहित अन्य पश्चिमी देशों की ओर से रूस की 2 सबसे बड़ी तेल कंपनियों पर प्रतिबंध लगाने के बाद भारत ने रूस के यूरॉल्स क्रूड की खरीद कम कर दी है. रूस से इस ग्रेड का क्रूड खरीदने वाला भारत सबसे बड़ा देश रहा है. अब इसके खरीदारी कम करने के बाद रूसी तेल से लदे टैंकर चीन की ओर बढ़ रहे हैं. यही वजह है कि चीन के पूर्वी तट पर यलो सी में 5 जहाज करीब 34 बैरल तेल लादकर खड़े हैं. यह इलाका चीन के शेडोंग प्रांत का है, जिसे स्वतंत्र तेल रिफाइनरियों का केंद्र माना जाता है.
चीन ऐसा क्रूड नहीं खरीदता
वैसे तो क्रूड ऑयल का चीन आना कोई नई बात नहीं है, लेकिन यूरॉल्स तेल का इसके तट पर जमा होना एक अनोखी स्थिति है. वजह कि चीन इस ग्रेड के तेल रूस से नहीं खरीदता है. चीनी रिफाइनरियां आमतौर पर पश्चिमी बंदरगाहों से आने वाले इस ग्रेड वाले तेल नहीं खरीदतीं, बल्कि वे पूर्वी टर्मिनल से रूस का कच्चा तेल खरीदना ज्यादा पसंद करते हैं. इसमें डीजल की मात्रा भी ज्यादा होती है और यह चीन के नजदीक भी पड़ता है.
नए खरीदार की तलाश में रूस
अमेरिकी प्रतिबंधों की वजह से भारत के क्रूड खरीदने की रफ्तार सुस्त पड़ी है. लिहाजा अब रूस भी यूरॉल्स ग्रेड वाले तेल के विक्रेताओं के लिए नए खरीदार की तलाश कर रहा है. खासकर पूर्वी एशिया में रूस ने नए खरीदारों की तलाश तेज कर दी है. माना जा रहा है कि यूरॉल्स तेल टैंकरों का चीन के तट पर जमा होना इसी रणनीति का हिस्सा है. अभी यह क्लीयर तो नहीं है कि रूस से आने वाले इस तेल को चीन ने खरीद लिया है या फिर अभी खरीदार की तलाश चल रही है, लेकिन इतना तय है कि भारत आने वाले ये टैंकर अब नए खरीदार की तलाश में चीन की सीमा तक पहुंच गए हैं.
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प्रमोद कुमार तिवारी को शेयर बाजार, इन्वेस्टमेंट टिप्स, टैक्स और पर्सनल फाइनेंस कवर करना पसंद है. जटिल विषयों को बड़ी सहजता से समझाते हैं. अखबारों में पर्सनल फाइनेंस पर दर्जनों कॉलम भी लिख चुके हैं. पत्रकारि...और पढ़ें
Location :
New Delhi,Delhi
First Published :
December 17, 2025, 19:06 IST

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