Last Updated:December 17, 2025, 22:03 IST
दिल्ली से लेकर लखनऊ तक प्रदूषण और भीषण कोहरे की चपेट में है. लखनऊ में तो धुंध और कोहरे की वजह से भारत-साउथ अफ्रीका मैच रद्द हो गया. इन सबके बीच चीन की राजदूत ने वो 6 सीक्रेट शेयर किए हैं, जिनकी बदाैलत चीन ने बीजिंग में प्रदूषण को पूरी तरह खत्म कर दिया. ये टिप्स दिल्ली के काफी काम आ सकते हैं.
प्रदूषण और कोहरे की वजह से भारत साउथ अफ्रीका मैच रद्द करना पड़ा. लखनऊ में प्रदूषण और घने कोहरे की वजह से भारत साउथ अफ्रीका के बीच टी20 मुकाबला रद्द करना पड़ा. इस पर शशि थरूर ने भी चिंता जताई . लिखा-411 AQI और स्मॉग खतरनाक, इससे अच्छा तो तिरुवनंतपुरम में करा लेते, जहां AQI सिर्फ 68 है. देश की राजधानी दिल्ली भी गैस चैंबर बनी हुई है और सांस लेना दूभर हो गया है. ऐसे वक्त में चीन ने अपना सीक्रेट शेयर किया है, जिससे उसने अपनी राजधानी बीजिंग की हवा साफ की थी. एक समय था जब बीजिंग भी दुनिया के सबसे प्रदूषित शहरों में गिना जाता था, लेकिन आज वहां नीला आसमान दिखता है. दिल्ली में चीनी दूतावास की प्रवक्ता यू जिंग ने सोशल मीडिया पर बीजिंग की सफलता की कहानी शेयर करते हुए एक स्टेप-बाय-स्टेप गाइड पेश की है. बताया कि कैसे बीजिंग ने प्रदूषण को हराया.
चीन के वो 6 सुझाव जो दिल्ली के काम आ सकते हैं
प्रवक्ता यू जिंग ने वाहनों से होने वाले प्रदूषण से निपटने के लिए बीजिंग द्वारा उठाए गए 6 प्रमुख कदमों का जिक्र किया है, जो दिल्ली के लिए एक केस स्टडी हो सकते हैं.
China 6N मानक: उत्सर्जन के लिए बेहद सख्त चाइना 6N (China 6N) मानक लागू किए जाएं. यह भारत के BS-VI से भी कड़े हो सकते हैं. पुरानी गाड़ियों की विदाई: ज्यादा धुआं छोड़ने वाले और पुराने वाहनों पर पूर्ण प्रतिबंध और उन्हें सड़कों से हटाने यानी फेज आउट करने की नीति. कारों की राशनिंग: शहर में चलने वाली कारों की संख्या को नियंत्रित करना. इसके लिए लॉटरी सिस्टम या ऑड-ईवन जैसे कड़े नियम लागू करना. पब्लिक ट्रांसपोर्ट: मेट्रो और बसों के नेटवर्क को इतना मजबूत करना कि लोग निजी गाड़ियां छोड़ दें. इलेक्ट्रिक क्रांति: इलेक्ट्रिक वाहनों (EV) की संख्या बढ़ाने के लिए भारी सब्सिडी, टैक्स में छूट और चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर का जाल बिछाना. पड़ोसियों का साथ: बीजिंग अकेले नहीं, बल्कि अपने पड़ोसी क्षेत्रों (तियानजिन और हेबेई) के साथ मिलकर प्रदूषण कंट्रोल मॉडल पर काम करता है. दिल्ली को भी NCR के राज्यों के साथ ऐसा ही करना होगा.गेम चेंजर बना 3000 फैक्ट्रियों पर ताला
बीजिंग की हवा साफ करने में सबसे बड़ा योगदान ‘फेज 2’ यानी इंडस्ट्रियल रीस्ट्रक्चरिंग का रहा है. चीनी दूतावास ने बताया कि यह फैसला आसान नहीं था, लेकिन इसके नतीजे चौंकाने वाले रहे. बीजिंग ने शहर के भीतर मौजूद 3,000 से अधिक हैवी इंडस्ट्रीज को या तो हमेशा के लिए बंद कर दिया या उन्हें शहर से बाहर कर दिया. चीन की सबसे बड़ी इस्पात कंपनियों में से एक शोउगांग को बीजिंग से बाहर भेजा गया. अकेले इस एक फैसले से हवा में मौजूद जानलेवा कणों में लगभग 20% की कमी दर्ज की गई.
How did Beijing tackle air pollution? 🌏💨
Step 1: Vehicle emissions control 🚗⚡
🔹 Adopt ultra-strict regulations like China 6NI (on par with Euro 6)
🔹 Phase-out retired old, high-emission vehicles
🔹 Curb car growth via license-plate lotteries and odd-even / weekday driving… pic.twitter.com/E0cFp4wgsV
कचरे से कंचन: पुरानी फैक्ट्रियों का कायाकल्प
चीन ने खाली हुई फैक्ट्रियों की जमीन को बंजर नहीं छोड़ा, बल्कि उसका इस्तेमाल शहर की खूबसूरती बढ़ाने के लिए किया. पुरानी औद्योगिक इकाइयों को पार्कों, कमर्शियल हब, सांस्कृतिक केंद्रों और टेक-हब में बदल दिया गया. इसका सबसे बेहतरीन उदाहरण पूर्व शोउगांग साइट है, जिसे 2022 विंटर ओलंपिक के लिए एक शानदार वेन्यू के रूप में विकसित किया गया.
भीड़भाड़ कम करने का मास्टरप्लान
बीजिंग ने सिर्फ फैक्ट्रियां ही नहीं हटाईं, बल्कि शहर पर जनसंख्या और संसाधनों का बोझ कम करने के लिए ऐसी सभी चीजेां को शिफ्ट कर दिया गया, जिसकी राजधानी में जरूरत नहीं है. बड़े होल सेल मार्केट और लॉजिस्टिक्स हब शहर से बाहर भेजे गए. यहां तक कि कुछ यूनिवर्सिटीज और अस्पतालों को भी शहर के बाहरी इलाकों में शिफ्ट किया गया ताकि मुख्य शहर में ट्रैफिक और प्रदूषण कम हो.
दिल्ली के लिए क्या सबक
चीन का मॉडल बताता है कि प्रदूषण की कोई सीमा नहीं होती. बीजिंग ने अपने पड़ोसी प्रांत हेबेई के साथ मिलकर काम किया. सामान्य मैन्युफैक्चरिंग को हेबेई भेज दिया गया, जबकि हाई-वैल्यू रिसर्च और सर्विस सेक्टर को बीजिंग में रखा गया. यह ठीक वैसा ही है जैसे दिल्ली अपने कारखानों को दूर दराज के इलाकों में भेजे और खुद को एक ‘ग्रीन कैपिटल’ के रूप में विकसित करे.
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Mr. Gyanendra Kumar Mishra is associated with hindi.news18.com. working on home page. He has 20 yrs of rich experience in journalism. He Started his career with Amar Ujala then worked for 'Hindustan Times Group...और पढ़ें
Location :
Delhi,Delhi,Delhi
First Published :
December 17, 2025, 21:22 IST

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