Last Updated:June 24, 2025, 23:09 IST
जम्मू में एक संदिग्ध चोर को सार्वजनिक रूप से जूतों की माला पहनाकर अपमानित करने का मामला सामने आया है. युवक को पुलिस की गाड़ी के बोनट पर बैठा घुमाया गया. इस संबंध में जांच शुरू की गयी है.

चोरी के आरोपी को जूतों की माला पहनाकर जम्मू की सड़कों पर घुमाया गया.(Image:AI)
जम्मू. जम्मू के मध्य क्षेत्र में मंगलवार को एक संदिग्ध चोर को सार्वजनिक रूप से जूतों की माला पहनाकर अपमानित करने का मामला सामने आया है. युवक को पुलिस की गाड़ी के बोनट पर बैठा घुमाया गया. इस संबंध में जांच शुरू की गयी है. सोशल मीडिया पर इस घटना का एक वीडियो सामने आया है, जिसमें वहां मौजूद लोग इस काम पर तालियां बजाते और खुशी मनाते हुए नजर आ रहे हैं. सोशल मीडिया पर सामने आए इस वीडियो पर यूजर अलग-अलग प्रतिक्रिया दे रहे हैं. जहां कई लोगों ने पुलिस की इस कार्रवाई की वैधता और नैतिकता पर सवाल उठाए हैं तो वहीं कुछ लोगों ने इसे ‘जंगल राज’ करार दिया है. जम्मू के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) जोगिंदर सिंह ने घटना की निंदा करते हुए इस मामले में विभागीय जांच के आदेश दिए हैं. आरोपी कश्मीर का निवासी है और गिरफ्तारी के समय कथित तौर पर नशे की हालत में था. उसे एक अस्पताल के पास पीछा करने और झड़प के बाद पकड़ा गया.
बख्शी नगर पुलिस थाने के थाना प्रभारी आजाद मन्हास ने बताया कि आरोपी उस गिरोह में शामिल है, जिसका हाल ही में इस इलाके में भंडाफोड़ हुआ था. उन्होंने बताया कि कुछ दिन पहले दवा खरीदते समय एक व्यक्ति से 40,000 रुपये लूट लिये गए थे, हालांकि वह व्यक्ति चोर को पहचानकर उससे भिड़ गया था. थाना प्रभारी ने बताया कि चोर ने उक्त व्यक्ति पर चाकू से हमला किया था, जिससे वह घायल हो गया था तथा आरोपी ने मौके से भागने की कोशिश की थी. उन्होंने बताया कि इलाके में गश्त कर रहे पुलिसकर्मियों ने आरोपी का पीछा किया और उसे पकड़ लिया. अधिकारी ने बताया कि जब आरोपी को पकड़ लिया गया तो कुछ स्थानीय युवकों ने कथित तौर पर उसके (आरोपी) हाथ रस्सी से बांध दिए और उसे जूतों की माला पहना दी. उन्होंने बताया कि इसके बाद आरोपी को सड़कों पर घुमाया गया और थोड़ी देर के लिए पुलिस वाहन के बोनट पर बैठाया गया तथा पुलिस थाने ले जाते समय सार्वजनिक संबोधन प्रणाली के माध्यम से उसकी गिरफ्तारी का ऐलान किया गया. कई लोगों ने पुलिस टीम के समर्थन में नारे लगाए.
जम्मू के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक जोगिंदर सिंह ने कहा कि पुलिसकर्मियों की कार्रवाई ‘गैर-पेशेवर और अनुशासित संगठन के सदस्यों के लिए अनुचित’ है तथा उन्होंने इस मामले की सख्त विभागीय जांच के आदेश दिए हैं. एसएसपी द्वारा जारी आदेश में कहा गया कि ‘वास्तविक तथ्यों का पता लगाने के लिए इस मामले की प्रारंभिक जांच का आदेश दिया जाता है, जिसे सिटी नॉर्थ, जम्मू के उप-मंडलीय पुलिस अधिकारी (एसडीपीओ) को सौंपा गया है. वह इस मामले की जांच करेंगे और एक सप्ताह के भीतर इस कार्यालय में अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेंगे.’ जम्मू में इस महीने में यह ऐसा दूसरा मामला है. इससे पहले 11 जून को एक ऐसी ही घटना हुई थी, जिसमें गोलीबारी में शामिल तीन अपराधियों को पुलिस द्वारा सार्वजनिक रूप से पीटा गया था.
जम्मू-कश्मीर छात्र संघ के राष्ट्रीय संयोजक नासिर खुएहामी ने इस कार्रवाई की कड़ी निंदा की. उन्होंने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा कि ‘पुलिस भीड़ नहीं है. वे कानून के संरक्षक हैं. एसएचओ का कर्तव्य जांच करना है न कि न्याय को कायम रखने के लिए निर्णय करना, सार्वजनिक तमाशा दिखाकर दंड देना है.’ खुएहामी ने कहा कि ‘तत्काल न्याय के ऐसे असभ्य प्रदर्शन जनता के विश्वास को खत्म करते हैं, संस्था को अवैध बनाते हैं और हमारे लोकतंत्र को अराजकता की खाई के एक कदम करीब ले जाते हैं.’ इस वीडियो पर प्रतिक्रिया देते हुए सोशल मीडिया के कई यूजर ने मांग की कि इसमें शामिल पुलिसकर्मियों को उनके कार्यों के लिए जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए. उन्होंने इस घटना को ‘मानव अधिकारों और स्वतंत्रता के अधिकार का घोर उल्लंघन’ करार दिया.कुछ ‘नेटिजन्स’ (ऑनलाइन समुदायों और चर्चाओं में सक्रिय रूप से शामिल उपयोगकर्ता) ने जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा, मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला, डीजीपी नलिन प्रभात और राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग को भी टैग करते हुए जवाबदेही की मांग की है.
Rakesh Singh is a chief sub editor with 14 years of experience in media and publication. affairs, Politics and agriculture are area of Interest. Many articles written by Rakesh Singh published in ...और पढ़ें
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Location :
Jammu and Kashmir