जब एक बूढ़ी औरत ने हाथ जोड़कर... CJI ने कहा, अदालतें आम आदमी का भरोसा हैं

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Last Updated:November 08, 2025, 22:48 IST

CJI BR Gavai News: सीजेआई बी आर गवई ने सुप्रीम कोर्ट सम्मेलन में कहा न्याय सभी नागरिकों का अधिकार है. उन्होंने कहा कि पीएम मोदी की उपस्थिति ने कानूनी सहायता की साझा जिम्मेदारी को रेखांकित किया है. सीजेआई गवई ने कहा, "न्यायाधीशों, वकीलों तथा न्यायालय के अधिकारियों के रूप में हमारी भूमिका यह सुनिश्चित करने की है कि न्याय का प्रकाश समाज के हाशिये पर खड़े अंतिम व्यक्ति तक भी पहुंचे."

जब एक बूढ़ी औरत ने हाथ जोड़कर... CJI ने कहा, अदालतें आम आदमी का भरोसा हैंसीजेआई गवई ने कहा कि न्याय कुछ लोगों का विशेषाधिकार नहीं है. (पीटीआई)

नई दिल्ली. प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) बी आर गवई ने शनिवार को कहा कि न्याय कुछ लोगों का विशेषाधिकार नहीं बल्कि प्रत्येक नागरिक का अधिकार है. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि न्यायाधीशों और वकीलों का यह कर्तव्य है कि वे सुनिश्चित करें कि न्याय का प्रकाश समाज के हाशिये पर खड़े अंतिम व्यक्ति तक पहुंचे. सुप्रीम कोर्ट परिसर में कानूनी सहायता वितरण तंत्र को मजबूत करने पर आयोजित राष्ट्रीय सम्मेलन के उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए न्यायमूर्ति गवई ने कहा कि कानूनी सेवा आंदोलन का असली पुरस्कार आंकड़ों या वार्षिक रिपोर्ट में नहीं है, बल्कि उन नागरिकों की शांत कृतज्ञता और नए सिरे से विश्वास में है, जो कभी खुद को अनदेखा महसूस करते थे.

इस दौरान सीजेआई गवई ने अपनी मणिपुर यात्रा का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा, “…एक घटना मेरे मन में हमेशा के लिए बस गई है. कुछ महीने पहले, जब मैं NALSA का एग्जीक्यूटिव चेयरमैन था, तो मैं अपने साथियों के साथ मणिपुर राज्य के चुराचांदपुर में एक रिलीफ कैंप में राहत सामग्री बांटने गया था. एक बूढ़ी औरत आगे आई और उसने हाथ जोड़कर और आंखों में आंसू भरकर मुझसे कहा, ‘बने रहो भैया’. मेरे लिए वह पल इस बात की याद दिलाने वाला था कि लीगल सर्विस मूवमेंट का असली इनाम आंकड़ों या सालाना रिपोर्ट में नहीं है. यह उन नागरिकों के शांत आभार और नए विश्वास में है जो कभी खुद को अनदेखा महसूस करते थे. दूसरे शब्दों में, हमारी सफलता का असली पैमाना संख्या नहीं है, बल्कि आम आदमी का भरोसा है, यह विश्वास है कि कोई न कोई, कहीं न कहीं, उनके साथ खड़ा होने को तैयार है…”

सीजेआई गवई ने कहा, “आपकी एक दिन की उपस्थिति, किसी गांव या जेल का दौरा, संकटग्रस्त व्यक्ति से आपकी बातचीत, किसी ऐसे व्यक्ति के लिए जीवन बदल देने वाली हो सकती है, जिसके लिए पहले कभी कोई मदद के लिए नहीं आया.” उन्होंने आगे कहा, “न्याय कुछ लोगों का विशेषाधिकार नहीं है, बल्कि प्रत्येक नागरिक का अधिकार है और न्यायाधीशों, वकीलों तथा न्यायालय के अधिकारियों के रूप में हमारी भूमिका यह सुनिश्चित करने की है कि न्याय का प्रकाश समाज के हाशिये पर खड़े अंतिम व्यक्ति तक भी पहुंचे.” जस्टिस गवई ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की उपस्थिति कानूनी सहायता और सभी के लिए न्याय तक पहुंच को आगे बढ़ाने में विधायिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका की साझा जिम्मेदारी की पुष्टि करती है.

नालसा (राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण) द्वारा अपनी 30वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में आयोजित कार्यक्रम में सीजेआई गवई ने कहा कि कानूनी सहायता को प्रतिक्रियात्मक प्रणाली के रूप में नहीं, बल्कि एक जीवंत आंदोलन के रूप में देखा जाना चाहिए. पीएम मोदी इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि थे, जिसमें केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल, न्यायमूर्ति गवई के उत्तराधिकारी सूर्यकांत तथा सुप्रीम कोर्ट और उच्च न्यायालयों के अन्य न्यायाधीश भी शामिल हुए.

Rakesh Ranjan Kumar

राकेश रंजन कुमार को डिजिटल पत्रकारिता में 10 साल से अधिक का अनुभव है. न्यूज़18 के साथ जुड़ने से पहले उन्होंने लाइव हिन्दुस्तान, दैनिक जागरण, ज़ी न्यूज़, जनसत्ता और दैनिक भास्कर में काम किया है. वर्तमान में वह h...और पढ़ें

राकेश रंजन कुमार को डिजिटल पत्रकारिता में 10 साल से अधिक का अनुभव है. न्यूज़18 के साथ जुड़ने से पहले उन्होंने लाइव हिन्दुस्तान, दैनिक जागरण, ज़ी न्यूज़, जनसत्ता और दैनिक भास्कर में काम किया है. वर्तमान में वह h...

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Location :

New Delhi,Delhi

First Published :

November 08, 2025, 22:34 IST

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