India-Nepal Relations : नेपाल में भ्रष्टाचार और सोशल मीडिया बैन को लेकर हुए प्रदर्शन में केपी ओली की सरकार गिर गई थी. इसके बाद अब पहली बार भारत-नेपाल के बीच हाई लेवल की वार्ता होने वाली है. दोनों देशों के सुरक्षाबलों के प्रमुखों की ओर से बुधवार 12 नवंबर 2025 को वार्षिक समन्वय बैठक का आयोजन होने वाला है, जिसमें सीमा पार अपराधों पर रोक लगाने और खुफिया जानकारी शेयर करने में सुधार लाने जैसे मुद्दों पर चर्चा की जाएगी.
भारत-नेपाल के बीच पहली बातचीत
बता दें कि केपी ओली की सरकार को गिराने के लिए सितंबर 2025 में काठमांडू में जेन जी के नेतृत्व में हिंसक विरोध प्रदर्शन किया गया था. इस हिंसक प्रदर्शन में कई लोगों की मौत हो गई और संपत्ति का भी भारी नुकसान हुआ. ऐसे में भारत के सशस्त्र सीमा बल (SSB) और नेपाल के सशस्त्र पुलिस बल (APF) के बीच यह पहली हाई लेवल बातचीत होगी. सरकार के अनुसार हिंसक प्रदर्शन में सार्वजनिक बुनियादी ढांचे को हुए नुकसान का अनुमान 100 अरब नेपाली रुपये से अधिक है, जबकि प्राइवेट सेक्टर ने शुरुआती आकलन में 80 अरब नेपाली रुपये से अधिक का नुकसान बताया है.
कब तक होगी बातचीत?
एक आधिकारिक बयान के अनुसार 9वीं वार्षिक समन्वय बैठक 12-14 नवंबर 2025 तक होगी, जिसमें SSB और APF बातचीत करेंगे. SSB के महानिदेशक संजय सिंघल भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करेंगे और APF महानिरीक्षक राजू आर्यल नेपाल का प्रतिनिधित्व करेंगे. इस सिलसिले में SSB की ओर से जारी बयान में कहा गया कि दोनों देशों के बीच सीमा पार अपराधों को रोकने के लिए प्रभावी संयुक्त तंत्र बनाने, वास्तविक समय में सूचनाओं के आदान-प्रदान के लिए तेज और अधिक विश्वसनीय प्रणालियां स्थापित करने और भारत-नेपाल सीमा पर शांति और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए समन्वित सीमा प्रबंधन प्रथाओं को बढ़ाने को लेकर चर्चा किए जाने की उम्मीद है. इससे पहले नवंबर 2024 में दोनों पक्षों के बीच काठमांडू में बैठक हुई थी.
नेपाल में कब होंगे चुनाव?
बता दें कि SSB गृह मंत्रालय के अधीन काम करता है. भारत और नेपाल की सीमा 1,751 किलोमीटर लंबी, खुली और बिना बाड़ वाली है. SSB इसकी सुरक्षा करता है. इसके साथ ही SSB भारत-भूटान बॉर्डर पर भी सुरक्षा करता है. भारत और भूटान बॉर्डर 699 किलोमीटर लंबी है. नेपाल में अगले साल आम चुनाव होने हैं. ऐसे में नेपाल की अंतरिम प्रधानमंत्री सुशीला कार्की ने अक्टूबर 2025 की शुरुआत में अंतरराष्ट्रीय समुदाय को आश्वासन दिया था कि वर्तमान प्रशासन अगले 6 महीनों के भीतर अगला संसदीय चुनाव कराने और निर्वाचित सरकार को सत्ता सौंपने के लिए प्रतिबद्ध है. (इनपुट- आईएएनएस)

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