Trump Tarrif: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के रेसिप्रोकल टैरिफ की वजह से इंटरनेशनल बाजारों में हड़कंप में मचा हुआ है. खासतौर पर चीन को इसका बड़ा नुकसान हुआ है.अब अमेरिका ने चीन पर 104 फीसदी टैरिफ लगाने का ऐलान किया है, जो 9 अप्रैल से प्रभावी होगा. यह घटनाक्रम राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा चीन को दी गई चेतावनी और एक दिन की समयसीमा के बाद हुआ है, जिसमें उन्होंने अमेरिकी आयात पर 34 प्रतिशत शुल्क वापस लेने की मांग की है.
व्हाइट हाउस ने फॉक्स बिजनेस के रिपोर्टर को बताया कि मार्च में लगाए गए 20 प्रतिशत शुल्क तथा पिछले सप्ताह की गई 34 प्रतिशत वृद्धि के कारण चीनी आयात पर कुल शुल्क 104 फीसदी हो गया है. ऐसे में अब चीन को भारत से रिश्ता बढ़ाने के अलावा कोई रास्ता नजर नहीं आ रहा है. चीन ने ट्रंप के टैरिफ का मुकाबला करने के लिए भारत से अपील की है. दरअसल, दिल्ली स्थित चीनी दूतावास के प्रवक्ता ने मंगलवार को कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के द्वारा लगाए गए टैरिफ के सामने आने वाली कठिनाइयों को दूर करने के लिए एक साथ खड़ा होना चाहिए. इसलिए भारत और चीन को एकजुट होने की जरूरत है.
दूतावास के प्रवक्ता यू जिंग ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, 'चीन-भारत आर्थिक और व्यापारिक संबंध पूरकता और पारस्परिक लाभ पर आधारित हैं. टैरिफ के अमेरिकी दुरुपयोग का सामना करते हुए... दो सबसे बड़े विकासशील देशों को कठिनाइयों को दूर करने के लिए एक साथ खड़ा होना चाहिए.
चीन को कड़ी चेतावनी
इससे पहले सोमवार को अमेरिकी प्रेसिडेंट ने चीन को फिर से कड़ी चेतावनी जारी की थी. इस दौरान डोनाल्ड ट्रंप ने चीन को अल्टीमेटम देते हुए कहा था कि अगर बीजिंग ने अपनी जवाबी कार्रवाई का प्लान वापस नहीं लिया तो अमेरिका चीन से इंपोर्टेड गुड्स पर 50 फीसदी तक का एक्स्ट्रा टैरिफ लगा देगा.
180 देशों पर ट्रंप टैरिफ
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 2 अप्रैल को चीन, भारत समेत 180 देशों पर रेसिप्रोकल टैरिफ लगाने की घोषणा की थी. चीन पर 34 फीसदी टैरिफ लगाने के ऐलान के बाद चीन ने भी अमेरिकी उत्पादों पर इतनी ही शुल्क वसूलने का ऐलान किया था. ट्रंप ने चीन को इस कदम को वापस लेने के लिए आठ अप्रैल तक का अल्टीमेटम दिया है.