Last Updated:April 07, 2025, 20:33 IST
India-America Trade Talk: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ वॉर से पूरी दुनिया में हलचल मची हुई है. ट्रंप सरकार ने भारत पर भी 26 फीसद टैरिफ लगाने का ऐलान किया है. अब दोनों देश बायलेटरल ट्रेड एग्रीम...और पढ़ें

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अपने अमेरिकी समकक्ष मार्को रुबियो से बात की है.
हाइलाइट्स
जयशंकर ने अमेरिका के विदेश मंत्री मार्को रुबियो से बात की हैबायलेटरल ट्रेड एग्रीमेंट को जल्द मुकाम तक पहुंचाने पर सहमतट्रंप सरकार के टैरिफ वॉर से पूरी दुनिया में खलबली मची हुई हैनई दिल्ली. अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने फैसलों से दुनियाभर में खलबली मचा दी है. ट्रंप ने 2 अप्रैल 2025 को अपने टैरिफ प्लान का ऐलान किया था. उसके बाद से पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था लहूलुहान है. अमेरिका समेत तकरीबन हर देश के शेयर बाजार लगातार गोते लगा रहे हैं. इन सबके बीच विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने तबीयत खुश करने वाली खबर दी है. एस. जयशंकर ने अमेरिका के विदेश मंत्री मार्को रुबियो से सोमवार 7 अप्रैल 2025 को बात की है. उन्होंने बताया कि दोनों देशों ने बायलेटरल ट्रेड एग्रीमेंट (BTA) को निष्कर्ष तक पहुंचाने के महत्व को स्वीकार किया. टैरिफ को लेकर कोई बात नहीं हुई, लेकिन द्विपक्षीय व्यापार वार्ता के मुकम्मल होने से राहत मिलने की उम्मीद जगी है.
एस. जयशंकर ने अमेरिका के विदेश मंत्री मार्को रुबियो से बात की है. जयशंकर ने X पर पोस्ट शेयर बातचीत के बारे में जानकारी दी है. उन्होंने कहा, ‘मार्को रुबियो के साथ बातचीत करना अच्छा रहा. इंडो-पैसिफिक, भारतीय उपमहाद्वीप, यूरोप, वेस्ट एशिया और कैरिबियन क्षेत्रों पर विचार-विमर्श हुआ. बायलेटरल ट्रेड एग्रीमेंट को जल्द से जल्द निष्कर्ष तक पहुंचाने के महत्व पर हमलोग सहमत हैं. हम आगे देखरहे हैं और आगे भी संपर्क में रहेंगे.’ बता दें कि ट्रंप के टैरिफ वॉर के बीच जशंकर और रुबियो के बीच बातचीत का महत्व काफी ज्यादा है.
Good to speak with @SecRubio today.
Exchanged perspectives on the Indo-Pacific, the Indian Sub-continent, Europe, Middle East/West Asia and the Caribbean.
Agreed on the importance of the early conclusion of the Bilateral Trade Agreement.
Look forward to remaining in touch.…
— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) April 7, 2025
टैरिफ वॉर से निपटने का जरिया
भारत और अमेरिका दोनों ही प्रस्तावित द्विपक्षीय व्यापार समझौते (बीटीए) के लिए बातचीत में तेजी लाना चाहते हैं, क्योंकि दोनों देश दोतरफा कॉमर्स को बढ़ावा देने पर विचार कर रहे हैं. प्रस्तावित समझौते के लिए बातचीत का इस्तेमाल अमेरिका द्वारा लगाए गए पारस्परिक शुल्कों से निपटने के लिए किया जा सकता है, ताकि उन्हें द्विपक्षीय रूप से रद्द या निपटाया जा सके. बीटीए इन शुल्कों को खत्म करने, रद्द करने या द्विपक्षीय रूप से निपटाने के लिए एक जरिया हो सकता है. इस साल 9 अप्रैल से भारतीय वस्तुओं पर अतिरिक्त 26 प्रतिशत टैरिफ लगाने के अमेरिका के फैसले की पृष्ठभूमि में बातचीत में तेजी लाने की उत्सुकता आई है. कॉमर्स मिनिस्ट्री ने कहा, ‘पारस्परिक रूप से लाभकारी, बहु-क्षेत्रीय बीटीए के शीघ्र समापन के लिए भारतीय और अमेरिकी व्यापार टीमों के बीच चर्चा चल रही है… हम इन मुद्दों पर ट्रम्प प्रशासन के संपर्क में हैं और आने वाले दिनों में उन्हें आगे बढ़ाने की उम्मीद करते हैं.’
द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ाने का प्रयास
BTA के माध्यम से दोनों देश अपने माल के लिए बाजार पहुंच बढ़ाने, टैरिफ और गैर-टैरिफ बाधाओं में कटौती करने और सप्लाई चेन को और मजबूत करने की कोशिश कर रहे हैं. दक्षिण और मध्य एशिया के लिए सहायक अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि ब्रेंडन लिंच की अध्यक्षता में अमेरिकी अधिकारियों की एक टीम पिछले महीने प्रस्तावित समझौते की रूपरेखा और संदर्भ की शर्तों को अंतिम रूप देने के लिए यहां आई थी, जिसका उद्देश्य 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार को मौजूदा 191 बिलियन अमेरिकी डॉलर से दोगुना करके 500 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंचाना है. हालांकि, दोनों पक्षों ने इस साल सितंबर-अक्टूबर तक समझौते के पहले चरण को पूरा करने की समय सीमा तय की है, लेकिन व्यापार समझौते के लिए बातचीत की जटिल प्रकृति इस प्रक्रिया को कई सालों तक खींच सकती है.
Location :
New Delhi,Delhi
First Published :
April 07, 2025, 20:04 IST