अमेरिका में सियासत गर्म हो गई है. राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सैन्य अफसरों को साफ कह दिया कि देश के खतरनाक शहरों को सेना के ट्रेनिंग ग्राउंड की तरह इस्तेमाल करें. उन्होंने शिकागो का नाम लिया और कहा कि वहां जल्द ही सैनिक भेजे जाएंगे. वर्जीनिया के क्वांटिको बेस पर डिफेंस सेक्रेटरी पीट हेगसेथ की मीटिंग में ये बात कही गई. ट्रंप ने शहरों को असुरक्षित बताते हुए अपराध और अवैध अप्रवासियों पर कड़ाई का प्लान बताया है.
'भीतर का युद्ध' का ऐलान
ट्रंप ने कहा, "अमेरिका में भीतर से ही आक्रमण हो रहा है. ये विदेशी दुश्मन से भी कठिन है क्योंकि ये यूनिफॉर्म नहीं पहनते." उन्होंने डेमोक्रेटिक शहरों जैसे सैन फ्रांसिस्को, न्यूयॉर्क, लॉस एंजिल्स को निशाना बनाया. "हम इन्हें एक-एक करके ठीक करेंगे. ट्रंप ने आगे कहा, "इस कमरे में मौजूद कुछ लोगों के लिए यह एक अहम भूमिका निभाने वाला है. यह भी एक युद्ध है - यह अंदर से होने वाला युद्ध है." हेगसेथ को सलाह दी कि नेशनल गार्ड और आर्मी इन जगहों पर प्रैक्टिस करे. शिकागो के गवर्नर जेबी प्रिट्जकर को 'अक्षम और मूर्ख' कहा है.
पोर्टलैंड और अन्य जगहों पर तैनाती
व्हाइट हाउस ने पहले ही वाशिंगटन, डीसी और मेम्फिस, टेनेसी में नेशनल गार्ड की तैनाती का आदेश दे दिया है. उन्होंने बार-बार शिकागो, न्यूयॉर्क और न्यू ऑरलियन्स सहित अन्य शहरों में सैनिकों को तैनात करने की धमकी दी है, जबकि स्थानीय अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि इस कदम से उन शहरों में तनाव बढ़ जाएगा. कुछ दिन पहले, ट्रंप ने उत्तर-पश्चिमी अमेरिकी शहर पोर्टलैंड, ओरेगन और आव्रजन एवं सीमा शुल्क प्रवर्तन (ICE) केंद्रों में सैनिकों की तैनाती की घोषणा की थी. अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि यह कदम गृह सुरक्षा सचिव क्रिस्टी नोएम के अनुरोध पर उठाया गया है.
विरोध की लहर
इलिनॉय गवर्नर प्रिट्जकर ने ट्रंप की तुलना पुतिन से की और कहा कि ये लोकतंत्र पर हमला है. पॉसी कोमिटाटस एक्ट सैन्य को कानून व्यवस्था से रोकता है, लेकिन ट्रंप इसे चुनौती दे रहे.

3 weeks ago
