Last Updated:November 13, 2025, 16:39 IST
Indian Export : अमेरिका ने भारत पर टैरिफ लगाकर निर्यात को नुकसान पहुंचाने की कितनी भी कोशिश की हो, लेकिन दुनिया के अन्य देशों ने हमारे उत्पादों को हाथोंहाथ लिया. रिपोर्ट है कि भारत का कपड़ा निर्यात पिछले 6 महीने में 10 फीसदी बढ़ा है, जिससे टैरिफ के नुकसान की भरपाई भी हो गई.
भारत का कपड़ा निर्यात अप्रैल से सितंबर तक 10 फीसदी बढ़ गया है. नई दिल्ली. अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर टैरिफ लगाकर कारोबार को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की तो दुनिया के 111 देशों ने अपने दरवाजे खोल दिए हैं. अमेरिका के इस टैरिफ का सबसे ज्यादा असर कपड़ा सेक्टर पर ही पड़ा था, लेकिन अब निर्यातकों की चिंता लगभग खत्म हो गई है. कपड़ा मंत्रालय ने बताया है कि दुनिया के 111 देशों में भारत से होने वाले कपड़े का निर्यात बढ़ गया है. चालू वित्तवर्ष के शुरुआती 6 महीने में इसमें 10 फीसदी से ज्यादा का उछाल आया है.
कपड़ा मंत्रालय के अनुसार, 111 देशों को कपड़ा निर्यात अप्रैल-सितंबर के दौरान सालाना आधार पर 10 प्रतिशत बढ़ा है. यह वैश्विक प्रतिकूल परिस्थितियों और प्रमुख बाजारों में शुल्क संबंधी चुनौतियों के बावजूद वित्तवर्ष 2025-26 की पहली छमाही में उल्लेखनीय मजबूती को दर्शाता है. इन 111 बाजारों ने अप्रैल-सितंबर, 2025 के दौरान 848.90 करोड़ डॉलर का योगदान दिया, जबकि पिछले वर्ष यह 771.85 करोड़ डॉलर थाख, जो 10 फीसदी या 77.03 करोड़ डॉलर की तेजी दिखाता है. हालांकि, सिले हुए कपड़ों के वैश्विक निर्यात में अप्रैल-सितंबर 2025 के दौरान सालाना आधार पर कुल 0.1 फीसदी की मामूली वृद्धि हुई है.
किन देशों से सबसे बड़ी डिमांड
कपड़ा मंत्रालय ने बताया कि इन 6 महीने में भारत ने कुछ बड़े निर्यात बाजारों में प्रभावशाली वृद्धि दर्ज की है. उनमें संयुक्त अरब अमीरात (14.5 फीसदी), ब्रिटेन (1.5 फीसदी), जापान (19 फीसदी), जर्मनी (2.9 फीसदी), स्पेन (9 फीसदी) और फ्रांस (9.2 फीसदी) हैं. इस वृद्धि को संचालित करने वाले प्रमुख क्षेत्रों में सिलेसिलाए परिधान (आरएमजी) शामिल हैं जिसमें 3.42 फीसदी की वृद्धि हुई. जूट में 5.56 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई है. वस्त्र मंत्रालय ने कहा कि यह प्रदर्शन वैश्विक अनिश्चितताओं के बीच इस क्षेत्र की अनुकूलनशीलता एवं प्रतिस्पर्धात्मकता को दर्शाता है. गैर-पारंपरिक बाजारों में भारत का निरंतर विस्तार ‘मेक इन इंडिया’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ जैसी पहल और सरकारी नीतियों की सफलता को दर्शाता है.
चीन को कॉपर का रिकॉर्ड निर्यात
भारत का निर्यात हर क्षेत्र में जबरदस्त तरीके से बढ़ रहा है. वैसे तो हम रिफाइन किए हुए कॉपर का आयात करते हैं, लेकिन कन्संट्रेट कॉपर का निर्यात आज भी कर रहे हैं. इसका सबसे ज्यादा निर्यात चीन को होता है और छत्तीसगढ़ ने इस बार रिकॉर्ड मात्रा में कन्संट्रेट कॉपर का निर्यात किया है. छत्तीसगढ़ सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि प्रदेश ने चीन को 12,000 टन तांबा सांद्र (कॉपर कन्संट्रेट) का निर्यात करके एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है. यह देश में इस खनिज की अब तक की सबसे बड़ी खेप है.
कहां पैदा हुआ इतना ज्यादा कॉपर
अधिकारी के अनुसार, नवा रायपुर स्थित मल्टी-मॉडल लॉजिस्टिक्स पार्क (एमएमएलपी) से 12,000 टन तांबा सांद्र की इस ऐतिहासिक खेप को रवाना किया गया. यह न सिर्फ वाणिज्य के लिहाज से एक ऐतिहासिक कदम है, बल्कि यह भारत के औद्योगिक एवं लॉजिस्टिक्स परिदृश्य में छत्तीसगढ़ की बढ़ती ताकत को भी दर्शाता है. इस खेप में से 2,200 टन तांबा ले जाने वाला पहला रैक 11 नवंबर को विशाखापत्तनम बंदरगाह से रवाना किया गया और बाकी रैक भी जल्द ही भेजे जाएंगे.
प्रमोद कुमार तिवारी को शेयर बाजार, इन्वेस्टमेंट टिप्स, टैक्स और पर्सनल फाइनेंस कवर करना पसंद है. जटिल विषयों को बड़ी सहजता से समझाते हैं. अखबारों में पर्सनल फाइनेंस पर दर्जनों कॉलम भी लिख चुके हैं. पत्रकारि...और पढ़ें
प्रमोद कुमार तिवारी को शेयर बाजार, इन्वेस्टमेंट टिप्स, टैक्स और पर्सनल फाइनेंस कवर करना पसंद है. जटिल विषयों को बड़ी सहजता से समझाते हैं. अखबारों में पर्सनल फाइनेंस पर दर्जनों कॉलम भी लिख चुके हैं. पत्रकारि...
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Location :
New Delhi,Delhi
First Published :
November 13, 2025, 16:39 IST

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