Last Updated:April 11, 2025, 15:43 IST
Bihar Chunav: बिहार चुनाव 2025 में क्या आरजेडी के लिए राजपूत वोटरों को जोड़े रखना तेजस्वी यादव के लिए चुनौती होगी? आरजेडी सांसद मनोज झा के साल 2023 में राज्यसभा में दिए 'ठाकुर का कुआं' वाले बयान से क्या राजपूत ...और पढ़ें

'ठाकुर का कुआं' से 2025 में कौन पानी निकालेगा?
हाइलाइट्स
तेजस्वी यादव के लिए राजपूत वोटरों को जोड़े रखना चुनौती.मनोज झा के बयान से राजपूत नाराज, आरजेडी को नुकसान.राजपूत वोटरों की भूमिका बिहार चुनाव 2025 में अहम.पटना. बिहार चुनाव 2025 आरजेडी के लिए क्या काफी अहम होने वाला है? लालू यादव की अनुपस्थिति में आरजेडी से जुड़े राजपूत यानी ठाकुर वोटों को पार्टी से जोड़े रखना तेजस्वी यादव के लिए बड़ी चुनौती होगी? क्या लवली आनंद और आनंद मोहन जैसे नेताओं की कमी आरजेडी को खलेगी? बता दें कि बिहार चुनाव 2020 में आजेडी के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह के बेटे सुधाकर सिंह और आनंद मोहन के बेटे चेतन आनंद ने जीत हासिल की थी. लेकिन सितंबर 2023 में राज्यसभा में महिला आरक्षण बिल पर चर्चा के दौरान आरजेडी सांसद मनोज झा ने ठाकुरों को लेकर ऐसा बयान दे दिया, जिससे राजपूत गुस्से हो गए.
राज्यसभा में सांसद मनोज झा ने सामाजिक असमानता और जमींदारी व्यवस्था पर बोलते हुए ओमप्रकाश वाल्मीकि की कविता ‘ठाकुर का कुआं’ पढ़ी थी. उन्होंने इसके बाद कहा था कि सबके अंदर ‘ठाकुर’ मरना चाहिए. मनोज झा के इस बयान के बाद राजपूत नेताओं ने इसे अपनी जाति का अपमान माना. इसके बाद बिहार में विवाद शुरू हो गया. यहां तक कि आरजेडी में रहते हुए आनंद मोहन ने मनोज झा को लेकर बड़ी बात कह दी. दोनों के बीच विवाद इतना बढ़ गया कि लालू यादव को बीचबचाव करना पड़ा. इसका परिणाम यह हुआ कि नीतीश कुमार के पाला बदलने के बाद आनंद मोहन के बेटे चेतन आनंद ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया. पिछले साल के आखिर में चार विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव में आरजेडी को नुकसान उठाना पड़ा था. यहां तक कि सुधाकर सिंह के रामगढ़ सीट भी जेडीयू जीत गई. ऐसे में सवाल उठता है कि ‘ठाकुर का कुआं’ से तेजस्वी यादव क्या इस बार पानी निकाल पाएंगे?
‘ठाकुर का कुआं’ से पानी कौन निकालेगा?
बिहार में जातिगत गणना रिपोर्ट आने के बाद सवर्णों की दो बड़ी जातियां ब्राह्मण और ठाकुर यानी राजपूत में राजनीतिक भागीदारी को लेकर चर्चाएं तेज हो गई हैं. साल 2023 में संसद के विशेष सत्र में आरजेडी सांसद मनोज झा के एक कविता पाठ पर ठाकुर जाति से आने वाले उनके ही दल आरजेडी के पूर्व सांसद आनंद मोहन ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की थी. बात इतनी बढ़ गई कि साल 2024 के लोकसभा चुनाव में आनंद मोहन ने जेडीयू का दामन थाम लिया. इसका परिणाम यह हुआ कि आरजेडी से राजपूतों का एक बड़ा वोट बैंक छिटक गया.
आरजेडी का राजपूत वोट से मोहभंग?
जानकार बताते हैं कि पिछले कई दशकों से बिहार में ब्राह्मणों की आबादी ठाकुरों से ज्यादा होने के बावजूद राजनीतिक भागीदारी तुलनात्मक रूप से कम रही है. बिहार की नीतीश सरकार ने जातिगत सर्वे रिपोर्ट के आंकड़े जारी किए हैं. इसके अनुसार, बिहार में राजपूत की आबादी 3.45 प्रतिशत, भूमिहार 2.86 प्रतिशत, कायस्थ 0.60 प्रतिशत और ब्राह्मण 3.65 प्रतिशत है. चारों अगड़ी जातियों की आबादी इकाई में ही है.
क्या कहते हैं जानकार?
बिहार की राजनीति को करीब से जानने वाले मनोज श्रीवास्तव कहते हैं, ‘ बिहार में आऱजेडी को राजपूत वोटर्स से विश्वास लगभग खत्मम हो गया है. रघुवंश प्रसाद सिंह जैसे नेताओं के रहते बड़ा राजपूत वोट लालू यादव के साथ इंटेक्ट था. लेकिन, तेजस्वी यादव अब राजपूतों से ज्यादा ब्राह्मण वोट पर नजर रख रहे हैं. ब्राह्मण जातियां उत्तर भारत की प्रमुख जातियां हैं. बिहार में इनकी आबादी थोड़ी कम है, लेकिन यूपी से लेकर राजस्थान और मध्य प्रदेश तक में ये दोनों जातियां प्रभावी हैं. राजपूत जहां पूरे बिहार में फैले हैं, वहीं ब्राह्मण उत्तर बिहार के कई जिलों में प्रभावी हैं. बिहार में 3.45 प्रतिशत आबादी के बावजूद राजपूत जाति के ज्यादा सांसद चुनकर आते हैं. जबकि, ब्राह्मण की आबादी 3.65 प्रतिशत होने के बावजूद एक-दो ही सांसद लोकसभा में हैं. राजपूत बिहार में यादव के बाद राजनीतिक रूप से बड़ी प्रभावी जाति है. ऐसे में तेजस्वी यादव एमवाई नहीं बीएमवाई के सहारे इस बार जीतने का सपना पाले हैं.’
कुलमिलाकर इस साल बिहार विधानसभा चुनाव में राजपूत वोटरों की भूमिका काफी अहम होने वाली है. जानकारों की राय में बीते कुछ चुनावों से या यूं कहें कि साल 2014 के बाद से बिहार में राजपूत जाति परंपरागत रूप से बीजेपी के समर्थक रहे हैं. बीजेपी से नाराज राजपूत वोटर्स अगर किसी दूसरी पार्टी को वोट करते हैं तो वह पार्टी आरजेडी होती है. लेकिन इस बार मनोज झा का ‘ठाकुर का कुआं’ वाला विवाद से तेजस्वी यादव की परेशानी बढ़ सकती है.
Location :
Patna,Patna,Bihar
First Published :
April 11, 2025, 15:43 IST
'ठाकुर का कुआं' से 2025 में कौन निकालेगा पानी, तेजस्वी को कितना सिरदर्द...