Last Updated:April 10, 2025, 10:32 IST
Tahawwur Rana News: 26/11 मुंबई हमलों का मास्टरमाइंड तहव्वुर हुसैन राणा, पाकिस्तानी डॉक्टर, अब भारत आ रहा है. राणा ने पाकिस्तानी सेना में सेवा की और आईएसआई से जुड़कर आतंकवादी गतिविधियों में शामिल हुआ.

राणा पर अब होगा बड़ा एक्शन. (NIA)
हाइलाइट्स
तहव्वुर राणा 26/11 मुंबई हमलों का मास्टरमाइंड है.राणा पाकिस्तानी सेना और आईएसआई से जुड़ा था.राणा अब भारत आ रहा है, एनआईए करेगी पूछताछ.Tahawwur Rana News: 26/11 मुंबई आतंकी हमलों का मास्टरमाइंड तहव्वुर हुसैन राणा भारत आ रहा है. मूल रूप से पाकिस्तान का रहने वाला पेशे से डॉक्टर है. लोगों का इलाज करते-करते वो कैसे पाकिस्तान सेना का हिस्सा बना और फिर कनाडा और अंत में अमेरिकी पुलिस के शिकंजे में आया, इसकी कहानी बेहद दिलचस्प है. साल 2008 में हुए इस आतंकी हमले के मामले में राणा का नाम 2011 में डेविड कोलमन हैडली के सहयोगी के तौर पर सामने आया था. मन में सवाल उठना लाजमी है कि आखिर कैसे राणा ने इन हमलों में भूमिका निभाई? चलिए हम आपकेा तहव्वुर राणा की आतंक की कुंडली के बारे में बताते हैं.
पापा की जिद्द
तहव्वुर राणा वैसे तो डॉक्टर था लेकिन करता था कसाई के काम. वह पाकिस्तानी नागरिक जो कट्टरवाद और लालच मैं ऐसा फंसा कि अब उसकी पूरी जिंदगी जेल बीतेगी. भारतीय जांच एजेंसी एनआईए ने मुंबई हमले के एक मुख्य आरोपी तहव्वुर राणा से बातचीत की थी. उससे अमेरिका की जेल में भी पूछताछ की थी. लेकिन वह सीमित पूछताछ थी. इस पूछताछ के दौरान पता चला था कि राणा का जन्म पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के साहिवाल जिले में हुआ था. बचपन से ही राणा सुरक्षा सेवाओं में जाना चाहता था लेकिन अपने पिता की जिद के चलते उसे डॉक्टरी की पढ़ाई करनी पड़ी. मेडिसिन की पढ़ाई पूरी करके उसने अपना सपना पूरा किया और वह पाकिस्तानी सेना के मेडिकल कॉर्प्स में भर्ती हो गया.
ISI ने नौकरी छुड़वाकर भेजा कनाडा
राणा ने सेवा में अपनी नौकरी के दौरान बड़े-बड़े पाकिस्तानी फौजी अफसर और पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के अधिकारियों से संपर्क बनाएं. उसकी डॉक्टरी की डिग्री को देखते हुए पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ने इसका प्रयोग कहीं और करने का इरादा किया, इसके तहत राणा ने साल 1998 में सेना की नौकरी छोड़ दी और वह कनाडा चला गया.
हेडली के लिए करने लगा काम
कनाडा में रहने के दौरान राणा लगातार पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी के संपर्क में रहा और उनके कहने पर उसने वहां इमिग्रेशन सेवाएं मुहैया कराने का अपना बिजनेस शुरू किया. डॉक्टर होने के कारण उसे कनाडा की नागरिकता भी मिल गई. कनाडा में अनेक लोगों से संपर्क बनाने के बाद राणा ने पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी से अमेरिका जाने की इच्छा जाहिर की इसके बाद उसे शिकागो भेज दिया गया और उसने शिकागो में अपना ऑफिस भी बनाया. यही उसकी मुलाकात इस मामले के एक दूसरे मुख्य आरोपी हेडली से भी हुई. हेडली भी अमेरिका का ही नागरिक है.
पत्नी के साथ आया था भारत
राणा कहने को तो डॉक्टर था लेकिन उसके अंदर डॉक्टर वाली मानवता एकदम नहीं थी और उसके सारे काम सदैव कसाई वाले रहते थे. उसका ध्यान डॉक्टरी पेशे से ज्यादा विध्वंस करने और कट्टरवाद में रहता था. इसके अलावा वह अपनी पूरी जिंदगी को एक शानदार तरीके से जीना चाहता था और इसके लिए वह लगातार पैसे भी इकट्ठे करता रहता था. राणा अपनी पत्नी समराज राणा अख्तर के साथ भारत दौरे पर भी आया था उसने दिल्ली के साथ ही उत्तर प्रदेश के आगरा केरल के कोच्चि गुजरात के अहमदाबाद और मुंबई की यात्रा की थी. राणा यदि डॉक्टर के तौर पर अपनी जिंदगी जीता तो एक शानदार जिंदगी जी सकता था लेकिन उसका कट्टरवाद और लालच उसने डूबा और उसे अपनी पूरी जिंदगी जेल में गुजारनी पड़ सकती है.
First Published :
April 10, 2025, 10:32 IST