Last Updated:December 12, 2025, 15:36 IST
Supreme Court News: सुप्रीम कोर्ट में एक दुर्लभ मामला सामने आया, जहां तलाक पर पत्नी ने न पैसा मांगा, न एलिमनी. उल्टा शादी में मिले सोने के कंगन भी वापस कर दिए. जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस KV विश्वनाथन की बेंच ने महिला की इस पहल की सराहना की और अनुच्छेद 142 के तहत शादी खत्म करते हुए उसे आगे बढ़ने और खुशहाल जीवन की शुभकामनाएं दीं.
बेंच ने अपने आदेश में कहा कि यह उनके अनुभव में उन गिने-चुने मामलों में से है. (फाइल फोटो)नई दिल्ली: शादी का टूटना इन दिनों आम हो गया है. बड़े-बड़े सेलिब्रिटी से लेकर आम लोगों में भी तलाक अब धीरे-धीरे सामान्य होने लगा है. तलाक के नाम पर भारी भरक एलिमनी की मांग भी बढ़ गई है. लेकिन सुप्रीम कोर्ट में इसी से जुड़ा एक ऐसा मामला आया है जिसने जज साहब को भी हैरान कर दिया. इस केस में तलाक पर पत्नी ने न सिर्फ कोई आर्थिक दावा नहीं किया, बल्कि शादी में मिले सोने के कंगन भी वापस कर दिए. कोर्ट खुद इस फैसले और महिला की भावना देखकर हैरान रह गया.
सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने इसे बहुत दुर्लभ उदाहरण बताते हुए महिला के इस कदम की खुले मंच पर सराहना की. जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस KV विश्वनाथन की पीठ ने कहा कि तलाक के दौरान इस तरह का त्याग और सजगता आजकल कम ही देखने को मिलती है. अदालत ने अनुच्छेद 142 के तहत शादी को खत्म करते हुए महिला को आगे बढ़ने और खुशहाल जीवन की शुभकामनाएं भी दीं.
पूरे केस पर एक नजर
मामला सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस KV विश्वनाथन की बेंच में सुना गया:
कपल ने आपसी सहमति से तलाक के लिए सहमति जताई पत्नी ने कोई आर्थिक क्लेम या एलिमनी नहीं मांगा शादी में मिले सोने के कंगन लौटाए जो पति की मां के थे कोर्ट ने अनुच्छेद 142 के तहत शादी समाप्त कर दियाय कोर्ट ने महिला की दुर्लभ और सराहनीय पहल की खुलकर प्रशंसा की.क्या है मामला?
सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने दर्ज किया कि दंपती ने आपसी सहमति से तलाक के लिए सहमति जताई और सेटलमेंट की सभी शर्तों को मानने पर सहमति दी. इसमें सबसे बड़ी बात यह रही कि पत्नी ने किसी भी तरह के पैसे, आर्थिक क्लेम या एलिमनी की मांग नहीं की. कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि यह उन सबसे दुर्लभ मामलों में से एक है जहां पत्नी ने पति से बिल्कुल भी कुछ नहीं मांगा.
इस केस में पत्नी ने किसी तरह का कोई आर्थिक क्लेम नहीं किया. (फाइल फोटो)
क्यों कहा इसे ‘रेयर केस’?
पत्नी ने किसी तरह का कोई आर्थिक क्लेम नहीं किया. न ही एलिमनी की मांग रखी. शादी के समय मिले सोने के कंगन भी वापस किए. ये कंगन पति की मां के थे, जिन्हें पत्नी ने स्वेच्छा से लौटा दिया. कोर्ट ने कहा, आजकल ऐसा बहुत कम देखने को मिलता है.कैसे हुई कोर्ट में सराहना?
बेंच ने अपने आदेश में कहा कि यह उनके अनुभव में उन गिने-चुने मामलों में से है जहां तलाक प्रक्रिया में किसी तरह का लेन-देन या विवाद सामने नहीं आया. कोर्ट ने महिला की ओर देखकर कहा, ‘आप आगे बढ़ें, बीता हुआ पीछे छोड़ दें, खुश रहें… आपको शुभकामनाएं.’ कोर्ट की यह टिप्पणी इस बात की गवाही देती है कि तलाक के मामलों में अक्सर दिखने वाली कड़वाहट के बीच यह मामला एक सकारात्मक उदाहरण बनकर सामने आया है.
महिला के कदम का क्या मतलब?
यह फैसला सिर्फ एक तलाक केस का निपटारा नहीं बल्कि सामाजिक नजरिए में भी एक मिसाल है. आज जहां तलाक को लेकर अकसर तनाव, आरोप-प्रत्यारोप और आर्थिक संघर्ष की तस्वीरें बनती हैं, वहीं इस महिला का कदम बताता है कि सम्मानजनक ढंग से रिश्तों का अंत भी संभव है. इस मामले में कोर्ट ने अनुच्छेद 142 का इस्तेमाल किया जो दिखाता है कि न्यायपालिका भी ऐसे मामलों में बेहतर समाधान और क्लीन ब्रेक देने के पक्ष में है.
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First Published :
December 12, 2025, 15:35 IST

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