Last Updated:April 10, 2025, 20:10 IST
मुंबई हमले का मास्टरमाइंड तहव्वुर हुसैन राणा भारत आ चुका है. लेकिन क्या उसे अफजल गुरु की तरह फांसी मिलेगी या फिर उम्रकैद, इसके बारे में पूर्व गृहसचिव ने पूरी बात बताई है.

तहव्वुर राणा को सजा -ए-मौत या उम्रकैद तक मिल सकती है.
हाइलाइट्स
मुंबई को दहलाने वाले तहव्वुर हुसैन राणा अब भारत सरकार के कब्जे में है.पूर्व गृहसचिव ने बताया कि राणा को मृत्युदंड या 10 साल की सजा मिल सकती है.आरके सिंह ने कहा-तहव्वुर राणा का प्रत्यर्पण आतंकियों के लिए संदेश है.मुंबई हमलों का मास्टरमाइंड तहव्वुर हुसैन राणा भारत के कब्जे में है. कहा जा रहा है कि अमेरिका ने कई शर्तें रखी हैं. उसे फांसी नहीं दी जा सकती. भारत सरकार सिर्फ उसे कैद करके रख सकती है. लेकिन इसमें सच्चाई क्या है? क्या सच में उसे फांसी नहीं दी जा सकती. भारत सरकार के पूर्व गृह सचिव गोपाल कृष्ण पिल्लई ने इसके बारे में अंदर की बात बताई है. पिल्लई की बात इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि वे इस मामले को लंबे वक्त से देख रहे थे. पिल्लई ने मुंबई आतंकवादी हमले के सिर्फ छह महीने बाद गृह सचिव का पद संभाला था, और उनके पास इसकी एक-एक डिटेल्स हैं.
गोपाल कृष्ण पिल्लई ने कहा, तहव्वुर हुसैन राणा वह शख्स है जिसने मुंबई में अपनी फर्म का दफ्तर खोला. उसमें डेविड हेडली को काम दिया और फिर उसे भारत आने के लिए वीजा दिलवाया. तहव्वुर हुसैन राणा और डेविड हेडली बहुत करीब थे और उसे पूरे मामले की जानकारी थी. इसलिए भारत में उससे पूछताछ में पूरी बात सामने आएगी. यह भी पता चलेगा कि हेडली ने उसे क्या बताया था. उन्होंने कहा कि राणा वह व्यक्ति नहीं है जिसने ताज होटल और अन्य स्थानों का सर्वे किया था, जहां आतंकी आए थे.
मृत्युदंड या 10 साल या उससे अधिक की सजा मिलेगी
पिल्लई ने कहा, यह सब डेविड हेडली ने किया था. यह वही व्यक्ति था जो भारत आया, फिर पाकिस्तान गया और सारी जानकारी (पाकिस्तान में आतंकवादियों को) साझा की. लेकिन एक सह-षड्यंत्रकारी के रूप में राणा को निश्चित रूप से भारत में दोषी ठहराया जाएगा और संभवतः उसे मृत्युदंड या 10 साल या उससे अधिक की सजा मिलेगी. इन आतंकी हमलों में पाकिस्तान की भूमिका के बारे में पिल्लई ने कहा कि एनआईए की जांच के दौरान इसकी पुष्टि हो चुकी है कि पाकिस्तान के लोग इनमें शामिल थे. हमारे पास पाकिस्तान में मौजूद अन्य आरोपियों की जानकारी भी है, जिनके खिलाफ वारंट जारी किए गए हैं लेकिन पाकिस्तान ने उन पर कोई कार्रवाई नहीं की है. पूर्व गृह सचिव ने कहा, बार-बार पाकिस्तान इसकी जांच में बाधा डालता रहा. उसने न तो आरोपियों पर मुकदमा चलाया और न ही भारत में मुकदमा चलाने के लिए हमें सौंपा.
दुनियाभर के आतंकियों को संदेश
एक अन्य पूर्व गृह सचिव एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री आर के सिंह ने कहा कि राणा का प्रत्यर्पण देश के लिए बहुत बड़ी उपलब्धि है. यह प्रत्यर्पण अन्य आतंकियों के लिए एक संदेश है कि यदि आप कहीं जाते हैं और किसी देश पर हमला करते हैं, तो इसका मतलब यह नहीं है कि आप किसी अन्य देश में रह सकते हैं’’. सिंह ने कहा, ‘‘आपको उस देश में न्याय का सामना करना पड़ेगा जहां आपने आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम दिया. यह महत्वपूर्ण है कि आतंकवादियों तक ऐसा संदेश जाए.’’ राणा की गवाही से बहुत सारे खुलासे होंगे, जो अब तक हमारी जांच एजेंसियों को पता नहीं हैं.
तहव्वुर राणा और डेविड हेडली को बार-बार वीजा कैसे मिलता रहा?
आरके सिंह ने कहा, ‘‘हमें और अधिक जानकारी मिल सकती है, जिससे हम और अधिक लोगों को पकड़ सकेंगे या उन लोगों की पहचान कर सकेंगे जो पाकिस्तान में हैं. इस हमले की पूरी साजिश पाकिस्तान में, पाकिस्तान के ‘डीप स्टेट’ द्वारा बनाई गई थी. ‘डीप स्टेट’ का मतलब है सेना, आईएसआई (पाकिस्तानी जासूसी एजेंसी) आदि. इन सभी ने इसकी साजिश रची, लोगों को प्रशिक्षित किया और उन्हें हथियार दिए. जब हमला हो रहा था, तब उन्होंने वहीं से निर्देश दिएः वहां से मिनट-दर-मिनट निर्देश आते थे कि क्या किया जाना चाहिएः हम जानते हैं कि यह सब कौन कर रहे थे? वे लश्कर-ए-तैयबा के लोग थे. आरके सिंह ने कहा, हमें जानना है कि राणा और हेडली को हर बार भारत आने के लिए वीजा कैसे दिया गया. तहव्वुर राणा कई बार भारत आया. हेडली कई बार भारत आया. उसे हर बार वीजा कैसे मिला? हमें इसकी जांच करनी होगी.
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New Delhi,New Delhi,Delhi
First Published :
April 10, 2025, 20:10 IST