तहव्वुर राणा के भारत आने के बाद क्यों याद आ रहे गृह मंत्री रहे शिवराज पाटिल?

1 week ago

Last Updated:April 11, 2025, 17:44 IST

Tahawwur Rana News: एनआईए ने 26/11 मुंबई हमले के मास्टरमाइंड तहव्वुर राणा से पूछताछ शुरू की है. क्या राणा के प्रत्यर्पण ने तत्कालीन गृह मंत्री शिवराज पाटिल की कार्यशैली पर सवाल उठाए हैं? पाटिल क्यों याद आ रहे ह...और पढ़ें

तहव्वुर राणा के भारत आने के बाद क्यों याद आ रहे गृह मंत्री रहे शिवराज पाटिल?

तहव्वुर राणा के भारत आने पर क्यों याद आए पूर्व गृह मंत्री शिवराज पाटिल?

हाइलाइट्स

तहव्वुर राणा से एनआईए ने पूछताछ शुरू की.राणा के प्रत्यर्पण ने शिवराज पाटिल की कार्यशैली पर सवाल उठाए.26/11 हमले के दौरान पाटिल की भूमिका विवादित रही.

नई दिल्ली. भारतीय जांच एजेंसी एनआईए तहव्वुर राणा को भारत लाने के बाद पूछताछ शुरू कर दी है. 26/11 मुंबई हमले के मास्टरमाइंड तहव्वुर राणा के भारत प्रत्यर्पण ने एक बार फिर उस भयावह आतंकी हमले की याद ताजा कर दी है, जिसमें 166 लोग मारे गए थे. इस घटना ने न केवल देश की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाए थे, बल्कि तत्कालीन यूपीए सरकार और उस समय के गृह मंत्री शिवराज पाटिल की भूमिका को भी कठघरे में खड़ा किया था. राणा के भारत आने के बाद शिवराज पाटिल का जिक्र इसलिए शुरू हो गया है, क्योंकि उस समय उनकी कार्यशैली और निर्णय लेने की क्षमता पर सवाल उठे थे. दूसरी तरफ घटना के इतने साल बाद भी मोदी सरकार की संवेदनशीलता नजर आई. 2008 की घटना के आरोपी को न केवल भारत लेकर आई, बल्कि अब सारे राज उगलवाएगी, जिससे पाकिस्तान में बैठे आतंक के आकाओं का पर्दाफाश होगा.

बता दें कि 26/11 मुंबई हमला नवंबर 2008 में हुआ था. इस दौरान भारत के तत्कालीन गृह मंत्री शिवराज पाटिल को कई कारणों से विवादों का सामना करना पड़ा. हमले की गंभीरता और उस दौरान उनकी प्रतिक्रिया ने जनता और विपक्षी पार्टियों में नाराजगी पैदा की. हमले के दौरान शिवराज पाटिल पर आरोप लगा कि वह संकट की स्थिति में गंभीरता दिखाने के बजाय बार-बार अपने कपड़े बदलकर मीडिया के सामने आ रहे थे. इसे देश में असंवेदनशीलता के रूप में देखा गया, क्योंकि उस समय मुंबई में आतंकी हमला चल ही रहा था और लोग अपनी जान गंवा रहे थे.

शिवराज पाटिल क्यों याद आए?
विपक्ष ने पाटिल की प्राथमिकताओं पर सवाल उठाए. भारतीय जनता पार्टी ने आरोप लगाया कि एनएसजी (नेशनल सिक्योरिटी गार्ड) कमांडो को मुंबई भेजने में देरी हुई, जिसके लिए गृह मंत्रालय और शिवराज पाटिल को जिम्मेदार ठहराया. बीजेपी नेताओं ने दावा किया था कि पाटिल ने लॉजिस्टिक्स और निर्णय लेने में ढिलाई बरती, जिससे आतंकियों को और नुकसान पहुंचाने का मौका मिला. विपक्ष ने गृह मंत्रालय पर खुफिया जानकारी को नजरअंदाज करने और समुद्री मार्ग से आतंकियों की घुसपैठ को रोकने में विफल रहने का भी आरोप लगाया. शिवराज पाटिल पर दबाव बढ़ा कि उनकी अगुवाई में गृह मंत्रालय ने आतंकी हमले की आशंका को गंभीरता से नहीं लिया. भाजपा और अन्य विपक्षी दलों ने इसे राष्ट्रीय सुरक्षा में चूक के रूप में पेश किया. विपक्षी हमले के बाद शिवराज पाटिल ने गृह मंत्री के पद से 30 नवंबर 2008 को इस्तीफा दे दिया.

मुंबई हमले के बाद पाटिल पर बीजेपी ने बोला था हमला
पाटिल पर आरोप लगे कि वह संकट के समय प्रभावी नेतृत्व प्रदान करने में असफल रहे. हमले के दौरान उनकी अनुपस्थिति और स्थिति को हल्के में लेने की छवि ने जनता के बीच नाराजगी पैदा की. कुछ रिपोर्ट्स की मानें तो वह उस समय दिल्ली में एक सामाजिक कार्यक्रम में शामिल थे, जब मुंबई में आतंकी हमला अपने चरम पर था. इसके अलावा, हमले के बाद उनके बयानों को असंवेदनशील माना गया, जिसने उनकी छवि को और नुकसान पहुंचाया.

ऐसे में राणा का प्रत्यर्पण इस बात की याद दिलाता है कि मुंबई हमले के कई साजिशकर्ता अब तक कानून की पकड़ से बाहर थे. यह घटना उस समय की खुफिया और सुरक्षा विफलताओं को भी उजागर करती है, जिसके लिए पाटिल को जिम्मेदार ठहराया गया. उनकी कार्यशैली पर सवाल उठे कि क्या सरकार ने खुफिया जानकारी को गंभीरता से लिया था? हमले के बाद पाटिल को गृह मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा, जो उनकी असफलता का प्रतीक बना. आज जब राणा भारत में है और एनआईए उससे पूछताछ कर रही है, यह उम्मीद जताई जा रही है कि हमले के पीछे की पूरी साजिश सामने आएगी. लेकिन साथ ही यह दौर उस समय की कमियों को भी याद दिलाता है, जब शिवराज पाटिल जैसे नेतृत्व की नाकामी ने देश को गहरे जख्म दिए.

Location :

Mumbai,Maharashtra

First Published :

April 11, 2025, 17:44 IST

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