Last Updated:April 10, 2025, 15:07 IST
पाकिस्तान ने मुंबई हमले के आरोपी तहव्वुर राणा से अपना पाला झाड़ लिया है. दरअसल, वह भारत मुंबई हमले के लिए जरूरी समान सप्लाई कराने में आरोपित था. वह पाकिस्तान-कनाडा मूल का निवासी है. मगर, इतने सालों के बाद इस आत...और पढ़ें

पाकिस्तान ने कहा वह हमारा नहीं है.
हाइलाइट्स
पाकिस्तान ने तहव्वुर राणा से पल्ला झाड़ा.राणा को भारत प्रत्यर्पित किया जा रहा है.राणा को अमेरिका में दोषी ठहराया गया था.Tahawwur Rana: पाकिस्तान ने 2008 के मुंबई आतंकी हमले के आरोपी तहव्वुर राणा से खुद को अलग कर लिया है. विदेश मंत्रालय ने कहा कि वह कनाडाई नागरिक है. उसने दो दशक से पाकिस्तानी पासपोर्ट को रिनिव्यू नहीं करवाया है तो वह हमारा नागरिक कैसे हो सकता है. दरअसल, गुरुवार को मुंबई हमले के मास्टर माइंड को अमेरिका से प्रत्यार्पण के बाद भारत लाया गया. इससे पहले पाकिस्तान ने उससे किनारा करते हुए यह बयान दिया.
पाकिस्तानी-कनाडाई नागरिक तहव्वुर राणा को प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) का गुर्गा है. वह मुंबई हमलों के लिए सहायता दिया था. इसके आरोप में वह अमेरिका के जेलों में 17 साल से कैद था. बता दें कि मुंबई हमले में 174 से अधिक लोग मारे गए थे. आज यानी कि गुरुवार को उसको अमेरिका से भारत , दिल्ली लाया गया है. नेशनल जांच एजेंसी ने उसको हिरासत में लेकर पूछताछ करेगी.
विदेश मंत्रालय का आया बयान
पाकिस्तानी मीडिया में आई खबरों के अनुसार, पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता शफकत अली खान ने राणा के भारत प्रत्यर्पण के बारे में पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए कहा, ‘तहव्वुर राणा ने दो दशकों से अधिक समय से अपने पाकिस्तानी दस्तावेजों का नवीनीकरण नहीं कराया है. उसकी कनाडाई राष्ट्रीयता बहुत स्पष्ट है.’
प्रत्यर्पण की प्रक्रिया
अमेरिकी विदेश मंत्री ने इसी साल 11 फरवरी को राणा के भारत प्रत्यर्पण के लिए आत्मसमर्पण वारंट पर हस्ताक्षर किए थे. इसके बाद राणा के वकील ने इस आदेश को चुनौती देने के लिए आपातकालीन स्टे की याचिका दायर की थी. हालांकि, 7 अप्रैल को अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने राणा की स्थगन याचिका खारिज कर दी. भारत सरकार लंबे समय से उनके प्रत्यर्पण की मांग कर रही थी, और यह अब जाकर संभव हो सका है.
एनआईए का केस
एनआईए के मुताबिक, भारत सरकार के गृह मंत्रालय के आदेश (11 नवंबर 2009) के बाद 11 नवंबर 2009 को नई दिल्ली में एनआईए पुलिस स्टेशन में केस दर्ज किया गया था. यह केस आरसी-04/2009/एनआईए/डीएलआई के तहत भारतीय दंड संहिता की धारा 121ए, गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम की धारा 18 और सार्क सम्मेलन (आतंकवाद दमन) अधिनियम की धारा 6(2) के तहत दर्ज हुआ. इसमें डेविड कोलमैन हेडली (अमेरिकी नागरिक), तहव्वुर हुसैन राणा (कनाडाई नागरिक) और अन्य शामिल थे.
एनआईए ने बताया कि हेडली और राणा को अमेरिका में कानून प्रवर्तन एजेंसियों ने गिरफ्तार किया था. एनआईए ने दोनों के प्रत्यर्पण के लिए अमेरिका को अनुरोध भेजा था, जो अब तक लंबित था. पाकिस्तान को भी जांच में सहायता के लिए एक पत्र (लेटर रोगेटरी) भेजा गया, जिसका जवाब अभी नहीं मिला. जांच पूरी होने के बाद 24 दिसंबर 2011 को नई दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट में 9 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई.
मुंबई हमलों के लिए न्याय की दिशा में कदम
राणा का प्रत्यर्पण 2008 के मुंबई आतंकी हमलों के पीड़ितों के लिए न्याय की दिशा में एक बड़ा कदम है. इन हमलों ने भारत को झकझोर दिया था, और अब राणा के भारत आने से इस मामले में आगे की कार्रवाई संभव हो सकेगी.
First Published :
April 10, 2025, 14:39 IST
तहव्वुर राणा हमारा नहीं... आतंकी से पाकिस्तान ने झाड़ा पल्ला, बोला- 20 साल से