Last Updated:July 29, 2025, 11:36 IST
Shashi Tharoor and Manish Tiwari News: ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा के दौरान शशि थरूर और मनीष तिवारी को बोलने का मौका नहीं मिला. इसको लेकर मनीष तिवारी ने नाराजगी जताई है. ऐसे में सवाल है पार्टी नेतृत्व मनीष तिवारी से...और पढ़ें

हाइलाइट्स
मनीष तिवारी और शशि थरूर कांग्रेस से नाराज.राहुल गांधी ने थरूर के खिलाफ कार्यवाही से इनकार किया.कांग्रेस में ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा के दौरान दोनों को मौका नहीं मिला.Shashi Tharoor and Manish Tiwari News: संसद के दोनों सदनों में आज मंगलवार को ऑपरेशन सिंदूर और पहलगाम आतंकवादी हमले पर चर्चा हो रही है. लोकसभा में सोमवार को चर्चा की शुरुआत हुई. इस दौरान कांग्रेस पार्टी के नेताओं ने जमकर सरकार पर हमले किए. लेकिन, पार्टी की ओर से दो सीनियर सांसदों शशि थरूर और मनीष तिवारी के भाषण को लेकर संशय बना हुआ है. ये दोनों सांसद मोदी सरकार की ओर से ऑपरेशन सिंदूर के बाद विदेश भेजे गए सांसदों के डेलिगेशन के हिस्सा थे. विदेश की धरती पर इन दोनों ने ऑपरेशन सिंदूर और देश की सेनाओं की जमकर तारीफ की थी. इन दोनों ने अंतरराष्ट्रीय मंच पर पाकिस्तान को बेनकाब करने का काम किया था.
मनीष तिवारी का छलका दर्द
इस बीच चर्चा में हिस्सा नहीं लेने का मौका नहीं मिलने के कारण चंडीगढ़ के सांसद मनीष तिवारी ने दर्द छलक आया है. उन्होंने कांग्रेस नेतृत्व पर निशाना साधा है. मनीष ने खुद को और सांसद शशि थरूर को पार्टी द्वारा बोलने का मौका न दिए जाने पर गाने के जरिए जताई अपनी नाराजगी है. उन्होंने ट्वीट कर लिखा- है प्रीत जहां की रीत सदा मैं गीत वहां के गाता हूं, भारत का रहने वाला हूं भारत की बात सुनाता हूं.
एक तरह से मनीष कह रहे है कि वो भारत की बात करते रहेंगे मतलब देश को जहां जरूरत होगी पार्टी लाइन से ऊपर उठकर काम करेंगे और देश के दवाओं पर पार्टी लाइन के खांचे में नहीं बंधेंगे चाहे उसका अंजाम कुछ भी हो. मनीष तिवारी और शशि थरूर दोनों ही भारत द्वारा विदेश भेजे गए डेलिगेशन का हिस्सा थे लेकिन गौर करने वाली बात है कि उनका नाम कांग्रेस द्वारा भेजी गई सूची में नहीं था. कांग्रेस ने लोकसभा में जिन सांसदों को बोलने का मौका दिया है उनमें प्रियंका गांधी, प्रणीति शिंदे, गौरव गोगोई, दीपेंद्र हुड्डा, सप्तगिरि उलाका और बिजेंद्र ओला का नाम है.
थरूर से पार्टी ने किया संपर्क
कांग्रेस सूत्रों का दावा है कि थरूर ने बोलने के लिए प्रक्रिया के तहत पार्टी से संपर्क ही नहीं किया उसके बाद जब इस बाबत उनसे पूछा गया तो उन्होंने पोर्ट बिल पर बोलने की इच्छा जाहिर की. वहीं मनीष तिवारी के मुताबिक उन्होंने पार्टी से बोलने का मौका दिए जाने के लिए संपर्क किया था, लेकिन पार्टी ने उनका नाम शामिल नहीं किया. सूत्रों के मुताबिक शशि थरूर ने कहा कि इस परिस्थिति में बोलना असंभव है. जो मैंने अंतरराष्ट्रीय मंच पर बोला है केवल बात बोली जा सकती है, लेकिन ऐसी बातें करना पार्टी लाइन का उल्लंघन होगा. पार्टी सरकार पर हमलावर है. इसको लेकर तीन लाइन व्हीप जारी किया गया है. ऐसे में इस परिस्थिति में चुप रहना ही एक मात्र विकल्प है.
कांग्रेस में एक वक्त के बाद दो सांसद नेताओं के तेवर आने वाले दिनों में पार्टी की मुसीबत बढ़ा सकते हैं. पंजाब और केरल दोनों जगह आने वाले समय में विधानसभा चुनाव होने वाले है और अगर दोनों राज्यों के ये नेता यू ही पार्टी की मुखालफत करते रहे तो कांग्रेस की चुनावी संभावनाओं को नुकसान हो सकता है. राहुल गांधी ने शशि थरूर के खिलाफ फिलहाल किसी भी तरह की कार्यवाही से इनकार किया है हालांकि पार्टी की लोकल यूनिट ने उनको अपने कार्यक्रमों में बुलाना बंद कर दिया है.
वहीं मनीष तिवारी के रिश्ते भी पार्टी हाईकमान से लगभग एक दशक से ठीक नहीं चल रहे. मनीष ने 2014 का लोकसभा चुनाव न लड़ने का जब फैसला किया था तभी से नेतृत्व से उनके रिश्ते कभी सामान्य नहीं हुए. उसके बाद जबकि आप के संपर्क में होने की खबरें भी पार्टी हाईकमान और उनके बीच मनमुटाव की वजह बनीं.
न्यूज18 हिंदी में बतौर एसोसिएट एडिटर कार्यरत. मीडिया में करीब दो दशक का अनुभव. दैनिक भास्कर, दैनिक जागरण, आईएएनएस, बीबीसी, अमर उजाला, जी समूह सहित कई अन्य संस्थानों में कार्य करने का मौका मिला. माखनलाल यूनिवर्स...और पढ़ें
न्यूज18 हिंदी में बतौर एसोसिएट एडिटर कार्यरत. मीडिया में करीब दो दशक का अनुभव. दैनिक भास्कर, दैनिक जागरण, आईएएनएस, बीबीसी, अमर उजाला, जी समूह सहित कई अन्य संस्थानों में कार्य करने का मौका मिला. माखनलाल यूनिवर्स...
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