जयपुर. दिवाली पर लोगों ने जमकर पटाखे फोड़े हैं. पटाखों के शौकिनों ने आधी रात तक आकाश को गूंजाकर रखा. बारुद और उसके धुंए के कारण राजधानी जयपुर समेत अधिकतर इलाकों की आबोहवा खराब हो गई. दिवाली की अगली सुबह कई शहरों में प्रदूषण का स्तर सामान्य से कई गुना ज्यादा हो गया. राजस्थान में सबसे ज्यादा प्रदूषण बीकानेर में हुआ. वहां शुक्रवार को सुबह एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 347 पर जा पहुंचा. वहीं जयपुर में यह 244 पर पहुंच गया.
राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार पटाखों के कारण अधिकतर शहरों की आबोहवा खराब हुई है. प्रदेश में बीकानेर के बाद सबसे बुरे हाल भिवाड़ी के रहे. वहां प्रदूषण का स्तर 298 पर पहुंच गया. शुक्रवार को सुबह 6 बजे तक तिजारा में AQI 288 पर पहुंच गया. वहीं चूरू में यह 263, हनुमानगढ़ में 208, धौलपुर में 275, श्रीगंगानगर में 266, टोंक में 211, अजमेर में 201, सीकर में 257, झुंझुनू में 264 और
जैसलमेर में 250 पर पहुंच गया.
100 या इससे कम AQI को सामान्य माना जाता है
इन शहरों के अलावा पाली में 236, जोधपुर में 199, कोटा में 199, जालोर में 255, नागौर में 240, उदयपुर में 207, बूंदी में 154, चित्तौड़गढ़ में 207 और सवाई माधोपुर में यह 185 पर जा पहुंचा है. राजस्थान की आबोहवा पटाखों के कारण दिवाली से दो पहले ही खराब होने लग गई थी. उसके बाद दिवाली की रात वायु और शोर प्रदूषण में खासा बढ़ोतरी हुई है. 100 या इससे कम AQI को सामान्य माना जाता है. इसके ऊपर दर्ज किया गया AQI घातक होता है.
अभी हवा को साफ होने में थोड़ा समय लगेगा
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार अभी हवा को साफ होने में थोड़ा समय लगेगा. राजस्थान का भिवाड़ी बड़ा औद्योगिक शहर है. वहां वायु प्रदूषण के पहले से ही बुरे हालात में रहता है. कुछ ऐसे ही हाल मारवाड़ इलाके के पाली शहर के रहते हैं. वहां कपड़ा व्यवसाय के कारण जल प्रदूषण बेहताशा होता है. जयपुर में भारी ट्रैफिक के कारण शहर की आबोहवा बिगड़ी हुई ही रहती है.
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FIRST PUBLISHED :
November 1, 2024, 08:33 IST