गुजरात: पूरे राज्य के मंदिरों में दिवाली का जश्न मनाया जा रहा है. इस त्योहार के दौरान सुख-समृद्धि की देवी माँ लक्ष्मी की पूजा का विशेष महत्व है. दिवाली के दिनों में पोरबंदर स्थित पौराणिक श्री महालक्ष्मीजी के मंदिर में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ती है. मंदिर ट्रस्ट द्वारा विभिन्न धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन भी किया जाता है. धनतेरस के दिन मंगला आरती का आयोजन होता है, जबकि आज, दिवाली के दिन, माँ महालक्ष्मी को चलन में आने वाली नोटों का श्रृंगार किया गया है, जिसके दर्शन से भक्त धन्य महसूस कर रहे हैं.
पोरबंदर का महालक्ष्मी मंदिर और विशेष श्रृंगार
पोरबंदर में पौराणिक महालक्ष्मी मंदिर स्थित है, जहाँ हर साल दिवाली के अवसर पर विशेष कार्यक्रमों और पूजा-अर्चना का आयोजन होता है. इसके तहत माँ महालक्ष्मी को चलन में आने वाली नोटों से सजाया जाता है. हर साल इन नोटों की राशि में वृद्धि की जाती है. पिछले वर्ष माँ महालक्ष्मी को 51 लाख रुपये की नोटों से सजाया गया था, जबकि इस वर्ष 55 लाख रुपये की नोटों का श्रृंगार किया गया है, जिसमें 1 रुपये के सिक्कों से लेकर 500 रुपये की नोटों तक का उपयोग किया गया है.
दर्शन के लिए श्रद्धालुओं का तांता
आज सुबह से ही माँ के इस विशेष श्रृंगार के दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी हुई है. पोरबंदर के लोग गुरुवार और शुक्रवार को चलनी नोटों से सजे इस श्रृंगार का दर्शन कर सकते हैं. माँ के इस श्रृंगार में उपयोग की गई चलनी नोटों को नए साल पर निर्धारित शुल्क के साथ प्रसाद के रूप में भक्तों को दिया जाता है. श्रद्धालु इन नोटों को अपनी तिजोरी में संभाल कर रखते हैं. पोरबंदर जिले के एकमात्र श्री महालक्ष्मीजी मंदिर में कल, यानी शुक्रवार को दीपोत्सव पर्व के अवसर पर 101 दंपत्तियों द्वारा महालक्ष्मीजी की विशेष पूजा की जाएगी.
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FIRST PUBLISHED :
November 1, 2024, 11:48 IST