Last Updated:January 30, 2025, 14:51 IST
Muslim population: लक्षद्वीप एक केंद्र शासित प्रदेश है. यहां की आबादी में करीब 97 फीसदी लोग इस्लाम धर्म को मानने वाले हैं. यहां की साक्षरता दर 90 फीसदी से ऊपर है. पूरी तरह से एक मुस्लिम बहुत राज्य होने के बावजू...और पढ़ें
लक्षद्वीप एक ऐसा राज्य है जहां कि फर्टिलिटी रेट काफी कम है.
हाइलाइट्स
लक्षद्वीप में 97% मुस्लिम आबादी है.लक्षद्वीप की फर्टिलिटी रेट मात्र 1.4 है.राष्ट्रीय स्तर पर फर्टिलिटी रेट 2 है.Muslim Population: इस्लाम दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा धर्म है. दुनिया के सैकड़ों देशों में इस्लाम को मानने वाले लोग रहते हैं. इनकी आबादी करीब 1.8 अरब है. इसमें से करीब 20 करोड़ मुस्लिम आबादी भारत में रहती है. आबादी के हिसाब से सबसे बड़ा इस्लामिक मुल्क इंडोनेशिया है. उसकी आबादी करीब 24 करोड़ है. दुनिया के कई इस्लामिक देश बेहद अमीर है. इसमें अरब देशों का नाम सबसे ऊपर है.
खैर आज हम भारत में इस्लाम को लेकर बात कर रहे हैं. आमतौर पर अपने भारत में ऐसी धारणा है कि मुस्लिम समुदाय की आबादी अन्य समुदायों की तुलना में ज्यादा तेजी से बढ़ रही है. यह एक ऐसी बात है जो देखने वाले के नजरिए के हिसाब से तय होती है. आज अपने देश में उत्तर प्रदेश एक ऐसा राज्य है जहां सबसे अधिक मुस्लिम लोग रहते हैं. इनकी संख्या करीब चार करोड़ है. भारत की औसत फर्टिलिटी रेट 2 है जबकि 1950 के दशक में यह दर 6 हुआ करती है. मौजूदा वक्त में हिंदुओं की फर्टिलिटी रेट 1.94 है, जबकि मुस्लिम समुदाय की फर्टिलिटी रेट 2.36 है. फर्टिलिटी रेट में इसी अंतर के आधार पर कुछ लोग अनुमान जताते हैं कि एक दिन देश में मुस्लिम आबादी, हिंदू आबादी को पार कर जाएगी. लेकिन, ये सब बेहद सतही विश्लेषण है.
97 फीसदी मुस्लिम आबादी वाला राज्य
लेकिन, आज अपने ही देश के एक ऐसे राज्य की बात करते हैं जहां कि आबादी में करीब 97 फीसदी मुस्लिम समुदाय के लोग हैं. हालांकि यह एक बहुत छोटा राज्य है. लेकिन, बेहद प्रगतिशील है. 2011 की जनगणना के मुताबिक इस राज्य में साक्षरता की दर 92 फीसदी है. पुरुषों में यह दर 95 फीसदी और महिलाओं में यह दर करीब 88 फीसदी है. वहीं देश में औसत साक्षरता दर करीब 75 फीसदी है. आंध्र प्रदेश में सारक्षता दर मात्र 66 फीसदी है, जो सबसे कम है.
दरअसल, हम बात कर रहे हैं लक्षद्वीप की. यह एक बेहद छोटा केंद्र शासित प्रदेश हैं. यहां की आबादी करीब 66 हजार है. इसमें करीब 97 फीसदी मुस्लिम समुदाय के लोग हैं. मजेदार बात यह है कि करीब-करीब एक पूर्ण मुस्लिम राज्य होने के बावजूद इस राज्य में आबादी में वृद्धि की दर बहुत कम है. यहां की फर्टिलिटी रेट मात्र 1.4 है. यानी एक महिला अपने पूरे जीवन काल में केवल 1.4 बच्चों को जन्म देती है.
2.1 की फर्टिलिटी रेट जरूरी
जनसंख्या वैज्ञानिकों के मुताबिक किसी की समाज या क्षेत्र की आबादी के मौजूदा स्तर को बनाए रखने के लिए कम से कम फर्टिलिटी रेट 2.1 फीसदी होना चाहिए. यानी एक महिला को औसतन 2.1 बच्चों को जन्म देना होता है. आज दुनिया के तमाम देशों जैसे- दक्षिण कोरिया, जापान में भी आबादी तेजी से घट रही है. जहां तक भारत की बात है तो अपने देश में सबसे कम फर्टिलिटी रेट 1.1 सिक्किम की है.
लद्दाख की फर्टिलिटी रेट 1.3, अंडमान निकोबार में 1.3, गोवा में 1.3 और लक्षद्वीप में 1.4 है. बड़े राज्यों की बात करें तो केरल में फर्टिलिटी रेट 1.8 और पंजाब में फर्टिलिटी रेट 1.6 है. कहने का मतलब यह है कि इन राज्यों की आबादी काफी हद तक स्थिर हो गई है. आबादी में वृद्धि की दर का सीधा संबंध धर्म के साथ नहीं है. बल्कि सरकारी नीतियों और समाज की आर्थिक सामाजिक और शैक्षणिक स्थिति से यह काफी हद तक तय होता है.
First Published :
January 29, 2025, 19:04 IST