Last Updated:December 13, 2025, 15:43 IST
Kerala Sonia Gandhi Lose Election: केरल के मुन्नार के नल्लाथन्नी वार्ड से भाजपा उम्मीदवार सोनिया गांधी स्थानीय निकाय चुनाव हार गईं. नाम की वजह से देशभर में चर्चा में रहीं सोनिया गांधी को LDF उम्मीदवार वलारमती ने मात दी. कांग्रेस पृष्ठभूमि वाले परिवार में जन्मी सोनिया गांधी शादी के बाद भाजपा में शामिल हुई थीं. यह चुनावी हार नाम, विरासत और राजनीति के दिलचस्प टकराव की कहानी बन गई. इस खबर के बारे में डिटेल में.
मुन्नार पंचायत चुनाव में BJP उम्मीदवार सोनिया गांधी हार गईं. Kerala Local Body Election Result: केरल में स्थानीय निकाय चुनाव के नतीजे आ रहे हैं. अभी तक कांग्रेस की यूडीएफ का दबदबा दिख रहा है. इस चुनाव में एक नाम जो पूरे देश में सुर्खियों में आ गया था वह नाम था मुन्नार से चुनाव लड़ रही भारतीय जनता पार्टी (BJP) की उम्मीदवार सोनिया गांधी का. जब सोनिया गांधी का नाम सुर्खियों में आया तो सब चौंक गए थे. अब परिणाम से सोनिया गांधी चौंक गई हैं. दरअसल भाजपा की उम्मीदवार सोनिया गांधी स्थानीय निकाय चुनाव में हार गईं.
यह हार सिर्फ एक वार्ड की हार नहीं है. यह एक ऐसी राजनीतिक कहानी की मोड़ है. इसमें नाम, विरासत और विचारधारा तीनों का दिलचस्प टकराव देखने को मिला. मुन्नार के नल्लाथन्नी वार्ड से चुनाव लड़ रहीं भाजपा उम्मीदवार सोनिया गांधी को एलडीएफ की उम्मीदवार वलारमती ने मात दी. नाम की वजह से चर्चा में रहीं सोनिया गांधी आखिरकार वोटों की गिनती में पीछे रह गईं.
किस सीट से और किसके सामने हारीं सोनिया गांधी?
34 साल की सोनिया गांधी ने मुन्नार के नल्लाथन्नी वार्ड (वार्ड नंबर 16) से पंचायत चुनाव लड़ा था. वह भाजपा की उम्मीदवार थीं, जबकि उनके सामने एलडीएफ की उम्मीदवार वलारमती थीं. चुनावी नतीजों में वलारमती ने बढ़त बनाते हुए सोनिया गांधी को पराजित कर दिया.
नाम की वजह से क्यों बनीं राष्ट्रीय चर्चा का विषय?
इस चुनाव में सोनिया गांधी का नाम ही सबसे बड़ा आकर्षण बना. पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मिलता-जुलता नाम होने के कारण यह उम्मीदवार केरल ही नहीं, बल्कि देशभर में चर्चा का विषय बन गईं. लोग सोशल मीडिया पर पूछते दिखे, ‘क्या सच में सोनिया गांधी चुनाव लड़ रही हैं?’ हालांकि सच्चाई इससे बिल्कुल अलग थी.
पिता कांग्रेस नेता थे, लेकिन शादी के बाद सोनिया गांधी ने BJP का रास्ता चुना.
कांग्रेस से BJP तक, क्या है पूरी कहानी?
सोनिया गांधी का जन्म एक ऐसे परिवार में हुआ, जहां कांग्रेस की मजबूत राजनीतिक विरासत रही है. उनके पिता दिवंगत दुरैराज कांग्रेस के वरिष्ठ स्थानीय नेता थे और नल्लाथन्नी-कल्लार इलाके में पार्टी का जाना-पहचाना चेहरा रहे. कांग्रेस नेता सोनिया गांधी के प्रति सम्मान के चलते उन्होंने अपनी बेटी का नाम भी सोनिया गांधी रखा.
लेकिन राजनीति में रास्ते हमेशा सीधे नहीं होते. शादी के बाद सोनिया गांधी की राजनीतिक दिशा बदली. उनके पति सुभाष भाजपा के सक्रिय कार्यकर्ता हैं और वर्तमान में पंचायत के जनरल सेक्रेटरी हैं. पति के राजनीतिक जुड़ाव के बाद सोनिया गांधी भी भाजपा में शामिल हुईं और पार्टी के टिकट पर चुनाव मैदान में उतरीं.
केरल लोकल बॉडी चुनाव का बड़ा संदर्भ
केरल में 1199 स्थानीय निकायों के लिए हुए चुनावों की मतगणना सुबह 8 बजे शुरू हुई. शुरुआती रुझानों में ग्रामीण इलाकों में एलडीएफ और शहरी क्षेत्रों में यूडीएफ की बढ़त दिखी. इन नतीजों को 2026 के विधानसभा चुनाव से पहले सेमीफाइनल के तौर पर देखा जा रहा है. इस पूरे राजनीतिक माहौल में सोनिया गांधी की हार एक छोटी सीट की हार जरूर है लेकिन उसकी गूंज काफी दूर तक सुनाई दी.
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सुमित कुमार News18 हिंदी में सीनियर सब एडिटर के तौर पर काम कर रहे हैं. वे पिछले 3 साल से यहां सेंट्रल डेस्क टीम से जुड़े हुए हैं. उनके पास जर्नलिज्म में मास्टर डिग्री है. News18 हिंदी में काम करने से पहले, उन्ह...और पढ़ें
First Published :
December 13, 2025, 15:43 IST

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