Last Updated:October 22, 2025, 12:39 IST
Bihar Chunav Tejaswi Yadav News : बिहार विधानसभा चुनाव के बढ़ते तापमान के बीच नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने एक के बाद एक बड़े ऐलान कर सियासी माहौल को और गर्म कर दिया है. आरजेडी नेता ने इस बार अपने वादों का फोकस जीविका दीदियों और संविदाकर्मियों पर रखा जो बिहार की बड़ी सामाजिक-आर्थिक ताकत मानी जाती हैं. तेजस्वी ने उन्हें स्थायी सरकारी नौकरी, ब्याजमुक्त ऋण, बीमा सुरक्षा और न्यूनतम वेतन की गारंटी जैसी सुविधाओं का वादा किया है.

पटना. बिहार विधानसभा चुनाव के चुनावी माहौल के बीच बिहार में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने एक के बाद एक बड़े ऐलान कर राजनीतिक तापमान बढ़ा दिया है. इस बार तेजस्वी ने जीविका दीदियों और संविदाकर्मियों के लिए कई ऐतिहासिक वादे किए हैं जिनमें स्थायी सरकारी नौकरी, ब्याजमुक्त ऋण, बीमा कवर और न्यूनतम वेतन की गारंटी जैसे कदम शामिल हैं. तेजस्वी यादव ने कहा कि जीविका दीदियों के योगदान को अब तक उचित सम्मान नहीं मिला. उन्होंने आरोप लगाया कि वर्तमान सरकार ने उनकी मेहनत का शोषण किया है. तेजस्वी ने ऐलान किया कि कम्युनिटी मोबिलाइजर के रूप में काम कर रही सभी जीविका दीदियों को स्थायी सरकारी नौकरी दी जाएगी और उन्हें प्रतिमाह वेतन मिलेगा. साथ ही उन्होंने लिये गए सभी ऋणों के ब्याज को माफ करने और अगले दो साल तक ब्याजमुक्त ऋण देने का वादा किया. उनके मुताबिक, यह कदम उन लाखों महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण की दिशा में बड़ा बदलाव होगा जो बिहार के ग्रामीण विकास की रीढ़ हैं. तेजस्वी का दावा है कि वह जो घोषणा कर रहे हैं उसे हर कीमत पर पूरा करेंगे.
तेजस्वी यादव के ये ऐलान सिर्फ चुनावी वादे नहीं, बल्कि बिहार की सामाजिक राजनीति को प्रभावित करने वाला एजेंडा बन चुके हैं. एक तरफ नीतीश कुमार के नेतृत्व में एनडीए विकास और स्थिरता की बात कर रहा है तो वहीं तेजस्वी ‘रोजगार और सम्मान’ को अपनी नई थीम बना चुके हैं. राजनीतिक जानकार मानते हैं कि यह तेजस्वी की रणनीतिक चाल है जो उन वर्गों को सीधे साधने की कोशिश है, जिनका मतदाताओं पर व्यापक प्रभाव है. हालांकि सवाल यह भी है कि क्या इतने बड़े पैमाने पर स्थायित्व और आर्थिक गारंटी देना व्यावहारिक रूप से संभव है?
जीविका दीदियों के लिए सबसे बड़ा ऐलान
तेजस्वी यादव ने कहा कि राज्य सरकार ने अब तक जीविका दीदियों का शोषण किया है उनकी मेहनत का सही सम्मान नहीं मिला. उन्होंने कहा कि, जीविका दीदियों की बात सुनने और उनका अध्ययन करने के बाद हम यह घोषणा कर रहे हैं-कम्युनिटी मोबिलाइजर के रूप में काम कर रही सभी जीविका दीदियों को स्थायी सरकारी नौकरी दी जाएगी. तेजस्वी ने स्पष्ट किया कि सभी जीविका दीदियों को कम से कम 30,000 रुपये मासिक वेतन मिलेगा. इसके साथ ही उन्होंने वादा किया कि अब तक लिए गए सभी ऋण के ब्याज को माफ किया जाएगा, और अगले दो साल तक ब्याज मुक्त ऋण सुविधा दी जाएगी.
जीविका समूह के लिए अतिरिक्त फायदे
तेजस्वी यादव ने यह भी कहा कि जीविका समूह की दीदियों को अन्य सरकारी कार्यों के लिए 2,000 रुपये प्रतिमाह मानदेय दिया जाएगा. साथ ही हर जीविका दीदी को 5 लाख रुपये तक का बीमा कवर मिलेगा. समूह की अध्यक्ष और कोषाध्यक्ष को भी मानदेय देने की घोषणा की गई. तेजस्वी ने कहा कि उनकी सरकार MAA और BETI योजना भी लागू करेगी. तेजस्वी यादव ने MAA को M – मकान, A – अन्न, A – आमदनी बताया है. इस योजना के तहत हर मां और उसके परिवार को पक्का मकान, भरपूर राशन (अन्न) और स्थिर आय (आमदनी) की व्यवस्था की जाएगी. यह गरीब परिवारों को आर्थिक सुरक्षा प्रदान करने पर केंद्रित है. वहीं, BETI योजना का मतलब समझाते हुए तेजस्वी यादव ने कहा कि- BETI से Benefit, Education, Training और Income, यानी जन्म से लेकर इनकम दिलाने तक हर चरण में सरकार मदद करेगी.
संविदाकर्मियों के लिए ऐतिहासिक वादा
तेजस्वी यादव ने अपने दूसरे बड़े ऐलान में कहा कि बिहार के सभी संविदाकर्मियों को स्थायी किया जाएगा. उन्होंने कहा कि जो कर्मचारी किसी एजेंसी के जरिए काम कर रहे हैं, उन्हें भी स्थायी सरकारी कर्मचारी का दर्जा मिलेगा. उन्होंने कहा कि यह फैसला उन लाखों कर्मचारियों के लिए है जो वर्षों से अस्थायी रूप में काम कर रहे हैं, लेकिन न वेतन की गारंटी है और न सेवा की सुरक्षा. तेजस्वी ने बताया कि संविदाकर्मियों से बिना कारण बताए सेवा समाप्त कर दी जाती है और उनके वेतन से हर महीने 18 प्रतिशत GST काटा जाता है. महिलाओं को दो दिन का भी अवकाश नहीं मिलता- यह अन्याय अब खत्म होगा. तेजस्वी का कहना है कि उनकी सरकार संविदाकर्मियों की सेवा और वेतन की गारंटी सुनिश्चित करेगी.
नीतीश कुमार की रणनीति पर सीधा हमला
तेजस्वी यादव के इन ऐलानों को नीतीश कुमार और एनडीए की नीति पर सीधा हमला माना जा रहा है. तेजस्वी ने कहा कि पिछले 18 साल में महिलाओं और कर्मियों के नाम पर योजनाएं तो बनीं, लेकिन उन्हें सम्मान और स्थायित्व नहीं मिला. वहीं, जानकारों की नजर में तेजस्वी यादव इस वर्ग को सीधे अपने पाले में लाने की रणनीति पर काम कर रहे हैं, क्योंकि जीविका दीदियों और संविदाकर्मियों की संख्या बिहार में लाखों में है और ये चुनावी परिणाम को प्रभावित करने की क्षमता रखती हैं.
तेजस्वी यादव का चुनावी दांव या दूरदृष्टि?
एनडीए जहां विकास और स्थिरता की बात कर रहा है, वहीं तेजस्वी ने रोजगार और सम्मा को अपनी नई थीम बना लिया है. यह भी चर्चा है कि क्या तेजस्वी यादव हताशा में ताबड़तोड़ वादे कर रहे हैं, या यह बिहार के लिए उनका विजन रोडमैप है-जिसका असर चुनावी नतीजों तक पहुंचेगा. राजनीतिक जानकार मानते हैं कि तेजस्वी यादव के ये ऐलान एक रणनीतिक चुनावी चाल हैं. बहरहाल, एक बात तो तय है कि तेजस्वी के इस स्थायित्व अभियान ने बिहार की राजनीति को नया मोड़ दे दिया है. अब देखना यह होगा कि वादों की गर्मी वोट में बदलती है या नहीं. फिलहाल इतना तय है कि तेजस्वी के इन ताबड़तोड़ ऐलानों ने बिहार की चुनावी बहस को नए मोड़ पर ला खड़ा किया है और आने वाले हफ्तों में यह तय करेगा कि जनता ‘वादों’ को कितना ‘वोट’ में बदलती है.
पत्रकारिता क्षेत्र में 22 वर्षों से कार्यरत. प्रिंट, इलेट्रॉनिक एवं डिजिटल मीडिया में महत्वपूर्ण दायित्वों का निर्वहन. नेटवर्क 18, ईटीवी, मौर्य टीवी, फोकस टीवी, न्यूज वर्ल्ड इंडिया, हमार टीवी, ब्लूक्राफ्ट डिजिट...और पढ़ें
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First Published :
October 22, 2025, 12:39 IST