Last Updated:December 14, 2025, 09:46 IST
Pankaj Chaudhary UP BJP Chief Challenges: पंकज चौधरी को आज उत्तर प्रदेश बीजेपी की कमान मिलने जा रही है. कुर्मी जाति से आने वाले चौधरी महराजगंज लोकसभा सीट से सात बार के सांसद हैं. अगले साल होने वाले पंचायत चुनाव और 2027 के विधानसभा चुनाव से पहले उन्हें यूपी बीजेपी अध्यक्ष की जिम्मेदारी अहम मानी जा रही है, लेकिन उनके सामने कई बड़ी चुनौतियां भी खड़ी हैं. चलिये इन चुनौतियों पर एक नजर डालते हैं...
पंकज चौधरी को आज उत्तर प्रदेश बीजेपी की कमान मिलने जा रही है.उत्तर प्रदेश बीजेपी को आज नया प्रदेश अध्यक्ष मिलने जा रहा है. केंद्रीय राज्यमंत्री पंकज चौधरी के नाम का आज औपचारिक ऐलान होने वाला है. दरअसल यूपी बीजेपी अध्यक्ष पद के लिए नामांकन प्रक्रिया में एकमात्र उम्मीदवार पंकज चौधरी ने शनिवार को अपना पर्चा दाखिल किया. इससे पंकज चौधरी का निर्विरोध प्रदेश अध्यक्ष चुने जाने का रास्ता साफ हो गया.
पंकज चौधरी उत्तर प्रदेश के महराजगंज लोकसभा क्षेत्र से सात बार के सांसद हैं, और उन्हें दूसरी मोदी कैबिनेट में केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री बनाया गया था. वह कुर्मी जाति से आते हैं. चौधरी का राजनीतिक करियर स्थानीय स्तर पर शुरू हुआ, जब उन्होंने 1989 से 1991 तक गोरखपुर में नगर निगम के सदस्य के रूप में काम किया. इस दौरान, उन्होंने एक साल तक नगर निगम के डिप्टी मेयर के रूप में काम किया. बाद में उन्हें गोरखपुर का डिप्टी मेयर नियुक्त किया गया.
ऐसे समय में जब बीजेपी 2027 के विधानसभा चुनावों की तैयारी में जुटी है, पंकज चौधरी की जिम्मेदारी बेहद अहम हो जाती है. हालांकि उनका राजनीतिक अनुभव लंबा रहा है, लेकिन संगठन की कमान संभालते ही उनके सामने कई बड़ी चुनौतियां खड़ी होंगी. चलिये नए यूपी बीजेपी अध्यक्ष के सामने खड़ी पांच बड़ी चुनौतियों पर नजर डालते हैं…
सरकार और संगठन के बीच कैसे बिठाएंगे तालमेल?
पंकज चौधरी के सामने पहली और सबसे बड़ी चुनौती पार्टी संगठन और योगी आदित्यनाथ सरकार के बीच बेहतर समन्वय स्थापित करने की होगी. 2024 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी को उम्मीद से कम सीटें मिलीं. पार्टी के आंतरिक आकलन में कार्यकर्ताओं के उत्साह की कमी और स्थानीय स्तर पर संवाद की कमी को बड़ा कारण माना गया. कई जिलों में बीजेपी नेताओं और कार्यकर्ताओं की शिकायत रही है कि प्रशासन उनकी समस्याओं पर ध्यान नहीं दे रहा. ऐसे में पंकज चौधरी को सरकार और संगठन के बीच सेतु बनना होगा.
क्षेत्रीय संतुलन बनाने में क्या चुनौती?
यूपी बीजेपी के नए अध्यक्ष पंकज चौधरी पूर्वांचल के गोरखपुर से आते हैं. वह इस पद पर भूपेंद्र चौधरी की जगह ले रहे हैं, जो पश्चिमी यूपी के जाट ओबीसी नेता थे. पश्चिमी यूपी में राष्ट्रीय लोकदल (RLD) का प्रभाव लगातार बढ़ रहा है और यह बीजेपी का सहयोगी दल भी है. ऐसे में पश्चिमी यूपी के नेताओं और कार्यकर्ताओं को साथ लेकर चलना और क्षेत्रीय असंतुलन की धारणा को खत्म करना पंकज चौधरी के लिए आसान नहीं होगा.
दो बड़ी परीक्षा कैसे करेंगे पास?
2027 के विधानसभा चुनाव पंकज चौधरी के नेतृत्व की असली परीक्षा होंगे. इससे पहले 2026 के पंचायत चुनाव भी हैं, जहां टिकट वितरण को लेकर असंतोष और बगावत की आशंका हमेशा रहती है. बड़ी संख्या में टिकट के दावेदारों को संतुष्ट रखना और पार्टी के भीतर एकजुटता बनाए रखना उनके लिए बड़ी चुनौती होगी. इसके साथ ही योगी सरकार के खिलाफ किसी भी संभावित एंटी-इंकम्बेंसी को संभालना भी उनकी जिम्मेदारी होगी.
कैसे पाटेंगे संगठनात्मक अनुभव की कमी?
पंकज चौधरी सात बार सांसद रह चुके हैं और करीब 35 वर्षों का संसदीय अनुभव रखते हैं, लेकिन संगठनात्मक स्तर पर उनका अनुभव सीमित रहा है. राज्य स्तर पर उन्होंने पहले कोई बड़ा संगठनात्मक पद नहीं संभाला. बीजेपी और आरएसएस के कई वरिष्ठ नेताओं की तरह उनका जमीनी संगठनात्मक नेटवर्क पूरे प्रदेश में मजबूत नहीं माना जाता. ऐसे में प्रदेश भर के कार्यकर्ताओं से सीधा जुड़ाव बनाना उनके लिए नई चुनौती होगी.
अखिलेश की पीडीए पॉलिटिक्स का कैसे करेंगे मुकाबला?
पंकज चौधरी कुर्मी समुदाय से आते हैं, जो यूपी की ओबीसी आबादी का अहम हिस्सा है. बीजेपी ने उन्हें अध्यक्ष बनाकर समाजवादी पार्टी की PDA (पिछड़ा-दलित-अल्पसंख्यक) राजनीति को चुनौती देने की रणनीति अपनाई है. लेकिन कुर्मी समुदाय का वोट कभी एकजुट होकर किसी एक पार्टी के पक्ष में नहीं रहा है. 2024 के लोकसभा चुनाव में इस समुदाय का बड़ा हिस्सा सपा-कांग्रेस गठबंधन की ओर गया था. ऐसे में ओबीसी वोट बैंक को फिर से बीजेपी के पक्ष में मोड़ना आसान नहीं होगा.
कुल मिलाकर, पंकज चौधरी का रास्ता आसान नहीं है. अनुभव और संगठनात्मक संतुलन, क्षेत्रीय समीकरण, चुनावी रणनीति और कार्यकर्ताओं में भरोसा – इन सभी मोर्चों पर उन्हें खुद को साबित करना होगा. आने वाले दो साल तय करेंगे कि वह इन चुनौतियों को कितनी मजबूती से संभाल पाते हैं.
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An accomplished digital Journalist with more than 13 years of experience in Journalism. Done Post Graduate in Journalism from Indian Institute of Mass Comunication, Delhi. After Working with PTI, NDTV and Aaj T...और पढ़ें
Location :
Lucknow,Uttar Pradesh
First Published :
December 14, 2025, 09:46 IST
पंकज चौधरी के लिए आसान नहीं आगे की राह, सामने खड़ी हैं ये 5 बड़ी चुनौतियां

5 hours ago
