प्रदूषण पर अब संसद में भी होगी चर्चा, सरकार बोली-कर लो बात

2 hours ago

Sansad LIVE Updates: सरकार ने लोकसभा में ‘सस्टेनेबल हार्नेसिंग ऑफ एटॉमिक एनर्जी फॉर ट्रांसफॉर्मिंग इंडिया (SHANTI) बिल’ पेश किया, जो चर्चा के बाद पास भी होने वाला है. इसके कुछ देर बाद केंद्रीय कृष‍ि मंत्री श‍िवराज सिंह चौहान ने ‘विकसित भारत–गारंटी फॉर रोजगार एंड आजीविका मिशन (ग्रामीण) यानी वीबी–जी राम जी बिल, 2025’ लोकसभा में पेश क‍िया. सरकार इसे आज ही पास कराना चाहती है. देर रात तक संसद चलाने को तैयार है. लेकिन व‍िपक्ष ने हंगामा कर दिया है. उनका कहना है क‍ि इस पर चर्चा के ल‍िए और वक्‍त चाह‍िए.

तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा ने बुधवार को लोकसभा में VB–G RAM G बिल का विरोध किया. उन्होंने कहा कि जब 2005 में मनरेगा (MGNREGA) लाई गई थी, तो इससे देश में लाखों लोगों को रोजगार मिला था. मोइत्रा ने उस बिल पर कड़ी आपत्ति जताई, जो मनरेगा की जगह लाने की कोशिश कर रहा है. उन्होंने कहा, “सरकार बिल का नाम क्यों बदल रही है, इसका कोई मतलब नहीं है. भगवान राम का नाम जोड़कर इसे साम्प्रदायिक रंग दिया जा रहा है. उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार ने पश्चिम बंगाल के लिए मनरेगा फंड पहले ही रोक रखा है और अब पूरे कानून को ही खत्म किया जा रहा है. हालांकि बिल की प्रति के मुताबिक, इसके तहत हर ग्रामीण परिवार को, जो अकुशल श्रम करने के लिए तैयार हो, हर वित्त वर्ष में 125 दिन के मजदूरी रोजगार की कानूनी गारंटी देने की बात कही गई है.

इस बीच खबर आ रही क‍ि एयर पॉल्यूशन के मुद्दे पर सरकार अब चर्चा के लिए तैयार हो गई है. सूत्रों के मुताबिक गुरुवार को लोकसभा में इस विषय पर चर्चा संभव है. जी राम जी बिल के पारित होने के बाद प्रदूषण के मुद्दे पर नियम 193 के तहत शॉर्ट टर्म डिस्कशन कराई जाएगी.विपक्ष लंबे समय से वायु प्रदूषण पर चर्चा की मांग कर रहा था, खासकर उत्तर भारत में बढ़ते प्रदूषण स्तर को लेकर. सरकार की सहमति के बाद सदन में इस गंभीर समस्या पर सीमित समय की बहस होगी, जिसमें सांसद अपने सवाल और सुझाव रखेंगे.

December 17, 202517:13 IST

आधी रात तक चलेगी संसद, लोकसभा में G RAM G पर होगी चर्चा

लोकसभा में आज G RAM G पर चर्चा कुछ ही देर में शुरू होने वाली है. इस महत्वपूर्ण मुद्दे पर सदन में 6 घंटे का समय तय किया गया है. चर्चा आधी रात तक चलेगी और इसमें विभिन्न दलों के सांसद अपने-अपने दृष्टिकोण पेश करेंगे. यह बहस सदन में गहन विचार-विमर्श और सवाल-जवाब का अवसर प्रदान करेगी. सांसदों के विचारों और सुझावों के आधार पर आगे की नीति और निर्णयों का मार्ग निर्धारित किया जाएगा. जनता के हित और प्रभाव को ध्यान में रखते हुए यह चर्चा काफी अहम मानी जा रही है.

December 17, 202520:17 IST

VB–G RAM G बिल मनरेगा का ही नया रूप: टीडीपी सांसद

लोकसभा में टीडीपी सांसद लावु श्रीकृष्ण देवरायलु ने कहा कि VB–G RAM G बिल दरअसल मनरेगा का ही एक और संस्करण है. उन्होंने कहा, 2005 से पहले भी इसे अलग-अलग नामों से जाना जाता था. जवाहर रोजगार योजना, जवाहर ग्राम समृद्धि योजना जैसी कई योजनाएं रही हैं. अब इसे VB–G RAM G बिल कहा जा रहा है. मूल रूप से यह वही बिल है, बस कुछ बदलाव किए गए हैं. देवरायलु ने यह भी कहा कि सरकार द्वारा काम के दिनों को 100 से बढ़ाकर 125 करना एक अच्छा कदम है.

December 17, 202520:16 IST

लोकसभा ने SHANTI बिल किया पारित, निजी भागीदारी के लिए खुलेगा परमाणु क्षेत्र

लोकसभा ने बुधवार को SHANTI बिल पारित कर दिया, जिससे परमाणु ऊर्जा क्षेत्र में निजी कंपनियों की भागीदारी का रास्ता खुलेगा. बिल पर चर्चा के दौरान केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि इससे भारत 2047 तक 100 गीगावॉट परमाणु ऊर्जा उत्पादन के लक्ष्य को हासिल कर सकेगा. विपक्ष के वॉकआउट के बीच यह बिल वॉयस वोट से पारित हुआ. Sustainable Harnessing and Advancement of Nuclear Energy for Transforming India (SHANTI) बिल को जितेंद्र सिंह ने “मील का पत्थर” बताया. उन्होंने कहा कि भारत की वैश्विक भूमिका बढ़ रही है और एक ग्लोबल प्लेयर बनने के लिए स्वच्छ ऊर्जा और अंतरराष्ट्रीय मानकों की जरूरत है. वहीं विपक्ष ने आरोप लगाया कि यह बिल न्यूक्लियर हादसे की जिम्मेदारी से जुड़ी 2010 के सिविल लायबिलिटी कानून के प्रावधानों को कमजोर करता है.

December 17, 202520:15 IST

VB–G RAM G बिल हिंदी थोपने की कोशिश: कनिमोझी

लोकसभा में VB–G RAM G बिल पर बोलते हुए डीएमके सांसद के. कनिमोझी ने कहा कि इस बिल का नाम ही परेशान करने वाला है. उन्होंने कहा, इस बिल का नाम पढ़ना ही खीझ पैदा करता है. यह गैर-हिंदी भाषी राज्यों पर हिंदी थोपने की कोशिश है. कनिमोझी ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार बार-बार किसी न किसी तरीके से क्षेत्रीय राज्यों पर हिंदी या संस्कृत थोपने का रास्ता निकालती है, जो संघीय ढांचे की भावना के खिलाफ है.

December 17, 202520:13 IST

‘ना किसी का साथ, ना किसी का विकास’: VB–G RAM G बिल पर महुआ मोइत्रा

तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा ने VB–G RAM G बिल पर निशाना साधते हुए कहा कि यह बिल न तो किसी के साथ है और न ही किसी के विकास के लिए. उन्होंने कहा, यह न राम के लिए है और न ही रहीम के लिए. महुआ मोइत्रा ने केंद्र सरकार से पश्चिम बंगाल के लिए मनरेगा (MGNREGA) के लंबित फंड तुरंत जारी करने की भी मांग की.

December 17, 202519:03 IST

प्रदूषण पर अब संसद में भी होगी चर्चा, सरकार बोली-कर लो बात

एयर पॉल्यूशन के मुद्दे पर सरकार अब चर्चा के लिए तैयार हो गई है. सूत्रों के मुताबिक गुरुवार को लोकसभा में इस विषय पर चर्चा संभव है. जी राम जी बिल के पारित होने के बाद प्रदूषण के मुद्दे पर नियम 193 के तहत शॉर्ट टर्म डिस्कशन कराई जाएगी.विपक्ष लंबे समय से वायु प्रदूषण पर चर्चा की मांग कर रहा था, खासकर उत्तर भारत में बढ़ते प्रदूषण स्तर को लेकर. सरकार की सहमति के बाद सदन में इस गंभीर समस्या पर सीमित समय की बहस होगी, जिसमें सांसद अपने सवाल और सुझाव रखेंगे.

December 17, 202518:26 IST

'भगवान राम का नाम जोड़कर इसे साम्प्रदायिक रंग दिया जा रहा', VB–G RAM G बिल पर महुआ मोइत्रा

तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा ने बुधवार को लोकसभा में VB–G RAM G बिल का विरोध किया. उन्होंने कहा कि जब 2005 में मनरेगा (MGNREGA) लाई गई थी, तो इससे देश में लाखों लोगों को रोजगार मिला था. मोइत्रा ने उस बिल पर कड़ी आपत्ति जताई, जो मनरेगा की जगह लाने की कोशिश कर रहा है. उन्होंने कहा, “सरकार बिल का नाम क्यों बदल रही है, इसका कोई मतलब नहीं है. भगवान राम का नाम जोड़कर इसे साम्प्रदायिक रंग दिया जा रहा है. उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार ने पश्चिम बंगाल के लिए मनरेगा फंड पहले ही रोक रखा है और अब पूरे कानून को ही खत्म किया जा रहा है. हालांकि बिल की प्रति के मुताबिक, इसके तहत हर ग्रामीण परिवार को, जो अकुशल श्रम करने के लिए तैयार हो, हर वित्त वर्ष में 125 दिन के मजदूरी रोजगार की कानूनी गारंटी देने की बात कही गई है.

December 17, 202517:01 IST

SHANTI बिल में बदलाव किया है, नया बिल नहीं: जितेंद्र सिंह

लोकसभा में SHANTI बिल पर चर्चा के दौरान परमाणु ऊर्जा विभाग के राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि यह बिल देश के विकास यात्रा को एक नया दिशा देगा. उन्होंने बताया कि बिल की धारा 9 लोगों को नवाचार और अनुसंधान करने की अनुमति देती है. इसके अलावा, एक अन्य धारा के तहत सरकार सुरक्षा कारणों से कुछ कंपनियों की भागीदारी को सीमित कर सकती है. डॉ. सिंह ने स्पष्ट किया, यह कोई नया बिल नहीं है, हमने केवल इसके कुछ पहलुओं में संशोधन किया है.

December 17, 202516:54 IST

'बिल को ठीक से पढ़े बिना ही इसका विरोध कर रहे', लोकसभा में SHANTI बिल पर चर्चा का जितेंद्र सिंह ने दिया जवाब

लोकसभा में SHANTI बिल पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए परमाणु ऊर्जा विभाग के राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि कई विपक्षी दल इस बिल को ठीक से पढ़े बिना ही इसका विरोध कर रहे हैं. उन्होंने कहा, वे सिर्फ विरोध के लिए विरोध कर रहे हैं. डॉ. सिंह ने कहा कि सरकार ने इस बिल को पूरी तरह से परिभाषित किया है और इसमें शामिल निजी पक्षों को अधिक अधिकार और स्वतंत्रता दी गई है. उन्होंने दावा किया कि यह बिल सुरक्षा, संरक्षा, सेफगार्ड्स, गुणवत्ता आश्वासन और आपातकालीन तैयारियों से जुड़े तंत्र को और मजबूत करता है.

December 17, 202516:35 IST

सपा ने SHANTI बिल का विरोध किया, नाम को बताया भ्रामक

समाजवादी पार्टी के सांसद पुष्पेंद्र सरोज ने बुधवार को लोकसभा में SHANTI बिल का विरोध करते हुए कहा कि सबसे पहले तो इस बिल का नाम ही भ्रामक है. उन्होंने कहा, हमें 1984 की भोपाल गैस त्रासदी आज भी याद है और यह SHANTI बिल उसी त्रासदी में जो गलत हुआ था, उसे सही ठहराने जैसा है. सरोज ने कहा कि परमाणु ऊर्जा का इस्तेमाल कभी भी देश और जनता की सुरक्षा को दांव पर रखकर नहीं किया जाना चाहिए और यह बिल हमारे देश के मूल सिद्धांतों के खिलाफ है. उन्होंने यह भी कहा कि भारत के पास परमाणु कचरे के निपटान के लिए पर्याप्त संसाधन नहीं हैं. उन्होंने सवाल उठाया, सरकार वायु प्रदूषण पर चर्चा नहीं करना चाहती, लेकिन परमाणु प्रदूषण की बात कर रही है, यह कैसे संभव है?

December 17, 202516:34 IST

बिल को स्टैंडिंग कमेटी को भेजा जाए, ‘बिल पर बिल’ लाने का आरोप: संजय यादव

आरजेडी सांसद संजय यादव ने बिल का विरोध करते हुए सदन से मांग की कि इसे संसद की स्थायी समिति (स्टैंडिंग कमेटी) को भेजा जाए. उन्होंने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, “सरकार लगातार बिल पर बिल लेकर आ रही है. इन बिलों का भी बीमा होना चाहिए. संजय यादव ने कहा कि हर बिल के लिए साफ मानक और पैमाने होने चाहिए, ताकि बाद में यह जांचा जा सके कि सरकार जो दावे कर रही है, वे सही साबित हुए या नहीं. उन्होंने यह भी कहा कि अगर बीमा सिर्फ क्रेडिट कार्ड तक सीमित है, तो उसे सबके लिए बीमा नहीं कहा जा सकता.

December 17, 202516:07 IST

बिल काले धन के लिए परोक्ष रास्ता खोलेगा: डीएमके सांसद

डीएमके सांसद डॉ. कन्निमोझी एनवीएन सौमू ने बिल का विरोध करते हुए कहा कि इसके तहत अहम फैसले विदेशी बोर्डों द्वारा लिए जाएंगे, जिनमें यह तय करना भी शामिल होगा कि भारत में बीमा प्रीमियम क्या होंगे. उन्होंने कहा, यह बिल काले धन को परोक्ष रूप से देश में आने का रास्ता खोलेगा. सौमू ने राज्य स्वायत्तता का मुद्दा उठाते हुए कहा कि यह बिल पूंजीकृत सहकारी बीमा की अनिवार्यता खत्म कर देता है, जिससे उन्हें बाजार में प्रतिस्पर्धा का कोई मौका नहीं मिलेगा. उन्होंने एलआईसी (LIC) और उसके भविष्य को लेकर भी सवाल उठाए और कहा कि अगर यह बिल पास हुआ तो सार्वजनिक क्षेत्र को कमजोर कर देगा. डॉ. सौमू ने तंज कसते हुए कहा, यह सबका बीमा नहीं, बल्कि सबका बकवास है.

December 17, 202516:00 IST

बिल से कानून का खालीपन पैदा होता है: अब्दुस्समद समदानी

आईयूएमएल के सांसद एम. पी. अब्दुस्समद समदानी ने SHANTI बिल पर बोलते हुए जे. रॉबर्ट ओपेनहाइमर का हवाला दिया और कहा कि यह बिल एक तरह का कानूनी खालीपन (स्टैच्यूटरी वैक्यूम) छोड़ देता है, क्योंकि इसमें एक वास्तव में स्वतंत्र परमाणु सुरक्षा नियामक बनाने का प्रावधान नहीं है.उन्होंने कहा कि इतने संवेदनशील क्षेत्र को कॉरपोरेट हाथों में सौंपने से रेगुलेटरी कैप्चर का खतरा बढ़ता है और देश का संप्रभु नियंत्रण कमजोर हो सकता है.समदानी ने कहा कि परमाणु आपदाएं किसी कंपनी के मुनाफे या बैलेंस शीट को नहीं देखतीं. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि यह बिल लंबे समय तक रेडियोधर्मी कचरे के प्रबंधन जैसे गंभीर मुद्दे पर चुप्पी साधे हुए है.

December 17, 202516:00 IST

बीमा बिल पूंजी मजबूत करता है, जवाबदेही नहीं: साकेत गोखले

राज्यसभा में ‘सबका बीमा, सबकी रक्षा’ बिल का विरोध करते हुए तृणमूल कांग्रेस के सांसद साकेत गोखले ने कहा कि बीमा को सामाजिक सुरक्षा योजना के रूप में देखा जाना चाहिए, जिसमें पॉलिसीधारकों के प्रति फिड्युशियरी (न्यासी) जिम्मेदारी हो, न कि सिर्फ शेयरधारकों के हितों पर जोर. उन्होंने कहा कि दुर्भाग्य से यह बिल इस नजरिए को नहीं अपनाता. गोखले ने आरोप लगाया कि यह बिल पूंजी को मजबूत करने पर केंद्रित है, लेकिन जवाबदेही को नजरअंदाज करता है. उन्होंने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पर भी तंज कसते हुए कहा कि जिस बिल को उन्होंने पेश किया, उस पर चर्चा के दौरान वे सदन से चली गईं. यह बिल एक दिन पहले ही लोकसभा से पारित हो चुका था.

December 17, 202515:59 IST

यह SHANTI नहीं, ‘अशांति’ बिल है: वामसी कृष्णा गड्डम

कांग्रेस सांसद वामसी कृष्णा गड्डम ने कहा कि मौजूदा बिल को SHANTI नहीं बल्कि “अशांति बिल” कहा जाना चाहिए. उन्होंने सवाल उठाया कि जब सरकार परमाणु से जुड़े ऐसे बिल ला रही है, जिनमें सप्लायर की जिम्मेदारी (लायबिलिटी) हटाई जा रही है, तो अगर परमाणु क्षेत्र में कोई हादसा होता है तो उसकी जिम्मेदारी कौन लेगा. गड्डम ने कहा कि इस बिल में सबसे “खतरनाक बदलाव” सिविल लायबिलिटी कानून में किया गया है. उन्होंने चेतावनी दी कि अगर हर प्रावधान को कमजोर किया जाएगा और सिविल लायबिलिटी भी खत्म की जाएगी, तो परमाणु खतरे को सरकार की मंशा से कोई फर्क नहीं पड़ेगा—हादसे का असर तो उतना ही विनाशकारी होगा.

December 17, 202515:35 IST

‘सबका बीमा, सबकी रक्षा’ बिल को सेलेक्ट कमेटी को भेजा जाए: कांग्रेस सांसद

राज्यसभा में ‘सबका बीमा, सबकी रक्षा’ बिल का विरोध करते हुए कांग्रेस सांसद शक्तिसिंह गोहिल ने मांग की कि इस बिल को संसद की सेलेक्ट कमेटी के पास भेजा जाए. उन्होंने कहा कि इतने अहम बिल पर जल्दबाजी नहीं होनी चाहिए और इसके हर प्रावधान की गहराई से जांच जरूरी है.सेलेक्ट कमेटी एक अस्थायी, खास उद्देश्य के लिए बनाई जाने वाली संसदीय समिति होती है, जिसमें अलग-अलग दलों के सांसद शामिल होते हैं. इसका काम किसी खास बिल की बारीकी से जांच करना, उस पर सुझाव देना और कमियों को सामने लाना होता है, ताकि कानून बेहतर और संतुलित बन सके.

December 17, 202515:34 IST

मजबूत आरएंडडी से भारत ने परमाणु तकनीक में आत्मनिर्भरता हासिल की: रवींद्र नारायण बेहेरा

SHANTI बिल पर बोलते हुए बीजेपी सांसद डॉ. रवींद्र नारायण बेहेरा ने कहा कि मजबूत रिसर्च और डेवलपमेंट (R&D) की वजह से भारत ने परमाणु तकनीक में आत्मनिर्भरता हासिल की है और देश ने अपना परमाणु कार्यक्रम हमेशा जिम्मेदारी के साथ चलाया है. उन्होंने कहा कि आने वाले समय में बिजली की मांग बढ़ने वाली है, ऐसे में यह बिल बेहद अहम है. डॉ. बेहेरा ने कहा, “यह बिल निश्चित तौर पर ‘नए भारत’ के निर्माण में मदद करेगा.

December 17, 202515:33 IST

‘दलबदल विरोधी कानून को क्यों नहीं हटाया गया?’: देव

तृणमूल कांग्रेस की सांसद सुष्मिता देव ने सवाल उठाया कि इस बिल के तहत जिन कानूनों को रद्द करने की बात की जा रही है, उनमें दलबदल विरोधी कानून को क्यों शामिल नहीं किया गया. उन्होंने कहा, स्पीकर को सांसदों को अयोग्य ठहराने की जो शक्तियां मिली हैं, उन्हें क्यों नहीं सीमित किया जाता? इन शक्तियों का दुरुपयोग हो रहा है और इससे हॉर्स ट्रेडिंग को बढ़ावा मिल रहा है.

December 17, 202515:31 IST

लाइसेंस और जिम्मेदारी से छूट देने की शक्ति ‘पिछला दरवाज़ा’ खोलती है: शशि थरूर

कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा कि इस बिल में एक ऐसा प्रावधान है, जिसके तहत केंद्र सरकार किसी भी संयंत्र को लाइसेंस या जिम्मेदारी (लायबिलिटी) से यह कहकर छूट दे सकती है कि जोखिम नगण्य है. उन्होंने इसे बेहद खतरनाक बताया. थरूर ने कहा कि यह प्रावधान पूरे नियामक ढांचे में “पिछला दरवाज़ा” खोल देता है, क्योंकि सरकार अगर सुविधाजनक समझे तो किसी भी सुविधा या प्लांट को निगरानी और जवाबदेही से बाहर कर सकती है. उनके मुताबिक, इससे कानून की मूल भावना ही कमजोर हो जाती है.

December 17, 202515:30 IST

विपक्षी सदस्यों ने SHANTI बिल का विरोध किया

तृणमूल कांग्रेस के सांसद डॉ. सौगत राय ने SHANTI बिल का विरोध करते हुए कहा कि यह बिल भारत में बड़े कॉरपोरेट खिलाड़ियों को परमाणु ऊर्जा क्षेत्र में प्रवेश देने का रास्ता खोलता है.वहीं डीएमके सांसद अरुण नेहरू ने बिल के नाम को ही विरोधाभासी (ऑक्सीमोरॉन) बताया. उन्होंने कहा कि परमाणु ऊर्जा बेहद शक्तिशाली और संवेदनशील क्षेत्र है, ऐसे में उसका नाम “शांति” से जोड़ना ही गलत है. अरुण नेहरू ने ऊर्जा जैसे संवेदनशील क्षेत्रों में निजी क्षेत्र को अनुमति देने के नुकसान गिनाए. उन्होंने कहा कि ऊर्जा क्षेत्र में पहले भी गंभीर हादसे हो चुके हैं और निजीकरण के बाद लागत बढ़ी है. इसी तरह वित्त क्षेत्र में कॉरपोरेट कंपनियों के कर्ज माफ करने (राइट-ऑफ) के मामले बढ़े हैं. उन्होंने यह भी कहा कि खाद्य और कृषि क्षेत्र में निजी कंपनियों की भूमिका के कारण उर्वरकों की कमी जैसी समस्याएं सामने आई हैं. परमाणु ऊर्जा के संदर्भ में उन्होंने चेर्नोबिल और फुकुशिमा जैसी त्रासदियों का जिक्र किया और बताया कि फुकुशिमा एक निजी परियोजना थी.हालांकि, उन्होंने यह भी माना कि निजी क्षेत्र के कुछ फायदे हो सकते हैं, लेकिन उन्होंने जोर देकर कहा कि मुनाफे की सोच कई अहम क्षेत्रों में जनहित के लिए मददगार साबित नहीं हुई है.

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