Last Updated:December 15, 2025, 09:04 IST
Prashant Kishor Priyanka Gandhi Meeting: प्रशांत किशोर की कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा के साथ यह मुलाकात ऐसे समय हुई है, जब बिहार चुनाव में जन सुराज पार्टी और कांग्रेस का प्रदर्शन बेहद निराशाजनक रहा. पार्टी 238 सीटों पर लड़ी थी, लेकिन एक भी सीट नहीं जीत सकी और 236 उम्मीदवारों की जमानत ज़ब्त हो गई. वहीं कांग्रेस का प्रदर्शन भी कमजोर रहा और पार्टी 61 सीटों में से सिर्फ 6 पर सिमट गई. ऐसे में प्रशांत किशोर की यह मुलाकात राजनीतिक तौर पर कई सवाल खड़े कर रही है.
प्रशांत किशोर की कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा से हुई सीक्रेट मुलाकात खूब चर्चा में है. (फाइल फोटो)बिहार विधानसभा चुनाव में करारी हार और जन सुराज पार्टी के लगभग सभी उम्मीदवारों की जमानत ज़ब्त होने के बाद चुनावी रणनीतिकार से नेता बने प्रशांत किशोर एक बार फिर सियासी गलियारों में चर्चा का विषय हैं. इस बार वजह है उनकी कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा से हुई सीक्रेट मुलाकात. सूत्रों के मुताबिक, यह बैठक करीब दो घंटे तक चली, हालांकि दोनों पक्षों ने इसकी अहमियत को कम करके दिखाने की कोशिश की है.
यह मुलाकात ऐसे समय हुई है जब बिहार चुनाव में जन सुराज पार्टी का प्रदर्शन बेहद निराशाजनक रहा. पार्टी 238 सीटों पर लड़ी थी, लेकिन एक भी सीट नहीं जीत सकी और 236 उम्मीदवारों की जमानत ज़ब्त हो गई. वहीं कांग्रेस का प्रदर्शन भी कमजोर रहा और पार्टी 61 सीटों में से सिर्फ 6 पर सिमट गई. ऐसे में प्रशांत किशोर की यह मुलाकात राजनीतिक तौर पर कई सवाल खड़े कर रही है.
क्यों कांग्रेस से दूर हो गए प्रशांत किशोर?
प्रशांत किशोर और गांधी परिवार के रिश्ते नए नहीं हैं. 2021 में जेडीयू से अलग होने के बाद किशोर ने कांग्रेस नेतृत्व के सामने पार्टी को पुनर्जीवित करने का एक ब्लूप्रिंट रखा था. अप्रैल 2022 में सोनिया गांधी के आवास पर हुई अहम बैठक में राहुल गांधी और प्रियंका गांधी भी मौजूद थे. उस समय किशोर कांग्रेस में शामिल होने को तैयार थे, लेकिन पार्टी ने उन्हें ‘एम्पावर्ड एक्शन ग्रुप’ का हिस्सा बनने का प्रस्ताव दिया.
हालांकि यहीं से बात बिगड़ गई. किशोर ने सीमित भूमिका स्वीकार करने से इनकार कर दिया और खुलकर कहा कि कांग्रेस को व्यक्ति नहीं, बल्कि नेतृत्व और संरचनात्मक सुधारों की ज़रूरत है. इसके बाद दोनों के रास्ते अलग हो गए और किशोर कांग्रेस के मुखर आलोचक बनते चले गए.
दिलचस्प यह है कि बिहार चुनाव प्रचार के दौरान प्रशांत किशोर ने न सिर्फ कांग्रेस बल्कि राहुल गांधी की ‘वोट चोरी’ और एसआईआर जैसे मुद्दों को भी चुनावी मुद्दा मानने से इनकार किया था. लेकिन चुनावी नतीजों के बाद उनकी प्रियंका गांधी से मुलाकात ने यह संकेत दिया है कि राजनीतिक संवाद के दरवाज़े पूरी तरह बंद नहीं हुए हैं.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से बताया गया कि, इस बैठक में बिहार की राजनीति, विपक्ष की रणनीति और भविष्य की संभावनाओं पर चर्चा हुई. हालांकि, यह साफ नहीं है कि बात किसी औपचारिक राजनीतिक सहयोग तक पहुंचेगी या नहीं.
क्या फिर करीब आएंगे कांग्रेस और किशोर?
फिलहाल कांग्रेस और प्रशांत किशोर, दोनों ही खेमे यह कह रहे हैं कि यह केवल एक शिष्टाचार भेंट थी. लेकिन राजनीति में संयोग कम और संकेत ज़्यादा मायने रखते हैं. बिहार में बुरी तरह विफल रहने के बाद प्रशांत किशोर का प्रियंका गांधी से मिलना यह जरूर दिखाता है कि वह अपने राजनीतिक विकल्पों पर नए सिरे से विचार कर रहे हैं.
अब बड़ा सवाल यही है कि क्या यह मुलाकात महज़ बातचीत तक सीमित रहेगी या आने वाले समय में कांग्रेस और प्रशांत किशोर के रिश्तों में कोई नया मोड़ देखने को मिलेगा. फिलहाल, सियासी गलियारों में अटकलों का दौर तेज़ है और सबकी निगाहें अगले कदम पर टिकी हैं.
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An accomplished digital Journalist with more than 13 years of experience in Journalism. Done Post Graduate in Journalism from Indian Institute of Mass Comunication, Delhi. After Working with PTI, NDTV and Aaj T...और पढ़ें
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New Delhi,Delhi
First Published :
December 15, 2025, 09:01 IST

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