Philippines jails former mayor of Bamban Alice Leal Guo: घुसपैठ की समस्या से सिर्फ हम हिंदुस्तानी ही पीड़ित नहीं है. कहीं कम तो कहीं ज्यादा, दुनिया के तमाम देशों में ऐसे ही हालात हैं. भारत में बांग्लादेशी और रोहिंग्या भारी तादाद में घुसपैठिया बनकर छिपे हैं तो फिलीपींस का दावा है कि चीन अपने जासूसों को प्लांट करवाकर साजिश रच रहा है. फर्जी आधार कार्ड और वोटर आईकार्ड बनवाकर नागरिकता हासिल करने के एक मामले में फिलीपींस की कोर्ट ने बमबन सिटी की पूर्व मेयर एलिस गुओ को फर्जी नागरिकता रखने समेत कई आरोपों का दोषी पाते हुए जेल भेजा है. इस गिरफ्तारी के बाद सवाल उठ रहे हैं कि क्या शी जिनपिंग की खुफिया जासूस फिलीपींस के एक शहर की मेयर बन गई थी.
कैसे मेयर बन गई चीन की एलिस?
फिलीपींस की अदालत ने बमबन की पूर्व मेयर को मानव तस्करी के आरोप में दोषी ठहराते हुए चीनी नागरिक करार दिया है. एलिस पर उत्तरी प्रांत में एक अवैध ऑनलाइन गेमिंग कॉम्प्लेक्स बनवाने में सहयोग करने का आरोप लगा, जहां सैकड़ों चीनी और अन्य विदेशी नागरिकों को घोटाले करने के लिए मजबूर किया गया था. मनीला के पासिग शहर की क्षेत्रीय ट्रायल कोर्ट ने एलिस गुओ समेत सात अन्य फिलिपिनो और चीनी सह-अभियुक्तों के साथ आजीवन कैद की सजा सुनाते हुए 20 लाख पेसो यानी करीब 30 लाख रुपये (प्रत्येक) का जुर्माना लगाते हुए मानव तस्करी पीड़ित परिवारों को मुआवजा देने का आदेश दिया है.
एलिस का इनकार
हालांकि गुओ ने अपने खिलाफ सभी आरोपों से इनकार किया और कहा कि वो चीनी नहीं फिलिपिनो नागरिक हैं. फिलीपींस सरकार का कहना है कि बीते कुछ सालों में दक्षिण पूर्व एशिया खासकर कंबोडिया, लाओस और म्यांमार के सीमावर्ती इलाकों में बड़े पैमाने पर ऑनलाइन स्कैम सेंटर फल-फूल रहे हैं. वहां चीन समेत कई देश के लोगों को झूठे जाल में फंसाकर उनका शोषण किया जा रहा है. संयुक्त राष्ट्र ने अनुमान लगाया है कि लाखों लोग कुछ गैंग्स की आभासी गुलामी में फंस गए हैं. पीड़ितों को झूठी प्रेम कहानियों, फर्जी निवेश प्रस्तावों और गैंबलिंग से मुनाफे के नाम पर बुलाकर उनका आर्थिक शोषण किया जा रहा है. फिलीपींस के आस-पास भी मानव तस्करी हो रही है. फर्जी कागजों के जरिए अवैध अप्रवासी लोग अपने दस्तावेज बनवाकर खुद को फिलीपींस का मूल निवासी बता रहे हैं.

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