फायर चींटियों के डंक से गई 2 साल की बच्ची की जान, माता-पिता ने अस्पताल पर ठोका केस, जानें मामला

1 week ago

Dangerous fire ants in America: सोचिए, एक नन्ही सी चींटी किसी की जान ले सकती है. सुनने में अजीब लगे, लेकिन अमेरिका में एक ऐसी ही घटना ने सबको हैरान कर दिया. जॉर्जिया में रहने वाली 2 साल की मासूम बच्ची माया गेटाहुन की मौत फायर चींटियों के काटने से हुई एलर्जी के कारण हो गई. बच्ची अपने घर के बाहर खेल रही थी तभी इन खतरनाक चींटियों ने उस पर हमला कर दिया. हालात बिगड़ने पर परिजन उसे तुरंत अस्पताल लेकर पहुंचे, लेकिन समय पर इलाज न मिलने की वजह से उसकी जान नहीं बचाई जा सकी. अब इस मामले ने गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं.

अस्पताल की लापरवाही पर उठे सवाल

माया के माता-पिता बेथेलहेम गेटू हंडी और गेटहुन बिरहानु ने स्नेलविले स्थित पीडमोंट ईस्टसाइड मेडिकल सेंटर पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए मुकदमा दायर किया है. उनका दावा है कि अस्पताल स्टाफ ने जीवन रक्षक दवा एपिनेफ्रीन देने में 20 मिनट से ज्यादा देर कर दी. जबकि इस दवा को तुरंत देने की सख्त जरूरत थी, जिससे माया की जान बचाई जा सकती थी. हालांकि, यह मामला 7 अक्टूबर 2024 को हुआ था.

वकीलों द्वारा दायर मुकदमे में कहा गया है कि स्टाफ को पता था कि माया को एनाफिलैक्सिस (एलर्जी की गंभीर अवस्था) हो रही है फिर भी उन्होंने इलाज में देरी की. साथ ही माया का इलाज कर रही डॉक्टर पर यह आरोप भी लगा कि उन्हें पता ही नहीं था कि अस्पताल में उस समय ज़रूरी उपकरण मौजूद नहीं थे.

माता-पिता ने मांगा हर्जाना

माया के माता-पिता ने यह भी कहा कि उन्होंने अपनी बेटी को ऑक्सीजन की कमी से धीरे-धीरे मरते देखा और कुछ नहीं कर सके. वे अदालत से 10,000 डॉलर हर्जाना और जूरी ट्रायल की मांग कर रहे हैं.

क्या होती हैं फायर चींटियां और क्यों हैं खतरनाक?

फायर चींटियां दिखने में बेहद छोटी होती हैं लेकिन इनका डंक बेहद तेज जलन और दर्द देता है. डंक मारते वक्त ये सोलेनोप्सिन नामक ज़हर छोड़ती हैं जिससे खुजली, जलन और सफेद फुंसी हो सकती है. जिन लोगों को एलर्जी होती है, उनके लिए ये डंक जानलेवा हो सकता है. ये चींटियां एक बार में कई बार डंक मार सकती हैं और अक्सर झुंड में हमला करती हैं. ये दक्षिण अमेरिका की मूल निवासी हैं और 1930 के दशक में गलती से अमेरिका पहुंच गईं. आज ये अमेरिका में लाखों लोगों को सालाना डंक मारती हैं और एक आक्रामक प्रजाति मानी जाती हैं.

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