Last Updated:December 21, 2025, 11:44 IST
Dipu Chandra Das Mob Lynching: युवा नेता शरीफ उस्मान हादी की हत्या के बाद बांग्लादेश में हालात फिर से बेकाबू हो चुके हैं. राजधानी ढाका समेत देश के अन्य हिस्सों में हिंसा हो रही है. हत्या, लूट और आगजानी आम बात हो चुकी है. उन्मादी कट्टरपंथियों ने एक बार फिर से अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों को निशाना बनाना शुरू कर दयिा है.
Dipu Chandra Das Mob Lynching: बांग्लादेश में हिन्दू युवक दीपू चंद्र दास की हत्या मामले में स्थानीय पुलिस ने बड़ा खुलासा किया है. (फाइल फोटो) Dipu Chandra Das Mob Lynching: बांग्लादेश में एक बार फिर से कट्टरपंथियों का कब्जा सा हो गया है. हत्या, लूटपाट और आगजनी की घटनाएं आम हो गई हैं. अल्पसंख्यक समुदाय एक बार फिर से कट्टरपंथी उपद्रवियों के निशाने पर है. युवा नेता शरीफ उस्मान हादी की हत के बाद भीड़ उन्मादी हो चुकी है. हिन्दू युवक दीपू चंद्र दास को उपद्रवियों की ऐसी ही भीड़ ने पीट-पीट कर मार डाला. दीपू पर ईशनिंदा का आरोप लगाया गया था. अब इस मामले में पुलिस ने चौंकाने वाला खुलासा किया है. इस सिलसिले में बांग्लादेशी अधिकारियों ने जानकारी दी है कि इस बात का कोई सीधा सबूत नहीं है कि बांग्लादेश के मैमनसिंह में जिस हिंदू युवक की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई थी, उसने धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाली कोई अपमानजनक बात कही थी.
बांग्लादेश में इकबाल मंच के प्रवक्ता शरीफ उस्मान हादी की मौत के बाद से हिंसा और आगजनी की तस्वीरें सामने आई हैं. इस बीच बांग्लादेश में नृशंस हत्या का एक मामला सामने आया था. बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदू युवक दीपू चंद्र दास की भीड़ ने पीट-पीटकर हत्या कर दी थी. दीपू चंद्र दास को उनकी फैक्ट्री में एक मुस्लिम सहकर्मी ने ईशनिंदा का आरोप लगाकर मॉब लिंचिंग में बेरहमी से मार डाला था. 18 दिसंबर की रात को भीड़ ने दीपू को मार डाला और फिर इस्लाम का अपमान करने के आरोप में उसके शव को पेड़ से लटकाकर आग लगा दी.
क्या बोले बांग्लादेशी अफसर?
मैमनसिंह में आरएबी-14 के कंपनी कमांडर, एमडी समसुज्जमां ने बांग्लादेशी अखबार ‘द डेली स्टार’ को बताया कि ऐसा कोई सबूत नहीं मिला जिससे पता चले कि मृतक ने फेसबुक पर ऐसा कुछ लिखा हो जिससे धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंची हो. उन्होंने यह भी बताया कि न तो स्थानीय लोग और न ही गारमेंट फैक्ट्री के श्रमिक ऐसी किसी गतिविधि की ओर इशारा कर पाए. कंपनी कमांडर समसुज्जमां ने द डेली स्टार को बताया, ‘अब हर कोई कह रहा है कि उन्होंने खुद दीपू को ऐसा कुछ कहते नहीं सुना. ऐसा कोई नहीं मिला जिसने दावा किया हो कि उन्होंने खुद धर्म को ठेस पहुंचाते हुए कुछ सुना या देखा हो. जब हालात बिगड़े, तो फैक्ट्री को बचाने के लिए उन्हें जबरदस्ती फैक्ट्री से बाहर निकाल दिया गया.’
अभी तक कितनी गिरफ्तारी?
अधिकारी ने बताया कि वीडियो वायरल होने के बाद इस घटना के सिलसिले में शुरू में दो लोगों को हिरासत में लिया गया था और बाद में पूछताछ के आधार पर पांच और लोगों को हिरासत में लिया गया. इसके अलावा, मैमनसिंह के एएसपी मोहम्मद अब्दुल्ला अल मामून ने कहा कि पुलिस तीन और लोगों को हिरासत में लेकर उनसे पूछताछ कर रही है. इस बीच, कोएलिशन ऑफ हिंदूज ऑफ नॉर्थ अमेरिका (कोएचएनए) ने दास की बेरहमी से हत्या के बाद बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा पर अंतर्राष्ट्रीय मीडिया और समुदाय की चुप्पी पर गहरी चिंता जताई. इस संगठन ने इस बेरहम घटना की निंदा की, और चेतावनी दी कि बांग्लादेश बर्बरता की हालत में जा रहा है, जिसका खामियाजा हिंदुओं को भुगतना पड़ रहा है.
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बिहार, उत्तर प्रदेश और दिल्ली से प्रारंभिक के साथ उच्च शिक्षा हासिल की. झांसी से ग्रैजुएशन करने के बाद दिल्ली यूनिवर्सिटी से पत्रकारिता में PG डिप्लोमा किया. Hindustan Times ग्रुप से प्रोफेशनल कॅरियर की शु...और पढ़ें
First Published :
December 21, 2025, 11:44 IST

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