फूलों की बारिश, नम आंखें! सेना-IAF को मिली नई लीडरशिप- PHOTOS

1 hour ago

Last Updated:December 13, 2025, 23:46 IST

Passing Out Parade Photos: देहरादून के IMA और हैदराबाद की एयर फोर्स एकेडमी में पासिंग आउट और ग्रेजुएशन परेड ने देश को नई सैन्य लीडरशिप दी. हेलीकॉप्टरों से फूलों की बारिश, माता-पिता की नम आंखें और कैडेट्स का जुनून... सेना और वायुसेना में शामिल हुए 525 नए अफसर. (सभी फोटो PTI)

देहरादून की वादियों में शनिवार को गर्व, अनुशासन और भावनाओं का संगम दिखा. इंडियन मिलिट्री एकेडमी के ऐतिहासिक चेतवुड ड्रिल स्क्वायर पर जब 525 कैडेट्स ने आखिरी कदम बढ़ाया, तो माता-पिता की आंखें नम थीं और सीना गर्व से चौड़ा.

IMA की पासिंग आउट परेड में 491 भारतीय और 14 मित्र देशों के 34 विदेशी कैडेट्स शामिल हुए. सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने परेड की सलामी ली. जैसे ही परेड खत्म हुई, आसमान से हेलीकॉप्टरों ने फूल बरसाए. कैडेट्स के लिए यह पल जिंदगी भर याद रहने वाला था.

कठोर ट्रेनिंग में टॉप करने वाले कैडेट्स को सम्मान भी मिला. ACA निश्कल द्विवेदी को स्वॉर्ड ऑफ ऑनर और गोल्ड मेडल, BUO बादल यादव को सिल्वर और SUO कमलजीत सिंह को ब्रॉन्ज मेडल दिया गया. हर नाम के पीछे सालों की मेहनत छिपी थी.

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सेना प्रमुख ने नए अफसरों से कहा कि सेना में शामिल होना सिर्फ नौकरी नहीं, बल्कि आजीवन कर्तव्य है. उन्होंने अनुशासन, नेतृत्व और साहस की तारीफ करते हुए कहा कि देश आपसे निष्ठा और सम्मान की उम्मीद करता है.

इसी दिन हैदराबाद के दुंडीगल स्थित एयर फोर्स एकेडमी में भारतीय वायुसेना की कंबाइंड ग्रेजुएशन परेड हुई. CDS जनरल अनिल चौहान ने सलामी ली. फ्लाइट कैडेट्स के चेहरे पर आत्मविश्वास और आंखों में आसमान छूने के सपने थे.

CDS जनरल चौहान ने कैडेट्स को सख्त संदेश दिया, 'युद्ध में कोई रनर-अप नहीं होता.' उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर का जिक्र करते हुए कहा कि सतर्कता और तैयारी ही नई सामान्य स्थिति है. जीत को आदत बनाना ही असली लक्ष्य होना चाहिए.

IMA और AFA दोनों परिसरों में परिवारों के लिए यह गर्व और विदाई का पल था. बेटे-बेटियां अब अफसर बन चुके थे. सेना और वायुसेना को नई लीडरशिप मिल गई है. यह लीडरशिप आने वाले वक्त में देश की सीमाओं और आसमान की हिफाजत करेगी.

पासिंग आउट परेड के दौरान जब कैडेट्स ने अंतिम सलामी दी, तो स्टैंड्स में बैठे माता-पिता अपने आंसू नहीं रोक पाए. वर्षों की तपस्या, इंतजार और त्याग उस एक पल में साकार हो गया. कैमरों में कैद हर मुस्कान देश की ताकत की कहानी कह रही थी.

विदेशी कैडेट्स की मौजूदगी ने समारोह को अंतरराष्ट्रीय रंग दिया. बांग्लादेश, वियतनाम सहित मित्र देशों के कैडेट्स ने भारत में मिली ट्रेनिंग को गर्व का अनुभव बताया. यह परेड सिर्फ कमीशन नहीं, बल्कि वैश्विक सैन्य विश्वास का भी प्रतीक बनी.

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First Published :

December 13, 2025, 23:46 IST

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