Last Updated:April 11, 2025, 15:23 IST
रामनवमी के जुलूस के बवाल के बीच एक बस से भगवा झंडा उतरवाने का वीडियो वायरल हो रहा है. राज्य की पुलिस भले ही इस घटना से इनकार कर रही हो, लेकिन बीजेपी इसे हिंदू वोटों को एकजुट करने के मुद्दे के रूप में इस्तेमाल क...और पढ़ें

पश्चिम बंगाल में होने वाले विधान सभा चुनाव को देखते हुए टीएमसी और बीजेपी कोई भी मुद्दा छोड़ना नहीं चाहती.
पश्चिम बंगाल के हालिया घटनाक्रम वहां होने वाले चुनावों के मुद्दे तय करते दिख रहे हैं. राज्य में विधानसभा चुनाव अगले साल 2026 में होने हैं. दोनों ओर से हर मसले पर बराबर जोर लगाया जा रहा है. इसी बीच रामनवमी के एक जुलूस में शामिल बस से भगवा झंडा उतरवाने के वायरल वीडियो ने राज्य में चल रही तनातनी को और हवा दे दी है. इसे साझा किया है प्रदेश बीजेपी के अध्यक्ष डॉक्टर सुकांता मुखर्जी ने. पश्चिम बंगाल में नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी ने वीडियो के बाद गंभीर चिंता जताई है. बीजेपी नेता का वीडियो साझा करना और उसी पार्टी के नेता का बयान इतना संजीदा नहीं है जितना रामनवमी के जुलूस में दूसरे समुदाय के लोगों का एक समुदाय के बस से भगवा झंडा हटवाना. राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पहले भी दुर्गापूजा पंडालों को मदद देकर हिंदू समुदाय को जीतने की कोशिश कर चुकी हैं. लेकिन वे मुस्लिम वोटों को भी छोड़ना नहीं चाहतीं. शायद यही वजह है कि राज्य की पुलिस ने वीडियो वाली घटना को खारिज कर दिया है. पुलिस ने कहा है कि भगवा झंडा उतरवाने की कोई घटना नहीं हुई है.
दोनों ओर के दावे पर विचार करने से पहले समझ लेते हैं कि पश्चिम बंगाल में हिंदू-मुसलमान आबादी कितनी है और दोनों वर्गों के वोटर कितने हैं. अगर ताजा अनुमानों को आधार बनाया जाए तो राज्य में तकरीबन साढ़े छह करोड़ हिंदू और तकरीबन ढाई करोड़ की मुस्लिम आबादी है. पिछले वोटर लिस्ट में बढ़ोतरी की दर जोड़कर बताया जा रहा है कि राज्य के कुल वोटरों की संख्या साढ़े सात करोड़ के आसपास हो गई है. चुनाव आयोग अभी वोटरों की अंतिम सूची बाद में छापेगा. ऐसे में माना जा रहा है कि 70 फीसदी हिंदू मतदाता और तकरीबन 27 फीसदी मुस्लिम मतदाता हैं. स्वाभाविक तौर पर टीएमसी की रणनीति हिंदू वोटरों के साथ मुस्लिम मतदाताओं को जोड़कर सत्ता में बने रहने की होती है, जबकि बीजेपी पीएम मोदी के विकास और हिंदू मुद्दों को एजेंडा बनाती है.
इसी एजेंडे के तहत जब बीजेपी ने रामनवमी के मौके पर जुलूस निकालने की प्रशासन से इजाजत मांगी तो प्रशासन ने हीला हवाली की. इसका नतीजा हुआ कि बीजेपी को रामनवमी के जुलूस को राज्य में मुद्दा बनाने का मौका मिला. जब टीएमसी ने इसे समझा और उसके नेताओं ने बयान देने शुरू किए. यहां तक कि बिहार के वोटरों को रिझाने के लिए टीएमसी ने जोड़ा कि पार्टी दुर्गा पूजा और छठ की ही तरह रामनवमी की भी शोभायात्रा निकालेगी. तब तक शायद देर हो चुकी थी.
अगर ये वीडियो सही है तो राज्य सरकार का रुख देखकर ही रामनवमी जुलूस में चल रही बस को रोककर उसमें से भगवा झंडा उतरवाया गया. भगवा भले ही हिंदूवादी पार्टियों के समर्थन का प्रतीक बन गया हो, लेकिन यह सही है कि धार्मिक जुलूसों में भगवा रंग के झंडों का इस्तेमाल किया जाता रहा है. इस तरह से अगर कहा जाए कि बस से झंडा उतरवाने की घटना के तौर पर बीजेपी को एक और मुद्दा मिल गया है. इसके जरिए भी वो पश्चिम बंगाल के हिंदुओं को एकजुट करने की पुरजोर कोशिश करेगी.
Location :
Kolkata,West Bengal
First Published :
April 11, 2025, 15:23 IST